ETV Bharat / bharat

केरल: मरदु फ्लैट मालिकों ने तोड़ी भूख हड़ताल, इमारत खाली करने पर जताई सहमति

मरदु फ्लैट मालिकों ने आज रविवार सुबह भूख हड़ताल शुरू कर दी थी. एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर एस सुहास के साथ बातचीत के बाद मरदु फ्लैट मालिकों ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है. फ्लैट मालिकों ने तय समय-सीमा के भीतर इमारतें खाली करने पर सहमति जताई. जानें विस्तार से...

मरदु फ्लैट
author img

By

Published : Sep 29, 2019, 9:03 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:32 PM IST

कोच्ची: केरल के मरदु फ्लैट मालिकों ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है. एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर एस सुहास के साथ बातचीत के बाद यह हड़ताल वापस लिया है. फ्लैट मालिकों ने तय समय-सीमा के भीतर इमारतें खाली करने पर सहमति जताई है.

फ्लैट मालिकों ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ सहयोग कर रहे है क्योंकि वे समझते हैं कि शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करना होगा.

हालांकि फ्लैट मालिकों ने अधिकारियों के सामने कई मांगें रखीं, जिसे उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने सरकार से स्थानांतरित करने के लिए किराए का भुगतान करने की मांग की. कलेक्टर के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने अपार्टमेंट में बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल करने की भी मांग की.

कलेक्टर इस पर भी सहमत हो गए और शाम को आपूर्ति बहाल कर दी गई. अधिकारियों ने फ्लैट में रहने वालों के ठहरने के लिए वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करना भी सुनिश्चित किया.

मारदु भवन समृद्धि समिति के अध्यक्ष श्मसुद्दीन करुनागप्पल्ली ने कहा कि हमने सरकार से नए फ्लैटों के लिए किराए और सुरक्षा राशि का भुगतान करने के लिए परिवारों को कम से कम एक लाख रुपये जारी करने का अनुरोध किया है. जिला प्रशासन ने वादा किया है कि इस संबंध में सरकार को सूचित करेंगे.

मरदु फ्लैट जिसे गिराने का आदेश है...

इसे भी पढ़ें- केरल में ध्वस्त किए जाएंगे मरदु फ्लैट्स, प्रभावित लोगों 25 लाख रुपये मुआवजा : SC

कलेक्टर के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए फ्लैट मालिकों ने कहा कि अधिकारी उनकी कुछ मांगों पर सहमत हुए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीमा के भीतर सभी मदद की पेशकश की.

बता दें, मरदु फ्लैट मालिकों ने आज रविवार सुबह भूख हड़ताल शुरू कर दी थी. उनकी मांग यह थी कि अंतरिम मुआवजे की राशि को तत्काल वितरित किया जाए. साथ में इमारतों को खाली करने के लिए अधिक समय दिया जाए, बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गिराया जा रहा है

उल्लेखनीय है कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैट्स के मद्देनजर एक अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया कि कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैट्स को केरल सरकार द्वारा दी गई समय सीमा के अनुसार 138 दिनों में गिरा दिया जाए. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने कोच्चि के तटीय जोन इलाकों में अवैध इमारतों के निर्माण में शामिल बिल्डरों और प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें-गुरुग्राम में बिल्डर की गुंडागर्दी, परिवार को फ्लैट में जाने से रोका, जानें क्या है पूरा मामला

पीठ ने कहा था कि सरकार अवैध रूप से इमारत बनाने वाले बिल्डरों और प्रमोटरों से अंतरिम मुआवजा राशि वसूल करने पर विचार कर सकती है.

अदालत ने फ्लैट में रहने वाले प्रभावित लोगों को चार सप्ताह के भीतर अंतरिम मुआवजे के तौर पर 25-25 लाख रुपए देने का ऐलान किया था.

गौरतलब है कि 25 लाख रुपए की रकम राज्य सरकार को चुकाने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही सेवानिवृत जजों की एक सदस्यीय समिति गठित की गई. गठित की गई ये समिति इमारत गिराने के काम पर निगरानी रखेगी और साथ ही मुआवजे का मूल्यांकन भी करेगी. इस समिति का नेतृत्व जस्टिस अरुण मिश्रा करेंगे.

कोच्ची: केरल के मरदु फ्लैट मालिकों ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है. एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर एस सुहास के साथ बातचीत के बाद यह हड़ताल वापस लिया है. फ्लैट मालिकों ने तय समय-सीमा के भीतर इमारतें खाली करने पर सहमति जताई है.

