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दुनिया के इन देशों में रहता है भूकंप का सबसे अधिक खतरा

चीन, जापान, तुर्की, ईरान और भारत के कुछ इलाके उन क्षेत्रों में आते हैं, जहां भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका बनी रहती है. इसलिए वहां पर लोगों को अधिक सावधान रहने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं, इन देशों के नाम.

भूकंप
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Published : Oct 30, 2020, 10:35 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 10:58 PM IST

हैदराबाद : ग्लोबल अर्थक्वेक मॉडल (जीईएम) के वैज्ञानिकों ने एक वैश्विक मैपिंग तैयार की है. इसके अनुसार दुनिया के कुछ देशों में भूकंप आने की संभावना प्रबल बनी रहती है.

चीन- भूंकप से जितनी भी मौतें होती हैं, उनमें से आधी चीन में होती हैं. यह भूकंप प्रवण क्षेत्र है.

जापान- यह पेसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित है. यह दुनिया के सबसे अधिक भूकंप प्रवण क्षेत्रों में से एक है. हालांकि, जापान का भूकंप वार्निंग सिस्टम बहुत मजबूत है. जापान के पास दुनिया का सबसे अच्छा सिस्टम है. प्रशांत महासागर के चारों ओर विस्तृत ज्वालामुखीय व भूकम्पीय श्रृंखला है. इसे ही रिंग ऑफ फायर कहते हैं.

ईरान- जिस जगह पर यूरेशियन और अरबियन टेक्टोनिक प्लेट्स का मेल होता है, ईरान उसी भौगोलिक सीमा पर स्थित है. इसलिए यहां पर भी भूकंप के झटके अक्सर महसूस किए जाते हैं.

इंडोनेशिया और फिलीपींस की भी भौगोलिक स्थिति वैसी ही है. यहां के समुद्र में ज्वालामुखी और लगातार भूकंपों के लिए एक अस्थिर ब्रीडिंग क्षेत्र बनाते हैं.

तुर्की में भूकंप सबसे बड़ा प्राकृतिक खतरा माना जाता है. इसका सबसे बड़ा शहर इस्तांबुल एक्टिव फॉल्ट लाइन पर है.

भारत- दिल्ली के आसपास का क्षेत्र भारतीय टेक्टोनिक प्लेट की सीमा के पास है. यहां उच्च स्तर का जोखिम हमेशा रहता है.

मेक्सिको- पूरी दुनिया में सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय देशों में से एक है. यह तीन सबसे सक्रिय प्लेटों- उत्तरी अमेरिकी प्लेट, कोकोस प्लेट और प्रशांत प्लेट पर स्थित है.

नेपाल में भी भूकंप का खतरा बना रहता है.

पाकिस्तान- यहां के पहाड़ी क्षेत्र भूकंप प्रवण है. यह भारतीय और यूरेशियन प्लेट के ऊपर स्थित है. इसलिए उत्तरी पाकिस्तान में भूकंप के झटके बार-बार महसूस किए जाते हैं. मुजफ्फराबाद में सबसे अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

बांग्लादेश - जिस तरह से जापान में 2011 में रिक्टर स्केल पर 9 अंकों की तीव्रता मापी गई थी, कुछ विशेषज्ञों को आशंका है कि बांग्लादेश में भी ऐसी स्थिति बन सकती है. यह उसी तरह से एक्टिव मेगा थ्रस्ट फॉल्ट लाइन पर स्थित है.

ईक्वाडोर - यह नाजका प्लेट के ऊपर है. चिली में 20वीं सदी का सबसे बड़ा भूकंप 1960 में आया था. इसकी तीव्रता 9.5 थी.

ग्वाटेमाला - ग्वाटेमाला सिटी भूकंप के खतरे का क्षेत्र है.

संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में लगातार भूकंप का खतरा बना रहता है. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक सैन एंड्रियास फॉल्ट बे-ए एरिया सात महत्वपूर्ण फॉल्ट जोन में से एक है.

