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एमआई-17 चॉपर केस : वायुसेना के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पिछले साल गलती से एमआई-17 चॉपर मार गिराने के मामले में वायुसेना के दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है. दोनों अधिकारियों को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया था. दोनों अधिकारियों पर कोर्ट मार्शल के तहत आगे की कार्रवाई की जानी थी. हालांकि, अब इस पर 30 सितंबर तक रोक लगा दी गई है.

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एमआई-17 चॉपर केस
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Published : Sep 15, 2020, 11:52 AM IST

श्रीनगर : सैन्य अदालत ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पिछले साल गलती से हेलीकॉप्टर मार गिराने के मामले में गिरफ्तार सेना के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर 30 सितंबर तक रोक लगा दी है. गौरतलब है कि अफसरों की लगती से भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर Mi-17V-5 भी मिसाइल की चपेट में आ गया था और चॉपर में सवार छह लोगों की मौत हो गई थी.

बता दें कि भारतीय सेना ने पिछले साल पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए थे. इससे चिढ़े पाकिस्तान ने भी जवाबी हमला करने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था. इसी दौरान एमआई17वी-5 चॉपर भी चपेट में आ गया था.

इस चॉपर को मार गिराने के मामले में वायुसेना के अधिकारी ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया था.

इस पूरे मामले में वायुसेना के छह अधिकारियों के खिलाफ जांच चली. ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट मार्शल का फैसला सुनाया गया था. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के फैसले को सैन्य अदालत में चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें- अपना ही हेलीकॉप्टर मार गिराना 'बड़ी चूक' थी : वायुसेना प्रमुख

सैन्य अदालत में दोनों अधिकारियों के वकील ने कहा कि इन पर लिया गया फैसला उचित नहीं है. इसके कोर्ट ने तय किया कि फिलहाल अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. दोनों अधिकारियों को 30 सितंबर तक की राहत मिली है, इसके बाद सैन्य अदालत मामले की दोबारा सुनवाई करेगी.

श्रीनगर : सैन्य अदालत ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पिछले साल गलती से हेलीकॉप्टर मार गिराने के मामले में गिरफ्तार सेना के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर 30 सितंबर तक रोक लगा दी है. गौरतलब है कि अफसरों की लगती से भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर Mi-17V-5 भी मिसाइल की चपेट में आ गया था और चॉपर में सवार छह लोगों की मौत हो गई थी.

बता दें कि भारतीय सेना ने पिछले साल पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए थे. इससे चिढ़े पाकिस्तान ने भी जवाबी हमला करने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था. इसी दौरान एमआई17वी-5 चॉपर भी चपेट में आ गया था.

इस चॉपर को मार गिराने के मामले में वायुसेना के अधिकारी ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया था.

इस पूरे मामले में वायुसेना के छह अधिकारियों के खिलाफ जांच चली. ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट मार्शल का फैसला सुनाया गया था. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के फैसले को सैन्य अदालत में चुनौती दी थी.

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सैन्य अदालत में दोनों अधिकारियों के वकील ने कहा कि इन पर लिया गया फैसला उचित नहीं है. इसके कोर्ट ने तय किया कि फिलहाल अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. दोनों अधिकारियों को 30 सितंबर तक की राहत मिली है, इसके बाद सैन्य अदालत मामले की दोबारा सुनवाई करेगी.

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