फ्लैट मालिकों ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ सहयोग कर रहे है क्योंकि वे समझते हैं कि शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करना होगा.

हालांकि फ्लैट मालिकों ने अधिकारियों के सामने कई मांगें रखीं, जिसे उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने सरकार से स्थानांतरित करने के लिए किराए का भुगतान करने की मांग की. कलेक्टर के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने अपार्टमेंट में बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल करने की भी मांग की.

कलेक्टर इस पर भी सहमत हो गए और शाम को आपूर्ति बहाल कर दी गई. अधिकारियों ने फ्लैट में रहने वालों के ठहरने के लिए वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करना भी सुनिश्चित किया.

मारदु भवन समृद्धि समिति के अध्यक्ष श्मसुद्दीन करुनागप्पल्ली ने कहा कि हमने सरकार से नए फ्लैटों के लिए किराए और सुरक्षा राशि का भुगतान करने के लिए परिवारों को कम से कम एक लाख रुपये जारी करने का अनुरोध किया है. जिला प्रशासन ने वादा किया है कि इस संबंध में सरकार को सूचित करेंगे.

मरदु फ्लैट जिसे गिराने का आदेश है...

इसे भी पढ़ें- केरल में ध्वस्त किए जाएंगे मरदु फ्लैट्स, प्रभावित लोगों 25 लाख रुपये मुआवजा : SC

कलेक्टर के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए फ्लैट मालिकों ने कहा कि अधिकारी उनकी कुछ मांगों पर सहमत हुए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीमा के भीतर सभी मदद की पेशकश की.

बता दें, मरदु फ्लैट मालिकों ने आज रविवार सुबह भूख हड़ताल शुरू कर दी थी. उनकी मांग यह थी कि अंतरिम मुआवजे की राशि को तत्काल वितरित किया जाए. साथ में इमारतों को खाली करने के लिए अधिक समय दिया जाए, बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गिराया जा रहा है

उल्लेखनीय है कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैट्स के मद्देनजर एक अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया कि कोच्चि के तटीय क्षेत्र पर बने मरदु फ्लैट्स को केरल सरकार द्वारा दी गई समय सीमा के अनुसार 138 दिनों में गिरा दिया जाए. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने कोच्चि के तटीय जोन इलाकों में अवैध इमारतों के निर्माण में शामिल बिल्डरों और प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें-गुरुग्राम में बिल्डर की गुंडागर्दी, परिवार को फ्लैट में जाने से रोका, जानें क्या है पूरा मामला

पीठ ने कहा था कि सरकार अवैध रूप से इमारत बनाने वाले बिल्डरों और प्रमोटरों से अंतरिम मुआवजा राशि वसूल करने पर विचार कर सकती है.

अदालत ने फ्लैट में रहने वाले प्रभावित लोगों को चार सप्ताह के भीतर अंतरिम मुआवजे के तौर पर 25-25 लाख रुपए देने का ऐलान किया था.

गौरतलब है कि 25 लाख रुपए की रकम राज्य सरकार को चुकाने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही सेवानिवृत जजों की एक सदस्यीय समिति गठित की गई. गठित की गई ये समिति इमारत गिराने के काम पर निगरानी रखेगी और साथ ही मुआवजे का मूल्यांकन भी करेगी. इस समिति का नेतृत्व जस्टिस अरुण मिश्रा करेंगे.

Intro:Body:

Kochi: Marad flat owners have ended their hunger strike following discussions with Ernakulam district Collector S. Suhas. The flat owners agreed to vacate the buildings within the stipulated time. The flat owners said they were cooperating with the state government as they understand that the latter has some limitations to refrain from implementing the apex court order.



The flat owners placed several demands before the officials, who responded to them positively. They demanded the government to pay them the rent for shifting locations. During the discussion with Collector, they also sought to restore the power and water supply to the apartments. The collector agreed to this and the supply was restored in the evening. The officials also ensured to arrange an alternate place for the flat dwellers to stay.



Shamsudheen Karunagappally, chairman, Maradu Bhavana Samrakshana Samiti, said that "We have requested to the government to release at least Rs 1 lakh each to the evicted families in advance to pay the rent and security amount for the new flats. The district administration has promised to write to the government in this regard. Speaking to media after the meeting with Collector, the flat owners said the officials agreed to some of their demands and offered all help from within the limits of the Supreme Court order. 



Marad flat owners started the hunger strike on Sunday morning seeking immediate disbursal of the interim compensation amount, more time to vacate the buildings, reinstatement of power and water supply, clarification regarding the alternative place to stay besides demanding the government to pay the rent at the alternate place. 


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 12:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.