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चक्रवात बुलबुल से पश्चिम बंगाल को 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना जिले के चक्रवात से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान का आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये तक जा सकता है. जानें ममता ने क्या कुछ कहा...

ममता बनर्जी
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Published : Nov 13, 2019, 11:45 PM IST

कोलकाता : उत्तर 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान का आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये तक जा सकता है.

ममता ने आपदा में मारे गये जिले के पांच लोगों के परिजनों को 2.4-2.4 लाख रुपये के चेक प्रदान किये. बुलबुल चक्रवात के कारण कम से कम 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल बर्बाद होने का संज्ञान लेते हुए बनर्जी ने कहा कि आपदा प्रभावित किसानों को राज्य सरकार सभी तरह की सहायता प्रदान करेगी.

मुख्यमंत्री ने यहां एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा, 'जो कुछ भी मैंने देखा है, उससे मुझे लगता है कि चक्रवात ने अत्यधिक तबाही मचायी है. अत्यधिक से मेरा मतलब वास्तव में बहुत अधिक है. कोलकाता और राज्य के अन्य स्थानों पर बैठे लोग तबाही का अंदाजा नहीं लगा पाएंगे. मुझे लगता है कि 50 हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है.'

ममता ने कहा कि जिन्होंने अपना नाम राज्य सरकार की फसल बीमा योजना में दर्ज कराया है, उनके नुकसान की सौ प्रतिशत भरपाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 'कुल 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हुई है. धान की पूरी फसल तबाह हो गयी है. मैं किसानों को सरकार की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन देती हूं. राज्य फसल बीमा नीति के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों की सौ प्रतिशत भरपाई की जाएगी.'

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही प्रभावित किसानों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करेगी. बनर्जी ने बैठक के दौरान बताया कि बुलबुल चक्रवात के कारण कम से कम नौ लोगों की जान गयी है.

मुख्यमंत्री के अनुसार इस चक्रवात से छह लाख लोग प्रभावित हुए और पांच लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गये. उन्होंने आश्वासन दिया कि क्षतिग्रस्त हुए घरों की मरम्मत राज्य सरकार की बंगलार बाड़ी योजना के अंतर्गत करायी जाएगी.

ये भी पढ़ें : चक्रवात 'बुलबुल' के कारण पश्चिम बंगाल में भारी बारिश, एक की मौत

उन्होंने यह भी कहा कि चक्रवात से प्रभावित प्रत्येक परिवार को तूफान में भी जलने वाली लालटेन और पांच लीटर केरोसिन तेल उपलब्ध कराया जाएगा. बनर्जी ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड की परीक्षा दे रहे स्कूली बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराए.

कोलकाता : उत्तर 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान का आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये तक जा सकता है.

ममता ने आपदा में मारे गये जिले के पांच लोगों के परिजनों को 2.4-2.4 लाख रुपये के चेक प्रदान किये. बुलबुल चक्रवात के कारण कम से कम 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल बर्बाद होने का संज्ञान लेते हुए बनर्जी ने कहा कि आपदा प्रभावित किसानों को राज्य सरकार सभी तरह की सहायता प्रदान करेगी.

मुख्यमंत्री ने यहां एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा, 'जो कुछ भी मैंने देखा है, उससे मुझे लगता है कि चक्रवात ने अत्यधिक तबाही मचायी है. अत्यधिक से मेरा मतलब वास्तव में बहुत अधिक है. कोलकाता और राज्य के अन्य स्थानों पर बैठे लोग तबाही का अंदाजा नहीं लगा पाएंगे. मुझे लगता है कि 50 हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है.'

ममता ने कहा कि जिन्होंने अपना नाम राज्य सरकार की फसल बीमा योजना में दर्ज कराया है, उनके नुकसान की सौ प्रतिशत भरपाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 'कुल 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हुई है. धान की पूरी फसल तबाह हो गयी है. मैं किसानों को सरकार की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन देती हूं. राज्य फसल बीमा नीति के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों की सौ प्रतिशत भरपाई की जाएगी.'

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही प्रभावित किसानों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करेगी. बनर्जी ने बैठक के दौरान बताया कि बुलबुल चक्रवात के कारण कम से कम नौ लोगों की जान गयी है.

