डूंगरपुर : शिक्षक भर्ती-2018 में टीएसपी क्षेत्र के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी अभ्यर्थियों से भरने की मांग को लेकर आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है. दूसरे दिन भी राष्ट्रीय राजमार्ग- 8 आंदोलनकारियों के कब्जे में रहा. ऐसे में हजारों की तादाद में इकट्ठा उपद्रवियों ने जिले से सटे करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र के हाईवे को अपने घेरे में ले रखा है और हर थोड़ी देर में पहाड़ियों से पत्थरबाजी हो रही है.
पुलिस और प्रशासन बैकफुट पर नजर आ रहा है और उपद्रवियों के शांत होने का इंतजार कर रहा है. हालांकि उपद्रवियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले भी दाग रही है और रबर बुलेट भी चला रही है, लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने से हालात पर पुलिस नियंत्रण नहीं कर पा रही है.
आंदोलनकारियों से सीएम गहलोत की अपील
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि डूंगरपुर में उपद्रव एवं हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल हो, शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है. प्रदर्शनकारियों से मेरी अपील है कृपया शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें.
सीएम से बात करें छात्रों का प्रतिनिधिमंडलः डोटासरा
वहीं, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लोगों के बहकावे में आकर कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की, जो बहुत ही निंदनीय है. डोटासरा ने आंदोलनकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि छात्रों के जनप्रतिनिधि आएं और मुख्यमंत्री से बैठकर बात करें. अगर किसी भी तरीके से कानून के तहत एक फीसदी आधार होगा और एक भी बच्चे को नौकरी मिलती है तो राजस्थान की सरकार फैसला करने को तैयार है.
भारतीय जनता पार्टी और भारतीय ट्राईबल पार्टी जिम्मेदारः रघुवीर मीणा
इस मामले पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि इस पूरे मामले के लिए भारतीय जनता पार्टी और भारतीय ट्राईबल पार्टी जिम्मेदार है. मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा आतंकवादियों की तरह आदिवासी अंचल में नारेबाजी करवाई जा रही है, जो सरासर गलत है.
सुबह सख्ती के बाद फिर बैकफुट पर आई पुलिस
शुक्रवार को पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए आंदोलनकारियों को तीन किलोमीटर पीछे खदेड़ दिया. इस दौरान हाईवे पर पड़े पत्थर, जले हुए टायर, जले हुए वाहनों को हटाने के लिए पुलिस ने जेसीबी का सहारा लिया, लेकिन एक घंटे के अंदर ही एक बार फिर पहाड़ियों से उपद्रवियों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से पुलिस को पीछे हटना पड़ा.
फिलहाल मोतली मोड़ से बिछीवाड़ा मार्ग उपद्रवियों के कब्जे में है और वहां पहाड़ियों से भारी संख्या में पत्थर बरसाए जा रहे हैं. हालांकि, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और हालात पर नजर बनाए हुए है.
प्रदर्शनकारियों से वार्ता को लेकर प्रशासन की ओर से भेजा गया प्रतिनिधि मंडल भी बैरंग लौट आया है. पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा, पूर्व प्रधान लक्ष्मण कोटेड, मार्क्सवादी पार्टी के नेता गौतम डामोर, पूर्व सरपंच सुखलाल अहारी सहित 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल काकरी डूंगरी पर पहुंचकर वार्ता की और समझाने के प्रयास किए, लेकिन उपद्रवी अपनी मांगों पर अड़े रहे और वार्ता विफल रही. इस कारण प्रतिनिधि मंडल बैरंग वापस लौट आया है.
गुरुवार को रात भर मचाया उत्पात
कांकरी डूंगरी पर चल रहे महापड़ाव में गुरुवार दोपहर बाद प्रदर्शनकारी हाईवे पर उतरे गए और मार्ग बाधित कर दिया. इसके बाद पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट, पत्थरबाजी के साथ सरकारी और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद देर रात से सुबह तड़के तक प्रदर्शनकारियों का उपद्रव जारी रहा. वहीं, देर रात को उपद्रवियों ने यहां एक होटल में लूटपाट करते हुए भारी तोड़फोड़ की और यहां खड़े वाहनों में आग लगा दी. इसके साथ ही हाईवे पर खड़े ट्रांसपोर्ट के वाहनों में भी तोडफोड़ करते हुए ट्रकों से खाद्य सामग्री, जूते जैसी सामग्री लूट ली.
क्या है मामला
दरअसल, शिक्षक भर्ती- 2018 में सामान्य वर्ग की खाली रही 1167 पदों पर एसटी वर्ग के अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. मांग को लेकर 7 सितंबर से अभ्यर्थी हाईवे पर काकरी डूंगरी में पड़ाव डाले हुए थे और गुरुवार को उन्होंने हाईवे जाम कर दिया. इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और थानेदार समेत कई पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया और कई वाहन फूंक दिए.