जयपुर: राजस्थान में 26 अगस्त को होने वाले राज्यसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उम्मीदवार बना दिया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंगलवार 13 अगस्त को सुबह 10:00 बजे जयपुर पहुंचेंगे और दोपहर में वह अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित तमाम विधायकों से भी मुलाकात करेंगे, जो विधानसभा में होंगे. क्योंकि जीत के लिए आवश्यक संख्या बल कांग्रेस के पास है.
हो सकता है भाजपा ना उतारे कोई प्रत्याशी...
ऐसे में जीत को लेकर किसी तरीके की किंतु-परंतु नहीं है, लेकिन हो सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री होने के चलते भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने कोई प्रत्याशी नहीं उतारे. हालांकि भाजपा की ओर से भी अंतिम निर्णय 13 अगस्त को ही लिया जाएगा.
जिस तरीके से आर्थिक मामलों पर खुद भाजपा की केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से राय मशविरा करती है उससे लगता नहीं है कि वह मनमोहन सिंह के चुनाव में किसी तरीके का रोड़ा है. वह भी तब जब उनके पास पर्याप्त बहुमत नहीं है और केवल क्रॉस वोटिंग के सहारे ही कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया जा सकता है. ऐसे में भाजपा भी पूर्व प्रधानमंत्री के नाम होने के चलते कोई प्रयास नहीं करेगी. लेकिन अगर कोई अन्य उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है, ऐसे में भाजपा उस उम्मीदवार के साथ जा सकती है.
राजस्थान से 14 महीने बाद राज्यसभा में खुल सकता है कांग्रेस का खाता...
भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन पर खाली हुई राज्यसभा की सीट पर कांग्रेस पार्टी की एंट्री राजस्थान कोटे से राज्यसभा में होने जा रही है. दरअसल, इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा के 10 सांसदों में से राजस्थान से एक भी राज्यसभा सांसद कांग्रेस का नहीं है. वह भी अप्रैल 2018 से यानी कि बीते 14 महीने से कांग्रेस क राजस्थान से राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं है. हालांकि, अभी यह इंतजार कांग्रेस को अप्रैल 2020 तक करना था, लेकिन राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन होने से कांग्रेस को अब 8 महीने पहले ही राज्यसभा में मौका मिल जाएगा. वह भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रूप में.
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल हाल ही में राज्यसभा में पूरा हुआ है और 30 साल बाद पहली बार ऐसा मौका रहा है जब मनमोहन सिंह किसी बजट सत्र में राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे. क्योंकि कांग्रेस के वर्तमान में 100 विधायक हैं और राष्ट्रीय लोक दल के विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है. इसके साथ ही बसपा के 6 विधायकों को अगर इसमें जोड़ दिया जाए तो संख्या 119 हो जाती है. वहीं, राजस्थान में सीपीएम के भी दो विधायक हैं, जो भाजपा के साथ तो कम से कम नहीं जाएंगे. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का राज्यसभा में आसानी से पहुंचना तय है. लेकिन अब कांग्रेस प्रयास कर रही है कि किसी तरीके से निर्विरोध रूप से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राज्यसभा में पहुंचाया जा सके.
'प्लान बी' पर भी जुटी कांग्रेस...
वैसे तो कांग्रेस का सीट पर जीतना लगभग तय है. बावजूद इसके, यदि बीजेपी कोई उम्मीदवार उतार देती है या किसी उम्मीदवार को बाहर से समर्थन दे देती है, ऐसे में कांग्रेस 'प्लान बी' पर भी जुट गई है. राजस्थान विधानसभा के सचेतक महेश जोशी ने इस 'प्लान बी' की पूरी जिम्मेदारी ले रखी है. इसी के तहत आज यानी सोमवार शाम को 12 निर्दलीय विधायकों और बीएसपी के 6 विधायकों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बात करेंगे. हालांकि कुछ निर्दलीय विधायक आज शाम को ना पहुंचकर कल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे.