कोविड-19 से पहले के परिदृश्य की बात करें तो शिक्षण पेशे को अधिकतर संस्थानों में पढ़ाना एक महत्वपूर्ण गतिविधि के रूप में जाना जाता था. मौजूदा संकट के कारण कई संस्थान पढ़ाने के अलावा भी कई परिणामों की अपेक्षा कर रहे हैं. अब उच्च शिक्षण संस्थानों में काम करने वाले शिक्षक राष्ट्रीय (एनआईआरएफ) और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर (क्यूएस वर्ल्ड ) आदि रैकिंग हासिल करने के प्रयास के साथ-साथ राजस्व के नए स्रोत पैदा करने के लिए सलाहकार, शोधकर्ता, प्रशिक्षक, पैसा जुटाने वाले और खरीद-बिक्री करने वाला बनने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके अलावा वे पढ़ाई को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. पिछले छह महीनों में विभिन्न तकनीक सीखकर शिक्षक एक 'आभासी शिक्षक' (Virtual teacher) बन गए हैं. स्कूलों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में पिछले छह महीनों के दौरान शिक्षक समुदाय का हुनरमंद होने के लिए सीखना एक बड़ा आश्चर्य है और वास्तव में सराहनीय है.
अब हम प्रबंधन पेशे के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तनों पर नजर डालते हैं. कॉर्पोरेट की प्रबंधन पेशेवरों से हर तरह के काम कराने की अपेक्षाएं हैं और ऐसे पेशेवरों की बहुत मांग है. कोविड -19 के कारण कंपनियां कम लागत में कई हुनर जानने वाले पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए के लिए उत्सुक हैं ताकि उनका खर्च कम हो. कोविड से पहले की तुलना में वित्त के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है. अब वित्त और लेखा पेशेवर एमएस एक्सेल, पावर बीआई, एसएपी-ईआरपी, एसक्यूएल डेटाबेस, वर्चुअल ऑडिट और डेटा एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर आदि तकनीकों को सीखकर अपना हुनर बढ़ा रहे हैं.
यह हुनर बढ़ाना उन्हें उभरते फाइन-टेक क्षेत्र के स्थान में फिट कर देगा. इसी तरह आईटी पेशेवर वित्त और बैंकिंग की मूल बातें सीखने के इच्छुक हैं ताकि पी 2 पी लेंडिंग, ओपन बैंकिंग, ब्लॉक-चेन और फाइनेंशियल रिसर्च जैसे उभरते क्षेत्रों में फाइन-टेक समाधान मुहैया करा सकें .
अगला काम मानव संसाधन का है जो किसी उद्यम में मानव संपदा के प्रबंधन के लिए जाना जाता है. उनका बुनियादी काम सही प्रतिभा (चयन और भर्ती) की पहचान करना है, और किसी उद्यम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली प्रतिभा को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण (सीखाना और विकसित करना ), प्रदर्शन मूल्यांकन (प्रतिक्रिया ) करना है. इसके अलावा वे नौकरी की डिजाइन तैयार करने, नौकरी का विश्लेषण करने, नौकरी का रोटेशन, मुआवजे का भुगतान करने, कर्मचारियों के लाभ की योजनाओं, प्रोन्नत्ति, शिकायत को नियंत्रित करने और विवाद होने पर उसके समाधान जैसी गतिविधियों में शामिल हैं.
इसके अलावा उनका मानव संपदा के साथ रोजाना का व्यवहार होता है इसलिए उन्हें अब व्यवहार अध्ययन, मनोविज्ञान, व्यवसाय प्रबंधन, संचार और सबसे महत्वपूर्ण तकनीक को गहराई से समझने की आवश्यकता है. साथ ही मानव संसाधन प्रबंधकों की कॉर्पोरेट संस्कृति स्थापित करने में भी भूमिका महत्वपूर्ण है.
कोविड -19 ने कर्मचारियों को घर से काम करने दिया है. उन्हें खुद को वर्चुअली ढालना एक थकाऊ काम होगा. इसलिए मानव संसाधन प्रबंधक ऑनलाइन लिखित परीक्षा, वर्चुअल ग्रुप डिस्कशन, वर्चुअल इंटरव्यू और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों पर सामाजिक व्यवहार का सत्यापन करने के लिए नए गुर सीख रहे हैं.
बेशक वे किसी को काम पर रखने के दौरान बड़ा जोखिम उठा रहे हैं क्योंकि वे वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर चरित्र, दृष्टिकोण और व्यवहार जैसी व्यक्तिगत विशेषताओं का आकलन नहीं कर सकते हैं. कोविड -19 ने कर्मचारियों के तनाव से संबंधित मुद्दों और क्रियाशील नहीं रहने पर उसका इंतजाम करने के लिए परामर्शदाता के रूप में मानव संसाधन प्रबंधकों की भूमिका को और बढ़ा दिया है.
इसी तरह कोविड -19 ने विपणन यानी मार्केटिंग के काम को फिर से परिभाषित किया है. कोविड से पहले की बात करें तो विपणन का काम बिक्री, विज्ञापन, ब्रांडिंग और बाजार अनुसंधान को संभालना था. अभी जारी इस महामारी के कारण सेल्स मैनेजर की जॉब प्रोफाइल पूरी तरह से उलट-पलट गई है.
महामारी ने व्यक्तिगत बिक्री को बंद कर दिया. विज्ञापन प्रबंधक ‘पे पर क्लिक (पीपीसी)’ जैसे डिजिटल मोड के विज्ञापनों की रणनीतियों को फिर से परिभाषित कर रहे हैं. इसके अलावा अमेजन प्राइम और नेटफ्लिक्स आदि जैसे ओटीटी (ओवर द टॉप ) चैनलों पर ध्यान दिया जा सकता है. इस तरह विपणन का काम डिजिटल विपणन में बदल रहा है जहां प्रौद्योगिकी इस काम का नेतृत्व और निर्देशन कर रही है. इसलिए विपणन प्रबंधकों को वेब डिज़ाइन, सोशल मीडिया प्रबंधन, गूगल ऐडवर्ड्स, एसईओ (खोज इंजन अनुकूलन), प्रोग्रामिंग और कंटेंट लेखन जैसे डिजिटल मार्केटिंग के नए युग के कौशल को सीखने की जरूरत है.
कोविड -19 प्रबंधन के कामों को नई उपलब्ध तकनीकों की मदद से तेजी से बदल रहा है. देश में आईआईटी और विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और मानविकी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में पाठ्यक्रम मुहैया कराते हैं.
यह व्यवसाय करने वाले समुदाय के भविष्य की जरूरतों के लिए मानव संसाधन को प्रशिक्षित करने के लिए मिलकर काम करने और बहु-विषयक पाठ्यक्रमों के साथ तालमेल बैठाने का समय है. साथ ही देश में बिजनेस स्कूलों को तकनीक-प्रेमी प्रबंधक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों / संस्थानों के साथ गठबंधन करना होगा. अंत में निष्कर्ष यह है कि संकट के इस दौर में वजूद को बचाए रखने के लिए मानव पूंजी को हर हाल में कई हुनर सीखने होंगे.