ETV Bharat / bharat

विहिप को भरोसा- निर्धारित अवधि के भीतर हो जाएगा राम मंदिर ट्रस्ट का गठन - delay in ram mandir trust formation

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को तीन माह के अंदर राम मंदिर ट्रस्ट का गठन करने का निर्देश दिया गया था. तीन माह पूरे होने को है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठया गया है. इसी मुद्दे को लेकर प्रयागराज में संत समाज के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की एक बैठक भी हुई. इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव मिलिंद परांदे ने ईटीवी भारत से बात की.

ETV BHARAT
मिलिंद परांडे, अंतरराष्ट्रीय महासचिव (VHP)
author img

By

Published : Jan 25, 2020, 5:08 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 9:20 AM IST

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट का गठन तीन महीने के भीतर किया जाना था. तीन महीने का समय खत्म होने में अब महज दो हफ्ते ही रह गए हैं, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है.

ऐसे में कुछ सवाल उठने भी शुरू हुए थे कि संत समाज के बीच राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन पर एकमत ना होना भी देरी का एक कारण हो सकता है.

खैर, इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संत समाज के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की एक बैठक भी हुई, जिसमें राम मंदिर निर्माण पर भी चर्चा हुई. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे.

राम मंदिर ट्रस्ट के गठन पर विहिप महासचिव मिलिंद परांदे से बातचीत.

ईटीवी भारत ने इस विषय पर विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव मिलिंद परांदे से बात की, जिन्होंने बताया कि संत समाज में कोई मतभेद नहीं है और अभी तीन माह का समय भी पूरा नहीं हुआ है.

परांदे ने भरोसा जताया कि चूंकि इस सरकार में कई ऐसे नेता और मंत्री मौजूद हैं, जो खुद राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं, ऐसे में समय से पहले ही ट्रस्ट का गठन हो जाएगा और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा.

पढ़ें- अयोध्या मामले में एक कदम और, केंद्र सरकार ने बनाई तीन अफसरों की अलग डेस्क

अभी हाल में ही विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष नवरात्र में राम मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ होगा.

मिलिंद ने भी यही उम्मीद जताई और कहा कि फरवरी के पहले हफ्ते में तीन माह का समय पूरा हो रहा है. उससे पहले ही ट्रस्ट का गठन होकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

विहिप महासचिव ने यह भी कहा है कि विश्व हिन्दू परिषद चाहता है कि सरकार द्वारा बनाया गया ट्रस्ट सरकारी न हो और उसमें राजनीतिक लोग भी शामिल न हों.

विहिप की यह भी इच्छा है कि मंदिर का निर्माण जनता के पैसे से हो न कि सरकारी पैसे से. इसके साथ ही जिन पत्थरों को पहले से तराशा जा चुका है, उन्हीं पत्थरों से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होना चाहिए.

ऐसी बातें चर्चा में आ रही थी कि मंदिर के पुराने मॉडल की जगह अब कोई दूसरा मॉडल लाया जाएगा जो कि पहले से भी विशाल और भव्य होगा. हालांकि विश्व हिन्दू परिषद ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया.

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट का गठन तीन महीने के भीतर किया जाना था. तीन महीने का समय खत्म होने में अब महज दो हफ्ते ही रह गए हैं, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है.

ऐसे में कुछ सवाल उठने भी शुरू हुए थे कि संत समाज के बीच राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन पर एकमत ना होना भी देरी का एक कारण हो सकता है.

खैर, इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संत समाज के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की एक बैठक भी हुई, जिसमें राम मंदिर निर्माण पर भी चर्चा हुई. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे.

राम मंदिर ट्रस्ट के गठन पर विहिप महासचिव मिलिंद परांदे से बातचीत.

ईटीवी भारत ने इस विषय पर विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव मिलिंद परांदे से बात की, जिन्होंने बताया कि संत समाज में कोई मतभेद नहीं है और अभी तीन माह का समय भी पूरा नहीं हुआ है.

परांदे ने भरोसा जताया कि चूंकि इस सरकार में कई ऐसे नेता और मंत्री मौजूद हैं, जो खुद राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं, ऐसे में समय से पहले ही ट्रस्ट का गठन हो जाएगा और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा.

पढ़ें- अयोध्या मामले में एक कदम और, केंद्र सरकार ने बनाई तीन अफसरों की अलग डेस्क

अभी हाल में ही विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष नवरात्र में राम मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ होगा.

मिलिंद ने भी यही उम्मीद जताई और कहा कि फरवरी के पहले हफ्ते में तीन माह का समय पूरा हो रहा है. उससे पहले ही ट्रस्ट का गठन होकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

विहिप महासचिव ने यह भी कहा है कि विश्व हिन्दू परिषद चाहता है कि सरकार द्वारा बनाया गया ट्रस्ट सरकारी न हो और उसमें राजनीतिक लोग भी शामिल न हों.

विहिप की यह भी इच्छा है कि मंदिर का निर्माण जनता के पैसे से हो न कि सरकारी पैसे से. इसके साथ ही जिन पत्थरों को पहले से तराशा जा चुका है, उन्हीं पत्थरों से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होना चाहिए.

ऐसी बातें चर्चा में आ रही थी कि मंदिर के पुराने मॉडल की जगह अब कोई दूसरा मॉडल लाया जाएगा जो कि पहले से भी विशाल और भव्य होगा. हालांकि विश्व हिन्दू परिषद ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया.

Intro:अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट का गठन 3 महीने के भीतर करना था और 3 महीने का समय खत्म होने में अब महज दो हफ्ते ही रह गए हैं लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। ऐसे में कुछ सवाल उठने भी शुरू हुए थे कि संत समाज के बीच राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन पर एकमत ना होना भी देरी का एक कारण हो सकता है।
इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संत समाज के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की एक बैठक भी हुई जिसमें निश्चित तौर पर राम मंदिर निर्माण पर भी चर्चा हुई। विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।
ईटीवी भारत ने इस विषय पर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे से बात की जिन्होंने बताया कि संत समाज में कोई मतभेद नहीं है और अभी 3 महीने का समय भी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने भरोसा जताया कि चुकी इस सरकार में कई ऐसे नेता और मंत्री मौजूद हैं जो खुद राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं ऐसे में समय से पहले ही ट्रस्ट का गठन हो जाएगा और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा।


Body:अभी हाल में ही विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा था कि उन्हें उम्मीद है इस वर्ष के नवरात्रे में राम मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ होगा। मिलिंद परांडे ने भी यही उम्मीद जताई है और कहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में 3 महीने का समय पूरा हो रहा है और उससे पहले ही ट्रस्ट का गठन होकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी विहिप महासचिव ने यह भी कहा है कि विश्व हिंदू परिषद चाहता है कि सरकार द्वारा बनाया गया ट्रस्ट सरकारी ना हो और उसमें राजनीतिक लोग भी शामिल ना हो। इसके साथ ही मंदिर का निर्माण जनता के पैसे से हो ना कि सरकारी पैसे से। जनता के द्वारा योगदान से ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए ऐसा विश्व हिंदू परिषद का मानना है। साथ ही जिन पत्थरों को पहले से तराशा जा चुका है उन्हीं पत्थरों से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होना चाहिए।


Conclusion:ऐसी बातें चर्चा में आ रही थी कि मंदिर के पुराने मॉडल की जगह अब कोई दूसरा मॉडल लाया जाएगा जो कि पहले से भी विशाल और भव्य होगा लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने ऐसी किसी भी बात की जानकारी ना होने की बात कही है।
Last Updated : Feb 18, 2020, 9:20 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.