भोपाल : मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर 17 मार्च को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने को कहा है. इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की.
राज्यपाल से मिलने के बाद कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं राज्यपाल से मिला, हमने वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की. मैंने आज विधानसभा में उनके संबोधन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. मैंने कहा कि हम संविधान के भीतर चीजों के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसके दायरे से बाहर नहीं जा सकते. बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाई है.'
कमलनाथ ने कहा कि आज हमारे पास बहुमत के लिए जरूरी संख्याबल है. उन्होंने कहा, 'अगर कोई कहता है, कि हमारे पास (कांग्रेस) संख्याबल नहीं है, तो वे अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं, मुझे क्यों फ्लोर टेस्ट देना?'
उन्होंने कहा कि 16 विधायकों (कांग्रेस के बागी विधायकों) को क्या समस्या है? उन्हें मीडिया के सामने आना चाहिए और अपनी राय रखनी चाहिए.
इससे पहले राज्यपाल ने अफसोस जाहिर करते हुए लिखा है कि कमलनाथ द्वारा लिखे गए पत्र की भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है.
राज्यपाल ने कमलनाथ को संबोधित करते हुए लिखा, 'आपने सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है, वह वर्तमान परिस्थितियों और तथ्यों में लागू नहीं होता है.'
पत्र के अंत में राज्यपाल ने कमलनाथ से अपील करते हुए लिखा है, '...मेरा आपसे पुन: निवेदन है कि आप संवैधानिक एवं लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए कल दिनांक 17 मार्च, 2020 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें...'
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राज्यपाल ने कहा है कि विधानसभा में शक्ति परीक्षण न होने की स्थिति में यह माना जाएगा कि कमलनाथ सरकार को वास्तव में विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं है.