नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की कड़ी में शुक्रवार को 'देखो अपना देश' वेबिनार श्रृंखला को 'योग एवं स्वास्थ्य' विषय को समर्पित किया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई.
इस कार्यक्रम में योग और इसके दर्शन से संबंधित उत्तराखंड की तीन हस्तियों को एक मंच पर लाया गया. वेबिनार में तीनों विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार योग का प्राचीन दर्शन एक स्वस्थ, सुखद और तनाव मुक्त जीवन जीने में सहायक सिद्ध होता है और किस प्रकार योग के जरिए शारीरिक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. कोविड-19 संक्रमण से मुकाबले में शरीर की रोग- प्रतिरोधक क्षमता को काफी महत्वपूर्ण माना गया है.
उत्तराखंड के पर्यटन सचिव एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिलीप जावलकर ने कहा, 'हम पर्यटन मंत्रालय के अत्यंत आभारी हैं कि हमें इस उपयोगी कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया. योग के फायदों को बढ़ावा देने तथा इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों को सेहतमंद व तनावमुक्त रहने के तरीके बताने के लिए यह कार्यक्रम प्रासंगिक है. दुनिया भर से प्रचीन समय से ही लोग आयुर्वेद, योग और ध्यान के लिये उत्तराखंड आते रहे हैं.'
उन्होंने कोविड-19 के संदर्भ में योग के महत्व का जिक्र करते हुए कहा, 'हम स्वास्थ्य और यात्रा का सर्वोत्तम अनुभव मुहैया कराने के लिये समर्पित हैं. उत्तराखंड की स्थिति का लाभ लेते हुए हम अपने प्रदेश को वैश्विक कल्याण का केंद्र बनाना चाहते हैं. वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत योग शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण पद्धति है. इस बार 21 जून को विश्व योग दिवस की मुख्य विषयवस्तु 'घर पर योग और परिवार के साथ योग’ है.
हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. चिन्मय पांड्या ने इस वेबिनार में 'योगिक दर्शन, योगसूत्र एवं मन शीर्षक' नामक सत्र में बताया कि योग किस प्रकार मन को प्रभावित करता है. उन्होंने योग की मदद से विचारों को नियंत्रित करने, योग से सकारात्मक सोच को प्रेरित करने और तनाव से मुक्त रहने के तरीकों पर प्रकाश डाला.
देश की योग राजधानी 'ऋषिकेश' के डॉ लक्ष्मी नारायाण जोशी ने वेबिनार में नाड़ी विज्ञान की स्वास्थ्यप्रद तकनीकों को विस्तार से समझाया तथा कुछ विशेष पारंपरिक उपचारों के बारे में भी बताया, जो प्राचीन विज्ञान से प्रेरित हैं. इन तकनीकों से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और मौजूदा महामारी का मुकाबला करने में भी सहायक सिद्ध होते हैं.
पद्मश्री डॉ. भारत भूषण ने रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं शक्ति बढ़ाने में योग की भूमिका पर बात की. उन्होंने सरल योग आसन और प्राणायाम भी प्रदर्शित किए, जिनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्रालय की इस पहल के तहत वेबिनार के माध्यम से भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों व ऐतिहासिक स्थलों की विस्तृत जानकारी दी जाती है.