गुवाहाटी : NRC की फाइनल सूची जारी होने के बाद तकरीबन 1500 लोगों को लिस्ट से बाहर रखा गया है. ये लोग गुवाहाटी के पास मालाबारी के निवासी हैं. इन्हीं लोगों में से एक हैं स्वतंत्रता सेनानी सचिंद्र नाथ भट्टाचार्य का परिवार. इनके पूरे परिवार का नाम लिस्ट से बाहर रखा गया है. सचिंद्र नाथ भट्टाचार्य गोलाघाट जिले के सरुपथार के रहने वाले हैं.
गौरतलब है कि सचिंद्र को भारत की दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 'ताम्र पत्र' से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1997 में असम के मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार मनहता द्वारा भी 'ताम्र पत्र' से सम्मानित किया गया था.
परिवार ने दिए थे दस्तावेज
सचिंद्र नाथ भट्टाचार्य के बेटे, बहू और पोते के नाम को NRC से बाहर रखा गया है. जबकि परिवार जनों ने 1955, 1956 और 1971 के दस्तावेज प्रदान किए थे.
शिक्षक पद पर भी की थी सेवा
बता दें कि भट्टाचार्य काफी समय तक शिक्षक भी रहे. साथ ही उन्हें सरकार से पेंशन भी मिल रही है.
ऐसी ही एक घटना होजई जिले के लुमडिंग क्षेत्र में डेरापुर के लोगों के साथ हुई. जिसमें तकरीबन 40 फीसदी लोगों के नाम एनआरसी लिस्ट से बाहर रखे गए.
इन नामों में गारो, कोच, डालू, हाजोंग और हिंदू बंगाली लोग शामिल हैं.
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सांप्रदायिक हिंसा के बाद आए थे असम में
ये सभी लोग पूर्वी पाकिस्तान में 1964 की सांप्रदायिक हिंसा के बाद असम आए.
उन्हें गोलपारा जिले में शरणार्थी शिविरों में आश्रय दिया गया. 1967 के बाद लगभग 1414 परिवार को सरकार के नियमों और विनियमों के अनुसार भूमि और घर दिए गए.
वैध दस्तावेज जमा करने के बाद भी एनआरसी से बाहर नाम
इन लोगों के द्वारा वैध दस्तावेज जमा करने के बाद भी अंतिम एनआरसी से बाहर कर दिया गया.
क्षेत्र में 3000 लोगों के नाम एनआरसी से बाहर
रंगिया विधानसभा क्षेत्र में लगभग 3000 नामों को एनआरसी से बाहर रखा गया था.
इन लोगों में खांडिकर, कौरबहा, चेनिमारा, बिहापारा, ढेपरगाँव, डालनघाट, चिरखुंडी गांव शामिल हैं, जिनके नाम NRC में नहीं हैं. इन सभी लोगों के पास 1951 का डेटा है.