पेरू की राजधानी लीमा भूकंप प्रवण है. यह भूकंप के सबसे बड़े जोखिम वाले देश का हिस्सा है. दक्षिणी पेरू में अरेक्विपा क्षेत्र सबसे अधिक असुरक्षित है.

हैदराबाद : ग्लोबल अर्थक्वेक मॉडल (जीईएम) के वैज्ञानिकों ने एक वैश्विक मैपिंग तैयार की है. इसके अनुसार दुनिया के कुछ देशों में भूकंप आने की संभावना प्रबल बनी रहती है.

चीन- भूंकप से जितनी भी मौतें होती हैं, उनमें से आधी चीन में होती हैं. यह भूकंप प्रवण क्षेत्र है.

जापान- यह पेसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित है. यह दुनिया के सबसे अधिक भूकंप प्रवण क्षेत्रों में से एक है. हालांकि, जापान का भूकंप वार्निंग सिस्टम बहुत मजबूत है. जापान के पास दुनिया का सबसे अच्छा सिस्टम है. प्रशांत महासागर के चारों ओर विस्तृत ज्वालामुखीय व भूकम्पीय श्रृंखला है. इसे ही रिंग ऑफ फायर कहते हैं.

ईरान- जिस जगह पर यूरेशियन और अरबियन टेक्टोनिक प्लेट्स का मेल होता है, ईरान उसी भौगोलिक सीमा पर स्थित है. इसलिए यहां पर भी भूकंप के झटके अक्सर महसूस किए जाते हैं.

इंडोनेशिया और फिलीपींस की भी भौगोलिक स्थिति वैसी ही है. यहां के समुद्र में ज्वालामुखी और लगातार भूकंपों के लिए एक अस्थिर ब्रीडिंग क्षेत्र बनाते हैं.

तुर्की में भूकंप सबसे बड़ा प्राकृतिक खतरा माना जाता है. इसका सबसे बड़ा शहर इस्तांबुल एक्टिव फॉल्ट लाइन पर है.

भारत- दिल्ली के आसपास का क्षेत्र भारतीय टेक्टोनिक प्लेट की सीमा के पास है. यहां उच्च स्तर का जोखिम हमेशा रहता है.

मेक्सिको- पूरी दुनिया में सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय देशों में से एक है. यह तीन सबसे सक्रिय प्लेटों- उत्तरी अमेरिकी प्लेट, कोकोस प्लेट और प्रशांत प्लेट पर स्थित है.

नेपाल में भी भूकंप का खतरा बना रहता है.

पाकिस्तान- यहां के पहाड़ी क्षेत्र भूकंप प्रवण है. यह भारतीय और यूरेशियन प्लेट के ऊपर स्थित है. इसलिए उत्तरी पाकिस्तान में भूकंप के झटके बार-बार महसूस किए जाते हैं. मुजफ्फराबाद में सबसे अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

बांग्लादेश - जिस तरह से जापान में 2011 में रिक्टर स्केल पर 9 अंकों की तीव्रता मापी गई थी, कुछ विशेषज्ञों को आशंका है कि बांग्लादेश में भी ऐसी स्थिति बन सकती है. यह उसी तरह से एक्टिव मेगा थ्रस्ट फॉल्ट लाइन पर स्थित है.

ईक्वाडोर - यह नाजका प्लेट के ऊपर है. चिली में 20वीं सदी का सबसे बड़ा भूकंप 1960 में आया था. इसकी तीव्रता 9.5 थी.

ग्वाटेमाला - ग्वाटेमाला सिटी भूकंप के खतरे का क्षेत्र है.

संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में लगातार भूकंप का खतरा बना रहता है. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक सैन एंड्रियास फॉल्ट बे-ए एरिया सात महत्वपूर्ण फॉल्ट जोन में से एक है.

पेरू की राजधानी लीमा भूकंप प्रवण है. यह भूकंप के सबसे बड़े जोखिम वाले देश का हिस्सा है. दक्षिणी पेरू में अरेक्विपा क्षेत्र सबसे अधिक असुरक्षित है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 10:58 PM IST
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