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'ब्रू शरणार्थी' : पीएम मोदी ने 'मन की बात' में रखीं ये बातें...

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने शरणार्थी संकट समाप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस संबंध में पीएम मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में इस बात को रखा. जानें पीएम के संबोधन के अंश, ब्रू शरणार्थी समझौता और ब्रू शरणार्थियों से जुड़े कुछ अहम तथ्य...

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ब्रू शरणार्थी समझौता
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Published : Jan 27, 2020, 12:14 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 2:32 AM IST

नई दिल्ली : पीएम ने आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम 'मन की बात' में अपनी बातें रखी. इस दौरान पीएम ने कई अहम मुद्दों पर बात कही. इन्हीं में एक है मिजोरम के ब्रू शरणार्थियों का मुद्दा. पीएम ने इस समस्या पर बोलते हुए कहा, 'पिछले दिनों में जब त्योहारों की धूम थी तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था. इसके साथ ही, लगभग 25 वर्ष पुराने 'ब्रू रियांग रेफ्यूजी क्राइसेस', एक दर्दनाक चैप्टर का अंत हुआ.'

पीएम ने कहा, 'समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता खुल गया है.'

पीएम मोदी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, 'आखिरकार 2020 का नया दशक, ब्रू-रियांग समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया. करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा. ये समझौता कई वजहों से बहुत खास है.'

'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम ने किया ब्रू शरणार्थियों का जिक्र

ब्रू रियांग समझौता
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के संकट को समाप्त करने और त्रिपुरा में अपने सेटलमेंट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए.

उस समय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा भी मौजूद रहे.

बता दें समझौते के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा. इसके लिए 600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है.

पढ़ें : त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह

शाह ने कहा था, ब्रू शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ 40 से 30 फीट का प्लॉट मिलेगा. इसके अलावा 2 साल के लिए 5000 रुपये प्रति माह की नकद सहायता और मुफ्त राशन भी दिए जाएंगे.

कौन हैं ब्रू रियांग

  • ब्रू शरणार्थी अपने ही देश के शरणार्थी हैं. इन्हें 'ब्रू रियांग जनजाति' भी कहते हैं. मिजोरम में मिजो जनजातियों का कब्जा बनाए रखने के लिए मिजो उग्रवाद ने कई जनजातियों को निशाना बनाया, जिन्हें वो बाहरी समझते थे.
  • साल 1995 में यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने ब्रू जनजाति को बाहरी घोषित कर दिया.
  • अक्टूबर 1997 में ब्रू लोगों के खिलाफ जमकर हिंसा हुई. इस दौरान सैकड़ों घर जला दिए गए. इस घटना के बाद से ब्रू लोग अपनी जान बचाने के लिए रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं.
  • यहां के हालात इतने खराब हैं कि इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं.
  • ब्रू शरणार्थियों की मूल भाषा 'ब्रू' है.
  • जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 ब्रू रियांग परिवारों ने जिसमें करीब 30,000 लोग शामिल थे, उन्होंने मिजोरम से त्रिपुरा में शरण ली.

नई दिल्ली : पीएम ने आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम 'मन की बात' में अपनी बातें रखी. इस दौरान पीएम ने कई अहम मुद्दों पर बात कही. इन्हीं में एक है मिजोरम के ब्रू शरणार्थियों का मुद्दा. पीएम ने इस समस्या पर बोलते हुए कहा, 'पिछले दिनों में जब त्योहारों की धूम थी तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था. इसके साथ ही, लगभग 25 वर्ष पुराने 'ब्रू रियांग रेफ्यूजी क्राइसेस', एक दर्दनाक चैप्टर का अंत हुआ.'

पीएम ने कहा, 'समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता खुल गया है.'

पीएम मोदी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, 'आखिरकार 2020 का नया दशक, ब्रू-रियांग समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया. करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा. ये समझौता कई वजहों से बहुत खास है.'

'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम ने किया ब्रू शरणार्थियों का जिक्र

ब्रू रियांग समझौता
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के संकट को समाप्त करने और त्रिपुरा में अपने सेटलमेंट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए.

उस समय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा भी मौजूद रहे.

बता दें समझौते के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा. इसके लिए 600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है.

पढ़ें : त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह

शाह ने कहा था, ब्रू शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ 40 से 30 फीट का प्लॉट मिलेगा. इसके अलावा 2 साल के लिए 5000 रुपये प्रति माह की नकद सहायता और मुफ्त राशन भी दिए जाएंगे.

कौन हैं ब्रू रियांग

  • ब्रू शरणार्थी अपने ही देश के शरणार्थी हैं. इन्हें 'ब्रू रियांग जनजाति' भी कहते हैं. मिजोरम में मिजो जनजातियों का कब्जा बनाए रखने के लिए मिजो उग्रवाद ने कई जनजातियों को निशाना बनाया, जिन्हें वो बाहरी समझते थे.
  • साल 1995 में यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने ब्रू जनजाति को बाहरी घोषित कर दिया.
  • अक्टूबर 1997 में ब्रू लोगों के खिलाफ जमकर हिंसा हुई. इस दौरान सैकड़ों घर जला दिए गए. इस घटना के बाद से ब्रू लोग अपनी जान बचाने के लिए रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं.
  • यहां के हालात इतने खराब हैं कि इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं.
  • ब्रू शरणार्थियों की मूल भाषा 'ब्रू' है.
  • जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 ब्रू रियांग परिवारों ने जिसमें करीब 30,000 लोग शामिल थे, उन्होंने मिजोरम से त्रिपुरा में शरण ली.
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Last Updated : Feb 28, 2020, 2:32 AM IST
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