ETV Bharat / bharat

सामान्य पड़ोसी की तरह रहे PAK, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करे बंद : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के CAA पर दिए गए बयान को खारिज किया. उन्होंने कहा कि दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले उन्हें अपने भीतर झांकना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में जो हो रहा है, वह आंतरिक मामला है. पढ़ें पूरी खबर...

mea briefs media etv bharat
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार
author img

By

Published : Dec 19, 2019, 5:20 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 7:07 PM IST

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद को 'एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार' करते हुए दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए तथा अपने 'भीतर झांकना चाहिए.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'हम बार बार कह रहे हैं कि उन्हें (पाक) अपने भीतर झांकना चाहिए. उन्हें पड़ोसी देश के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी जैसा व्यवहार करना चाहिए.'

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले उन्हें अपने भीतर झांकना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में जो हो रहा है, वह आंतरिक मामला है. हमारा लोकतंत्र और अन्य संस्थाएं किसी भी स्थिति के लिये पूरी तरह से परिपूर्ण है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाएगा तथा यह कानून मोदी सरकार की 'हिन्दुत्व' विचारधारा को बेनकाब करता है.

इससे पहले, पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली द्वारा पारित प्रस्ताव को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह प्रस्ताव पाकिस्तान द्वारा अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण व्यवहार व उत्पीड़न से ध्यान हटाने का एक निष्फल प्रयास है. भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान झूठे आरोप लगाने की बजाय गंभीर रूप से आत्मनिरीक्षण करें.

बांग्लादेश के साथ कुछ द्विपक्षीय बैठकें स्थगित होने सहित हाल के घटनाक्रम के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'बांग्लादेश के साथ बैठकों को पुनर्निर्धारित करने के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.'

उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच बैठकें रद्द होने के बारे में कुछ बयान सामने आएं हैं लेकिन यह समझने की जरूरत है कि दोनों देशों के बीच संवाद के 75 वार्ता तंत्र हैं और इस संबंध में आपसी सहमति के आधार पर तिथि तय की जाती है.

ये भी पढ़ें : ममता की मांग- CAA और NRC पर यूएन की निगरानी में हो जनमत संग्रह

कुमार ने कहा कि दोनों देशों के संबंध किसी बैठक के स्थगित होने से तय नहीं होती है. नदी को लेकर जो बैठक होनी थी उसके बारे में बांग्लादेशी पक्ष ने स्पष्ट किया है कि उनके पास छह नदियों के आंकड़े मौजूद नहीं थे, ऐसे में बैठक अर्थपूर्ण नहीं होती. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारे काफी अच्छे संबंध है.

अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वहां की वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों का अपने संविधान के अनुसार ख्याल रखा है. पूर्व की मुजाहिदीन और तालिबान प्रशासन के दौरान अल्पसंख्यकों के समस्या का सामना करना पड़ा था.

कुमार ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संशोधित नागरिकता कानून पर भारत के नजरिये को अमेरिकी संसद सदस्यों के साथ साझा किया. उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पर विदेशी सरकारों से संपर्क किया जाना जारी रहेगा.

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद को 'एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार' करते हुए दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए तथा अपने 'भीतर झांकना चाहिए.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'हम बार बार कह रहे हैं कि उन्हें (पाक) अपने भीतर झांकना चाहिए. उन्हें पड़ोसी देश के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी जैसा व्यवहार करना चाहिए.'

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले उन्हें अपने भीतर झांकना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में जो हो रहा है, वह आंतरिक मामला है. हमारा लोकतंत्र और अन्य संस्थाएं किसी भी स्थिति के लिये पूरी तरह से परिपूर्ण है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाएगा तथा यह कानून मोदी सरकार की 'हिन्दुत्व' विचारधारा को बेनकाब करता है.

इससे पहले, पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली द्वारा पारित प्रस्ताव को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह प्रस्ताव पाकिस्तान द्वारा अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण व्यवहार व उत्पीड़न से ध्यान हटाने का एक निष्फल प्रयास है. भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान झूठे आरोप लगाने की बजाय गंभीर रूप से आत्मनिरीक्षण करें.

बांग्लादेश के साथ कुछ द्विपक्षीय बैठकें स्थगित होने सहित हाल के घटनाक्रम के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'बांग्लादेश के साथ बैठकों को पुनर्निर्धारित करने के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.'

उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच बैठकें रद्द होने के बारे में कुछ बयान सामने आएं हैं लेकिन यह समझने की जरूरत है कि दोनों देशों के बीच संवाद के 75 वार्ता तंत्र हैं और इस संबंध में आपसी सहमति के आधार पर तिथि तय की जाती है.

ये भी पढ़ें : ममता की मांग- CAA और NRC पर यूएन की निगरानी में हो जनमत संग्रह

कुमार ने कहा कि दोनों देशों के संबंध किसी बैठक के स्थगित होने से तय नहीं होती है. नदी को लेकर जो बैठक होनी थी उसके बारे में बांग्लादेशी पक्ष ने स्पष्ट किया है कि उनके पास छह नदियों के आंकड़े मौजूद नहीं थे, ऐसे में बैठक अर्थपूर्ण नहीं होती. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारे काफी अच्छे संबंध है.

अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वहां की वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों का अपने संविधान के अनुसार ख्याल रखा है. पूर्व की मुजाहिदीन और तालिबान प्रशासन के दौरान अल्पसंख्यकों के समस्या का सामना करना पड़ा था.

कुमार ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संशोधित नागरिकता कानून पर भारत के नजरिये को अमेरिकी संसद सदस्यों के साथ साझा किया. उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पर विदेशी सरकारों से संपर्क किया जाना जारी रहेगा.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Dec 19, 2019, 7:07 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.