मुख्यमंत्री के अनुसार इस चक्रवात से छह लाख लोग प्रभावित हुए और पांच लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गये. उन्होंने आश्वासन दिया कि क्षतिग्रस्त हुए घरों की मरम्मत राज्य सरकार की बंगलार बाड़ी योजना के अंतर्गत करायी जाएगी.

ये भी पढ़ें : चक्रवात 'बुलबुल' के कारण पश्चिम बंगाल में भारी बारिश, एक की मौत

उन्होंने यह भी कहा कि चक्रवात से प्रभावित प्रत्येक परिवार को तूफान में भी जलने वाली लालटेन और पांच लीटर केरोसिन तेल उपलब्ध कराया जाएगा. बनर्जी ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड की परीक्षा दे रहे स्कूली बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराए.

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Mamata pegs loss due to cyclone 'Bulbul' at Rs 50,000 crore
         Basirhat (WB), Nov 13 (PTI) West Bengal Chief Minister
Mamata Banerjee, after conducting an aerial survey of cyclone
'Bulbul'-hit areas in North 24 Parganas district, said on
Wednesday that the loss incurred by the state due to the
natural calamity might go up to Rs 50,000 crore.
         Banerjee handed over cheques of Rs 2.4 lakh each to
the family members of five people from the district who lost
their lives in the calamity.
         Taking note of the fact that at least 15 lakh hectares
of agricultural land has been damaged due to the storm and
accompanying rain, she said the affected farmers would get all
possible help from her government.
         "Going by what I have seen, I think the cyclone has
led to massive destruction. By massive, I mean really massive
People sitting in Kolkata and other parts of the state will
not be able to realise the degree of devastation.
         "If I'm not wrong, I think there has been a loss of Rs
50,000 crore or more," the CM said at an administrative review
meeting here following the reconnaissance.
         Those who have enrolled their names for the state
government's crop insurance scheme would get 100 per cent
coverage for their loss, she asserted.
         "A total of 15 lakh hectares of agricultural land has
been damaged. The entire paddy cultivation has been ruined.
It's a great loss. It's good that we managed to save lives of
thousands of people but the loss incurred is huge.
         "I assure the farmers of all form of support from our
government. The farmers under the state's crop insurance
policy will get hundred per cent coverage," the CM maintained.
         The Trinamool Congress (TMC) supremo further said that
the state government would soon announce a special package for
the affected farmers.
         At least nine people have lost their lives in the
calamity - five from North 24 Parganas, three from South 24
Parganas and one from Purba Midnapore - while seven fishermen
were still missing, Banerjee said during the meeting.
         According to the chief minister, six lakh people have
been affected and over five lakh houses damaged due to the
cyclone, which made landfall on Saturday night between Sagar
Islands in West Bengal and Khepupara in Bangladesh.
         The CM gave assurances to rebuild damaged houses under
her government's 'Banglar Bari' scheme.
         She announced one hurricane lamp and five litres of
kerosene for each affected family in the state.
         Banerjee also directed the education department to
provide books to schoolchildren appearing for board
examinations in the storm-hit areas.
         She asked the officials to send water pouches and
tarpaulin to cyclone-ravaged places.
         Referring to the mangroves that saved Sunderbans from
the wrath of the storm, Banerjee also directed the officials
to initiate such plantations in North 24 Parganas.
         The CM advised the power department to adopt a
cautious approach while attempting to restore power as several
places in the district were still inundated.
         She also urged the officials to ensure that no one was
duped on the promise of government aid.
         "Police need to stay active and keep a watch on those
coming and leaving these areas as there could be some with ill
intentions. I would also ask everyone to refrain from engaging
in politics," she said.
         Lauding the administration for playing a pivotal role
in shifting people to safer areas before the cyclone hit the
coast, the CM asked the officials to maintain a steady flow of
relief materials to those in need.
         "You have done a commendable job and I would urge you
to keep up the good work. Your work should set an example for
other states to emulate," Banerjee said.
         She advised the administration to take help of NGOs
Rotary Club and Lion's Club to speed up the relief operations.
         "Talk to Rotary Club or the Lion's Club and take their
help... However, don't approach just about any NGO because
some may take money and tarnish our reputation. We are not
taking money from anybody," Banerjee added. PTI SCH
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