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स्कूल की महिला सहायिकाओं पर आरोप, नाबालिग बच्ची का किया यौन उत्पीड़न

प्री-स्कूल की दो महिला सहायिकाओं पर आरोप है कि उन्होंने साढ़े तीन साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न किया है. पुलिस मामले की तफ्तीश में लगी हुई है.

कॉन्सेप्ट.
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Published : Apr 15, 2019, 8:00 AM IST

हैदराबाद: हैदराबाद के माधापुर इलाके में एक निजी प्री-स्कूल की दो महिला सहायिकाओं पर साढ़े तीन साल की एक बच्ची का कथित यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

बच्ची की मां ने 10 अप्रैल को यह शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक, महिला सहायिकाओं ने उसकी बेटी के गुप्तांगों में पत्थर ठूंस डाले.

पढ़ेंःकेंद्रीय मंत्री बिरेंदर सिंह ने अमित शाह को भेजा इस्तीफा

पुलिस ने बताया कि पॉक्सो कानून की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया था. शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर पुलिस का कहना है कि यौन हमले के कोई सबूत नहीं हैं.

बहरहाल, मामले की छानबीन जारी है. पुलिस आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है.

आपको बता दें, पॉक्सो का पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012. इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है.

पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं, जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है. इस धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है.

हैदराबाद: हैदराबाद के माधापुर इलाके में एक निजी प्री-स्कूल की दो महिला सहायिकाओं पर साढ़े तीन साल की एक बच्ची का कथित यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

बच्ची की मां ने 10 अप्रैल को यह शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक, महिला सहायिकाओं ने उसकी बेटी के गुप्तांगों में पत्थर ठूंस डाले.

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पुलिस ने बताया कि पॉक्सो कानून की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया था. शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर पुलिस का कहना है कि यौन हमले के कोई सबूत नहीं हैं.

बहरहाल, मामले की छानबीन जारी है. पुलिस आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है.

आपको बता दें, पॉक्सो का पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012. इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है.

पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं, जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है. इस धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है.

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NAT-HN-hyderabad-15-04-2019-BHASHA


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