कोलकाता : पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को संदेह जताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को राज्य प्रशासन द्वारा अक्षरश: लागू किया जाएगा. अदालत ने आदेश में सभी सामुदायिक पूजा पंडालों में प्रवेश वर्जित करने के आदेश दिए थे. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पूजा के दौरान सड़कों पर भक्तों के उमड़ पड़ने की स्थिति में कोविड-19 के समूह संचरण (Transmission) को रोकने के तरीके पर ठोस रोडमैप देने में विफल रही है.
पश्चिम बंगाल में सामुदायिक संचरण शुरू
लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने ममता बनर्जी की सरकार को अयोग्य और अक्षम शासन करार दिया. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद ही पुष्टि की है कि पश्चिम बंगाल में सामुदायिक संचरण शुरू हो चुका है और राज्य में कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय को आश्वस्त करने में विफल रही है कि अगर पूजा के दिनों में भीड़ को अनुमति दी जाती है तो वह कोरोना मामलों में वृद्धि को रोकने में सफल होगी. उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि प्रशासन पूजा पंडालों में दर्शकों के प्रवेश को रोकने के उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने में सफल होगा. राज्य भर में छोटे-बड़े हजारों पूजा पंडाल हैं.
50 हजार रुपये देने का निर्णय वोट बैंक की राजनीति
चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने जल्दबाजी में निर्णय किया है. इससे लोगों के दिमाग में केवल भ्रम फैला है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हर पूजा समिति को 50 हजार रुपये देने का निर्णय वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रखकर किया गया है, जबकि उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में रोजाना हजारों लोग मर रहे हैं.
वहीं, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को सामुदायिक दुर्गा पूजा पर अपने आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए प्रवेश निषिद्ध वाले क्षेत्रों में ड्रम बजाने वालों को इजाजत प्रदान की. साथ ही बड़े पूजा स्थलों पर लोगों की संख्या 25 से बढ़ाकर 60 करने की अनुमति दी.