हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नागरिकों और सामाजिक संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में वाराणसी के लोगों ने गरीबों और जरूरतमंदों की जमकर मदद की है. इस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने का उन्होंने आग्रह किया.
पीएम मोदी ने सहयोग और मानव सेवा का अद्भुत नजीर प्रस्तुत करने वाली विभिन्न संस्थाओं से सीधा संवाद किया. उन्होंने कहा, 'यह भगवान भोले शंकर का ही आशीर्वाद है कि कोरोना के इस संकट काल में भी हमारी काशी उम्मीद और उत्साह से भरी हुई है.'
वीडिया कांफ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी ने वाराणसी के गायत्री परिवार ट्रस्ट के गंगाधर उपाध्याय, एचडीएफसी बैंक वाराणसी के सर्किल हेड मनीष टंडन, राष्ट्रीय रोटी बैंक की अध्यक्ष पूनम सिंह और सेंट्रल सिंधी पंचायत के पूर्व महामंत्री समाजसेवी सुरेंद्र लालवानी तथा बुनकर व सामाजिक कार्यकर्ता हाजी अनवर से सीधे संवाद किया.
प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से अपनी कुछ आदतें बदलने का आग्रह करते हुए कहा कि वे सिंगल यूज प्लास्टिक को बाय-बाय करें और पान खाकर रास्तों पर थूकने से बचें. उन्होंने कहा, 'दो गज की दूरी, गमछे या फेस मास्क पहनना और हाथ धोने की आदत को न तो हमें छोड़ना है और न ही किसी को छोड़ने देना है. अब इसको हमारा संस्कार बना देना है.'
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उन्होंने कोरोना को लेकर कहा कि यूपी ने न सिर्फ कोरोना की स्थिति को काबू किया है, बल्कि संक्रमण को फैलने से भी रोका है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कोरोना की आपदा इतनी बड़ी है कि इससे निबटने के लिए लगातार काम करना होगा लेकिन, संतोष कर के बैठा नहीं जा सकता. हमारे बुनकर भाई बहन हों, नाव चलाने वाले हमारे साथी हों, या व्यापारी-कारोबारी, सभी को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं. हमारा निरंतर प्रयास है कि सभी को कम से कम दिक्कत हो. बनारस भी आगे बढ़ता रहेगा.'
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इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने वाराणसी को 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद कोरोना संकट काल के दौरान वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सरकारी अधिकारियों और स्थानीय लोगों के संपर्क में लगातार बने रहे और काशी का हाल-चाल लेते रहे.
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मोदी ने कहा कि सरकार के हाल के फैसलों के बाद यहां की साड़ियां, यहां के दूसरे हस्तशिल्प, यहां के डेयरी, मत्स्य पालन व मधुमक्खी पालन के व्यवसाय के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे.
उन्होंने कहा, 'लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे. यह भी सही है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है, लेकिन यह भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में हमारी काशी ने डटकर मुकाबला किया है.'
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पीएम मोदी ने बनारस के विकास कार्यों को लेकर स्थानीय विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों से लंबा विचार-विमर्श किया और बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर भी जानकारियां हासिल कीं. उन्होंने कहा, 'काशी में लगभग 8 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर अलग-अलग काम चल रहा है. काशी को हम आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रेरक के रूप में भी विकसित करें.'
उन्होंने आगे कहा कि जब स्थितियां सामान्य होंगी तो काशी में पुरानी रौनक लौट आएगी. गंगा आरती के लिए ऑडियो वीडियो स्क्रीन लगाने का काम, दशाश्वमेध घाट का सुंदरीकरण जल्द होगा. वह काशी को एक नए केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि काशी को भारत के बड़े एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा.