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असम NRC : गृह मंत्रालय की लोगों से अपील, अफवाहों पर न दें ध्यान - असम एनआरसी

असम में एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को प्रकाशित होने वाली है. अंतिम सूची आने से पहले लोगों में काफी बेचैनी है. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने लोगों से किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.

असम एनआरसी
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Published : Aug 30, 2019, 8:27 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:46 PM IST

नई दिल्लीः असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की सूची शनिवार (31 अगस्त) को प्रकाशित होने वाली है. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने असम के लोगों से आग्रह किया है कि एनआरसी प्रकाशन से संबंधित अफवाहों पर ध्यान न दें.

गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि एनआरसी में किसी व्यक्ति का नाम शामिल न होने से अप्रवासी नहीं हो जाएगा. गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यदि किसी व्यक्ति का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में नहीं आता है, तो वह विदेश न्यायाधिकरण में अपील कर सकता है.

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गृह मंत्रालय असम एनआरसी पर

शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले असम सरकार ने पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए है. इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय लगातार राज्य सरकार से मौजूदा हालत के बारे में जानकारी ले रही है और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सुरक्षा के इंतजामों की समीक्षा कर रहा है.

आशंका है कि एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद नाम न आने पर लोग विरोध स्वरूप राज्य में आन्दोलन कर सकते हैं.

पढ़ेंः बिंदुवार समझें क्या है NRC और क्यों है इस पर विवाद

एनआरसी असम में रहने वाले नागरिकों की एक सूची है और वर्तमान में राज्य के भीतर बोनाफाइड नागरिकों को बनाए रखने और बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों को बाहर निकालने के लिए अंतिम सूची तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि असम मे 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है और एनआरसी की अंतिम सूची कोर्ट की निगरानी में बन रही है.

असम के नेताओं ने एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले अपनी प्रतिक्रिया दी है.

ऑल असम माइनॉरिटीज स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) ने कहा कि असम के लोगों के सभी दस्तावेज जमा करने के बावजूद अगर किसी का नाम एनआरसी की अन्तिम सूची नहीं आता है तो हम एनआरसी प्राधिकरण का विरोध करेंगे.

कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार अखिल गोगोई ने एनआरसी के खिलाफ पर बीजेपी और आरएसएस पर 'साजिश' रचने का आरोप लगाया है.

असम के भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास ने कहा कि उनकी पार्टी उन सभी भारतीय नागरिकों के साथ खड़ी है, जिनका नाम एनआरसी की अन्तिम सूची में नहीं आता है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक की रक्षा करने हमारा कर्तव्य है और यह हमारी जिम्मेदारी भी है.

पढ़ें-NRC: जिनके नाम छूट गए, वे लोग अब तक 7836 करोड़ खर्च कर चुके हैं

उन्होंने कहा कि इस समय वोट बैंक की राजनीति करने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हम हर भारतीय का उनकी जाति, धर्म और भाषा की परवाह किए बिना समर्थन करते हैं.

इसी बीच हमेशा अपने बयानों से विवादों में रहने वाले भाजपा विधायक शिलादित्य देव ने आरोप लगाया कि 96 से 97 प्रतिशत अवैध लोगों को एनआरसी की सूची में शामिल किया जा रहा है, जिस पर कोई भी पार्टी या अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है.

बता दें कि असम गण परिषद सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने के अपने रुख पर अड़ी हुई है.

एजीपी नेता कुमार दीपक दास ने कहा कि एनआरसी प्रक्रिया में आज तक जो किया गया है, वह संतोषजनक है. उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट हमें एक सफल एनआरसी प्रदान करेगी, जिस पर हम लोग विश्वास कर सकेंगे, यही असम समझौता भी चाहता है.

पढ़ें-असम में 1971 के बाद नहीं आया एक भी शरणार्थी : रिपोर्ट

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल लगातार एनआरसी की प्रक्रिया को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं. वे इस्लाम एनआरसी के अधिकारियों और कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला पर जमकर बरसे. उन्होंने आरोप लगाया की हजेला सत्तारूढ़ राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे है.

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि आम जनता एनआरसी प्रकाशित करने से पहले भय और चिंता में जी रही है. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग लंबे समय से असम के निवासी हैं, उन लोगों की रातों की नीद हराम हो गई है.

गोगोई ने आगे कहा कि यदि एनआरसी को उचित तरीके से नहीं प्रकाशित किया जाता है तो राज्य में आंदोलन होने के आसर हैं.

प्रख्यात अधिवक्ता और कार्यकर्ता उपमन्यु हजारिक ने सरकार द्वारा एनआरसी सूची के संबंध में लोगों को दिए जा रहे अतिरिक्त समय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सरकार को उन लोगों को अतिरिक्त समय नहीं देना चाहिए, जिनका एनआरसी की सूची में नाम नहीं है.

नई दिल्लीः असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की सूची शनिवार (31 अगस्त) को प्रकाशित होने वाली है. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने असम के लोगों से आग्रह किया है कि एनआरसी प्रकाशन से संबंधित अफवाहों पर ध्यान न दें.

गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि एनआरसी में किसी व्यक्ति का नाम शामिल न होने से अप्रवासी नहीं हो जाएगा. गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यदि किसी व्यक्ति का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में नहीं आता है, तो वह विदेश न्यायाधिकरण में अपील कर सकता है.

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गृह मंत्रालय असम एनआरसी पर

शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले असम सरकार ने पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए है. इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय लगातार राज्य सरकार से मौजूदा हालत के बारे में जानकारी ले रही है और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सुरक्षा के इंतजामों की समीक्षा कर रहा है.

आशंका है कि एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद नाम न आने पर लोग विरोध स्वरूप राज्य में आन्दोलन कर सकते हैं.

पढ़ेंः बिंदुवार समझें क्या है NRC और क्यों है इस पर विवाद

एनआरसी असम में रहने वाले नागरिकों की एक सूची है और वर्तमान में राज्य के भीतर बोनाफाइड नागरिकों को बनाए रखने और बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों को बाहर निकालने के लिए अंतिम सूची तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि असम मे 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है और एनआरसी की अंतिम सूची कोर्ट की निगरानी में बन रही है.

असम के नेताओं ने एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले अपनी प्रतिक्रिया दी है.

ऑल असम माइनॉरिटीज स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) ने कहा कि असम के लोगों के सभी दस्तावेज जमा करने के बावजूद अगर किसी का नाम एनआरसी की अन्तिम सूची नहीं आता है तो हम एनआरसी प्राधिकरण का विरोध करेंगे.

कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार अखिल गोगोई ने एनआरसी के खिलाफ पर बीजेपी और आरएसएस पर 'साजिश' रचने का आरोप लगाया है.

असम के भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास ने कहा कि उनकी पार्टी उन सभी भारतीय नागरिकों के साथ खड़ी है, जिनका नाम एनआरसी की अन्तिम सूची में नहीं आता है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक की रक्षा करने हमारा कर्तव्य है और यह हमारी जिम्मेदारी भी है.

पढ़ें-NRC: जिनके नाम छूट गए, वे लोग अब तक 7836 करोड़ खर्च कर चुके हैं

उन्होंने कहा कि इस समय वोट बैंक की राजनीति करने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हम हर भारतीय का उनकी जाति, धर्म और भाषा की परवाह किए बिना समर्थन करते हैं.

इसी बीच हमेशा अपने बयानों से विवादों में रहने वाले भाजपा विधायक शिलादित्य देव ने आरोप लगाया कि 96 से 97 प्रतिशत अवैध लोगों को एनआरसी की सूची में शामिल किया जा रहा है, जिस पर कोई भी पार्टी या अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है.

बता दें कि असम गण परिषद सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने के अपने रुख पर अड़ी हुई है.

एजीपी नेता कुमार दीपक दास ने कहा कि एनआरसी प्रक्रिया में आज तक जो किया गया है, वह संतोषजनक है. उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट हमें एक सफल एनआरसी प्रदान करेगी, जिस पर हम लोग विश्वास कर सकेंगे, यही असम समझौता भी चाहता है.

पढ़ें-असम में 1971 के बाद नहीं आया एक भी शरणार्थी : रिपोर्ट

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल लगातार एनआरसी की प्रक्रिया को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं. वे इस्लाम एनआरसी के अधिकारियों और कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला पर जमकर बरसे. उन्होंने आरोप लगाया की हजेला सत्तारूढ़ राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे है.

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि आम जनता एनआरसी प्रकाशित करने से पहले भय और चिंता में जी रही है. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग लंबे समय से असम के निवासी हैं, उन लोगों की रातों की नीद हराम हो गई है.

गोगोई ने आगे कहा कि यदि एनआरसी को उचित तरीके से नहीं प्रकाशित किया जाता है तो राज्य में आंदोलन होने के आसर हैं.

प्रख्यात अधिवक्ता और कार्यकर्ता उपमन्यु हजारिक ने सरकार द्वारा एनआरसी सूची के संबंध में लोगों को दिए जा रहे अतिरिक्त समय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सरकार को उन लोगों को अतिरिक्त समय नहीं देना चाहिए, जिनका एनआरसी की सूची में नाम नहीं है.

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Do not believe rumours about NRC: MHA



New Delhi: Hours ahead of the final National Register of Citizens (NRC) for Assam residents is set to be published, Ministry of Home Affairs has issued a advisory that people should not believe in rumours. 



The MHA also stated that if a person's name is not in the NRC list, it does not mean that he/she would be declared as foreigner.  They can appeal before the Foreigners Tribunal. 



Home Ministry is in constant touch with Assam Government. 


Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 9:46 PM IST
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