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कमल के डंठल से बिजयशांति ने बनाया मास्क, मोदी ने की सराहना

कोरोना में जहां लोग परेशान हैं, वहीं कुछ लोग जीने का नए तरीके ढूंढ रहे हैं. संकट के इस समय में हिम्मत न हारते हुए लोग नए स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. ऐसे ही मणिपुर के बिसेनपुर जिले की 27 वर्षीय टोंगब्रम बिजयशांति है, जिसने अपने कारोबार को शुरू करने के लिए कमल के तने से धागा और कपड़ा बनाया था. वनस्पति विज्ञान में ग्रेजुएट बिजयशांति ने कहा कि मैंने उत्पादन पद्धति के बारे में ज्यादातर इंटरनेट से ही सीखा.

manipur woman making unique mask
टोंगब्रम बिजयशांति ने कमल के डंठल से बनाया धागा और कपड़ा.
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Published : Sep 29, 2020, 6:03 PM IST

इंफाल : कोविड-19 महामारी ने सभी लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. इससे आजीविका पर भी गहरा असर पड़ा है. वहीं कोरोना की वजह से लाखों लोग बेरोजगार भी हुए हैं. इन सबके बीच कुछ युवा ऐसे भी हैं जो कोरोना काल में जीवनयापन के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं. ऐसा ही एक तरीका मणिपुर की टोंगब्रम बिजयशांति ने निकाला है.

कमल के डंठल से बना रहीं धागे और मास्क
मणिपुर के बिसेनपुर जिले की 27 वर्षीय टोंगब्रम बिजयशांति ने कमल के फूलों के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने का अनोखा काम शुरू किया है. इसके साथ-साथ वह अब उसी पौधे के डंठल से मास्क बनाने का काम भी कर रही हैं. लोकतक झील के पास थंगा टोंगब्रम इलाके की निवासी बिजयशांति ने बताया कि वह 15 महिलाओं के साथ इस योजना में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वह 20 और महिलाओं को भी प्रशिक्षित करने का काम रही हैं. बता दें, लोकतक झील में बड़ी संख्या में कमल के फूल उगते हैं.

  • In #MannKiBaat, Hon'ble PM @narendramodi ji appreciated the ennovative efforts of Ms. Bijay Shanti from Manipur who've launched a start-up to develop thread from Lotus stem, & that "her efforts & innovations have opened new avenues in the fields of lotus farming & textile"🙏. pic.twitter.com/kyMxcBzs8W

    — N.Biren Singh (@NBirenSingh) September 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: जानिए क्यों कहते हैं अटल रोहतांग टनल को 'दोस्ती की सुरंग'

इंटरनेट से मिला ज्ञान
बिजयशांति ने कहा कि उसने 2018-19 में अपने कारोबार को शुरू करने के लिए कमल के तने से धागा और कपड़ा बनाया था. उसके बनाए कपड़े को टेस्टिंग के लिए गुजरात प्रयोगशाला भेजा गया, जहां उनको हरी झंडी दे दी गई. वनस्पति विज्ञान में ग्रेजुएट बिजयशांति ने कहा कि मैंने उत्पादन पद्धति के बारे में ज्यादातर इंटरनेट से ही सीखा. उन्होंने कहा कि मेरे एक शिक्षक ने मुझसे इसे जीविका का स्रोत बनाने के लिए प्रेरित किया, तो 2017-18 में यह काम शुरू कर दिया.

पीएम मोदी ने की थी सराहना
रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बिजयशांति के प्रयासों की सराहना भी की थी. इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने भी ट्वीट कर बिजयशांति के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमल के डंठल से धागा बनाने वाली मणिपुर की बिजयशांति की सराहना की. उनके प्रयासों ने कमल की खेती और वस्त्र उद्योग के नए आयाम खोल दिए हैं. बता दें, कमल के डंठल से बने कपड़ों की विदेशों में बेहद मांग है.

इंफाल : कोविड-19 महामारी ने सभी लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. इससे आजीविका पर भी गहरा असर पड़ा है. वहीं कोरोना की वजह से लाखों लोग बेरोजगार भी हुए हैं. इन सबके बीच कुछ युवा ऐसे भी हैं जो कोरोना काल में जीवनयापन के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं. ऐसा ही एक तरीका मणिपुर की टोंगब्रम बिजयशांति ने निकाला है.

कमल के डंठल से बना रहीं धागे और मास्क
मणिपुर के बिसेनपुर जिले की 27 वर्षीय टोंगब्रम बिजयशांति ने कमल के फूलों के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने का अनोखा काम शुरू किया है. इसके साथ-साथ वह अब उसी पौधे के डंठल से मास्क बनाने का काम भी कर रही हैं. लोकतक झील के पास थंगा टोंगब्रम इलाके की निवासी बिजयशांति ने बताया कि वह 15 महिलाओं के साथ इस योजना में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वह 20 और महिलाओं को भी प्रशिक्षित करने का काम रही हैं. बता दें, लोकतक झील में बड़ी संख्या में कमल के फूल उगते हैं.

  • In #MannKiBaat, Hon'ble PM @narendramodi ji appreciated the ennovative efforts of Ms. Bijay Shanti from Manipur who've launched a start-up to develop thread from Lotus stem, & that "her efforts & innovations have opened new avenues in the fields of lotus farming & textile"🙏. pic.twitter.com/kyMxcBzs8W

    — N.Biren Singh (@NBirenSingh) September 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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इंटरनेट से मिला ज्ञान
बिजयशांति ने कहा कि उसने 2018-19 में अपने कारोबार को शुरू करने के लिए कमल के तने से धागा और कपड़ा बनाया था. उसके बनाए कपड़े को टेस्टिंग के लिए गुजरात प्रयोगशाला भेजा गया, जहां उनको हरी झंडी दे दी गई. वनस्पति विज्ञान में ग्रेजुएट बिजयशांति ने कहा कि मैंने उत्पादन पद्धति के बारे में ज्यादातर इंटरनेट से ही सीखा. उन्होंने कहा कि मेरे एक शिक्षक ने मुझसे इसे जीविका का स्रोत बनाने के लिए प्रेरित किया, तो 2017-18 में यह काम शुरू कर दिया.

पीएम मोदी ने की थी सराहना
रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बिजयशांति के प्रयासों की सराहना भी की थी. इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने भी ट्वीट कर बिजयशांति के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमल के डंठल से धागा बनाने वाली मणिपुर की बिजयशांति की सराहना की. उनके प्रयासों ने कमल की खेती और वस्त्र उद्योग के नए आयाम खोल दिए हैं. बता दें, कमल के डंठल से बने कपड़ों की विदेशों में बेहद मांग है.

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