नई दिल्ली : भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने मालाबार तट पर दूसरे दिन भी अभ्यास किया. बता दें, चार दिवसीय प्रथम चरण की शुरूआत मंगलवार से हुई है.
कई जटिल सैन्य दक्षताओं का किया प्रदर्शन
मालाबार नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत करते हुए बंगाल की खाड़ी में कई जटिल सैन्य दक्षताओं का प्रदर्शन किया गया. इस अभ्यास को चतुष्पक्षीय गठबंधन के सदस्य राष्ट्रों के बीच भावी सैन्य सहयोग के आरंभ के रूप में देखा जा रहा है. यह विशाल अभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में छह महीने से सीमा विवाद में उलझे हैं और दोनों देशों की सेनाएं भारी अस्त्र-शस्त्रों के साथ एक-दूसरे के आमने-सामने खड़ी हैं. कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर इस अभ्यास के तीन अन्य साझेदारों- जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के रिश्ते भी चीन के साथ पिछले कुछ महीनों में काफी तनावपूर्ण हो गए हैं.
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#Malabar2020 Indian Navy's Ranvijay, Shivalik, Shakti, Sukanya & submarine Sindhuraj undertaking Anti Submarine Warfare Operations & naval manoeuvres in Bay of Bengal with USS John S McCain, HMAS Ballarat & JMSDF Ship JS Onami
— ANI (@ANI) November 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Navies of India, US, Japan & Australia participating pic.twitter.com/VzhZyKIKWf
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#WATCH Indian Navy's Ranvijay, Shivalik, Shakti, Sukanya & submarine Sindhuraj undertake Anti Submarine Warfare Ops & naval manoeuvres in Bay of Bengal with USS John S McCain, HMAS Ballarat & JMSDF Ship JS Onami
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दुनिया की अहम शक्तियों के बीच चर्चा अहम
इस संबंध में एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में अभ्यास के पहले दिन कई जटिल सैन्य अभ्यास किए गए. चीन की बढ़ती सैन्य जोर-आजमाइश के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति दुनिया की अहम शक्तियों के बीच चर्चा का अहम विषय है. अमेरिका चतुष्पक्षीय गठबंधन को चीन के बढ़ते दबदबे को नियंत्रण में रखने के लिए एक सुरक्षा ढांचा देने की पैरवी करता रहा है.
3 से 6 नवंबर तक चलेगा पहला चरण
अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट किया कि यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत रक्षा सहयोग के प्रति साझेदार देशों की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करता है. पिछले महीने भारत ने घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया इस मालाबार अभ्यास का हिस्सेदार होगा. मालाबार अभ्यास का पहला चरण तीन से छह नवंबर तक चलेगा. इसका दूसरा चरण 17से 20 नवंबर के दौरान अरब सागर में होगा.
बेहतर तालमेल करेगा प्रदर्शित
भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केवल समुद्र में गैर संपर्क वाला यह अभ्यास मित्र नौसेनाओं के बीच बेहतर तालमेल प्रदर्शित करेगा. जो मुक्त, समावेशी हिंद-प्रशांत एवं नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय सीमा के साझा मूल्यों एवं उनके प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है.
चीन ने जताई उम्मीद
इस बीच चीन ने उम्मीद जताई कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का चतुष्पक्षीय मालाबार अभ्यास क्षेत्रीय शांति एवं स्थायित्व के विरुद्ध नहीं, बल्कि उसके अनुकूल होगा. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हम आशा करते हैं कि संबंधित देशों का सैन्य अभियान इस क्षेत्र की शांति एवं स्थायित्व के विरुद्ध नहीं, बल्कि उसके अनुकूल होगा.
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चीन कर रहा सैन्य प्रभाव का विस्तार
भारत की ओर से इस अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को न्योता चतुष्पक्षीय गठबंधन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दो सप्ताह बाद दिया गया. तोक्यो में इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयेाग बढ़ाने पर गहन चर्चा की थी. इस क्षेत्र में चीन अपने सैन्य प्रभाव का विस्तार कर रहा है.
2015 में सैन्य अभ्यास में जुड़ा था जापान
मालाबार अभ्यास 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था. जापान 2015 में इस अभ्यास से जुड़ा था. भारतीय नौसेना ने मालाबार अभ्यास के लिए विध्वंसक ‘रणविजय, फ्रिगेट ‘शिवालिक’, अपतटीय गश्ती जलयान ‘सुकन्या’ जैसे कई अहम आयुध मंचों को तैनात किया है. हाल में भारत-अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ वार्ता में अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मालाबार अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रण देने का स्वागत किया था.