नागपुर : महाराष्ट्र में एक ऐसा रैकेट का पर्दाफाश हुआ है जो चोरों को चोरी करने के काम में लगाता था. चोरों को गिरोह में भर्ती करने के बाद प्रत्येक लूट में उन्हें उनका कमीशन दिया जाता था.
लुटेरों की धर पकड़ कोई नई बात नहीं है. हालांकि चोरों को पगार देना जरूर नया है. गिरोह में शामिल चोरों को हर माह 10-15 हजार रुपये मिलते थे और इनमें से कई पेशेवर चोर बिहार और झारखंड के हैं.
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इस गिरोह ने नाबालिग लड़कों को चोरी करने के लिए रखा था, जो छोट-छोटे दलों में कार्य करते थे. वारदात को अंजाम देने के बाद यह अपने गृह राज्य वापस लौट जाते थे.
नागपुर पुलिस के लिए इनको पकड़ना बहुत मुश्किल का काम था. हालांकि बेहतरीन प्लानिंग के साथ पुलिस सफल हुई.