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राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक बेच रहे कबाड़ - याकूब खादर गुलवाडी

कोरोना वायरस से फैली महामारी ने लाखों लोगों की जान लेली. जो बच गए वह उसके दूरगामी प्रभावों से जूझ रहे हैं. याकूब खादर गुलवाडी (yakub Khader Gulvady) एक निर्देशक हैं, जिन्होंने फिल्म जगत में बड़ा सम्मान कमाया है. हालांकि, कोविड-19 के कारण उन्हें कबाड़ की दुकान पर काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है.

yakub Khader Gulvady
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Published : Oct 25, 2020, 7:41 PM IST

उडुपी : इस कलाकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है. उन्होंने केवल छठी कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन एक साहित्य प्रेमी हैं, जिन्होंने चार किताबें लिखी हैं. इस सब के बावजूद उन्होंने हर सम्मान, प्रसिद्धि और पदकों को किनारे कर दिया और मजबूर होकर कबाड़ की दुकान पर काम करने लगे.

उनका नाम है याकूब खादर गुलवाडी (yakub Khader Gulvady). उनकी कई रचनाओं ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं. वह ट्रिपल तालक के निर्माता हैं, जिसे नाइजीरिया में अबूजा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में चुना गया और विभिन्न देशों में प्रदर्शित किया गया. ट्रिपल तालक का निर्देशन करने से पहले वह रिजर्वेशन नाम की फिल्म पर कार्य कर रहे थे और उसने राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी जीते हैं.

फिल्म की दुनिया में कदम रखने से पहले याकूब खादर गुलवाडी (yakub Khader Gulvady) अपना पेट पालने के लिए कबाड़ की दुकान पर काम करते थे. बाद में उन्होंने चार किताबें लिखीं. उन्होंने कई विश्वस्तरीय सम्मेलनों में हिस्सा लिया है और 17 देशों की यात्रा की है. हालांकि, कोविड-19 के कारण उन्हें मजबूर होकर वहीं लौटना पड़ा जहां से उन्होंने शुरुआत की थी.

उडुपी : इस कलाकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है. उन्होंने केवल छठी कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन एक साहित्य प्रेमी हैं, जिन्होंने चार किताबें लिखी हैं. इस सब के बावजूद उन्होंने हर सम्मान, प्रसिद्धि और पदकों को किनारे कर दिया और मजबूर होकर कबाड़ की दुकान पर काम करने लगे.

उनका नाम है याकूब खादर गुलवाडी (yakub Khader Gulvady). उनकी कई रचनाओं ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं. वह ट्रिपल तालक के निर्माता हैं, जिसे नाइजीरिया में अबूजा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में चुना गया और विभिन्न देशों में प्रदर्शित किया गया. ट्रिपल तालक का निर्देशन करने से पहले वह रिजर्वेशन नाम की फिल्म पर कार्य कर रहे थे और उसने राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी जीते हैं.

फिल्म की दुनिया में कदम रखने से पहले याकूब खादर गुलवाडी (yakub Khader Gulvady) अपना पेट पालने के लिए कबाड़ की दुकान पर काम करते थे. बाद में उन्होंने चार किताबें लिखीं. उन्होंने कई विश्वस्तरीय सम्मेलनों में हिस्सा लिया है और 17 देशों की यात्रा की है. हालांकि, कोविड-19 के कारण उन्हें मजबूर होकर वहीं लौटना पड़ा जहां से उन्होंने शुरुआत की थी.

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