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रक्षा मंत्रालय पारिवारिक पेंशन : लगातार सात साल की न्यूनतम सेवा जरूरत समाप्त

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Published : Oct 6, 2020, 3:31 AM IST

केंद्र सरकार की ओर से रक्षा कर्मियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की गई है. इसके तहत बढ़ी हुई परिवारिक पेंशन के लिए न्‍यूनतम सेवा की अनिवार्यता समाप्‍त कर दी गई है. रक्षा मंत्रालय ने मृत रक्षाकर्मियों के परिजनों के लिए बढ़ी हुई साधारण पारिवारिक पेंशन (ईओएफपी) के वास्ते लगातार सात साल की न्यूनतम सेवा जरूरत को समाप्त कर दिया है. नए प्रावधान एक अक्‍टूबर, 2019 से प्रभावी होंगे.

रक्षा मंत्रालय पारिवारिक पेंशन
रक्षा मंत्रालय पारिवारिक पेंशन

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ईओएफपी रक्षाकर्मी के पिछले वेतन का 50 प्रतिशत होती है. यह सेवा के दौरान कर्मी की मृत्यु की तारीख से 10 साल के लिए देय होती है. मंत्रालय ने कहा, 'लगातार सात साल की सेवा जरूरत (ईओएफपी प्राप्त करने के लिए) एक अक्टूबर 2019 से खत्म कर दी गई है.'

सोमवार को जारी एक बयान में रक्षा मंत्रालय ने उल्लेख किया कि यदि नौकरी छोड़ने, सेवानिवृत्ति, सेवामुक्ति के बाद सेवाकर्मी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी मौत से सात साल तक के लिए या उस समय तक जब कर्मी 67 साल का होता, जो भी पहले हो, तक के लिए ईओएफपी दी जाती है.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जिन रक्षा कर्मियों की मृत्यु लगातार सात साल की सेवा होने से पूर्व एक अक्टूबर 2019 से पहले 10 साल के भीतर हुई है, उनके परिजनों को अब ईओएफपी मिलेगी.

अब तक रक्षा बलों के कर्मियों के परिजनों को ईओएफपी देने के लिए संबंधित रक्षाकर्मी की लगातार सात साल की सेवा पूरी होने का नियम था, लेकिन अब यह जरूरत समाप्त कर दी गई है.

बढ़ी हुई साधारण पारिवारिक पेंशन (ईओएफपी) जहां सशस्त्र बल के कर्मी के पिछले वेतन की 50 प्रतिशत है, वहीं साधारण पारिवारिक पेंशन (ओएफपी) कर्मी के पिछले वेतन की 30 प्रतिशत होती है.

मौजूदा प्रावधान के तहत रक्षा बलों के कर्मी के निकट संबंधी को बढ़ी हुई दर से साधारण परिवार पेंशन लेने के लिए 7 वर्ष की निरंतर सेवा करना अनिवार्य है. 7 साल की निरंतर सेवा की अनिवार्यता समाप्‍त करने की अवधि पहली अक्‍टूबर, 2019 से लागू होगी.

इसके अलावा एक अक्‍टूबर, 2019 से पहले 10 वर्ष के अंदर सात साल की निरंतर सेवा करने से पहले ही दिवंगत रक्षा कर्मियों के परिवार भी बढ़ी हुई दरों से परिवारिक पेंशन के पात्र होंगे.

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ईओएफपी रक्षाकर्मी के पिछले वेतन का 50 प्रतिशत होती है. यह सेवा के दौरान कर्मी की मृत्यु की तारीख से 10 साल के लिए देय होती है. मंत्रालय ने कहा, 'लगातार सात साल की सेवा जरूरत (ईओएफपी प्राप्त करने के लिए) एक अक्टूबर 2019 से खत्म कर दी गई है.'

सोमवार को जारी एक बयान में रक्षा मंत्रालय ने उल्लेख किया कि यदि नौकरी छोड़ने, सेवानिवृत्ति, सेवामुक्ति के बाद सेवाकर्मी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी मौत से सात साल तक के लिए या उस समय तक जब कर्मी 67 साल का होता, जो भी पहले हो, तक के लिए ईओएफपी दी जाती है.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जिन रक्षा कर्मियों की मृत्यु लगातार सात साल की सेवा होने से पूर्व एक अक्टूबर 2019 से पहले 10 साल के भीतर हुई है, उनके परिजनों को अब ईओएफपी मिलेगी.

अब तक रक्षा बलों के कर्मियों के परिजनों को ईओएफपी देने के लिए संबंधित रक्षाकर्मी की लगातार सात साल की सेवा पूरी होने का नियम था, लेकिन अब यह जरूरत समाप्त कर दी गई है.

बढ़ी हुई साधारण पारिवारिक पेंशन (ईओएफपी) जहां सशस्त्र बल के कर्मी के पिछले वेतन की 50 प्रतिशत है, वहीं साधारण पारिवारिक पेंशन (ओएफपी) कर्मी के पिछले वेतन की 30 प्रतिशत होती है.

मौजूदा प्रावधान के तहत रक्षा बलों के कर्मी के निकट संबंधी को बढ़ी हुई दर से साधारण परिवार पेंशन लेने के लिए 7 वर्ष की निरंतर सेवा करना अनिवार्य है. 7 साल की निरंतर सेवा की अनिवार्यता समाप्‍त करने की अवधि पहली अक्‍टूबर, 2019 से लागू होगी.

इसके अलावा एक अक्‍टूबर, 2019 से पहले 10 वर्ष के अंदर सात साल की निरंतर सेवा करने से पहले ही दिवंगत रक्षा कर्मियों के परिवार भी बढ़ी हुई दरों से परिवारिक पेंशन के पात्र होंगे.

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