अयोध्या : तपस्वी छावनी के मंहत परमहंस दास बीते आठ दिनों से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे. मगलवार देर रात को जिला प्रशासन के निर्देश पर उन्हें अनशन स्थल से जबरिया उठा लिया गया. बताते चलें कि लगातार बिना कुछ खाए पिए आमरण अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था. बीते आठ दिनों में उनका वजन नौ किलो कम हो गया था.
परमहंस दास का तेजी से गिर रहा था स्वास्थ्य
महंत परमहंस दास को अनशन स्थल से उठाए जाने की चर्चा बीते दो दिनों से चल रही थी. इसी कड़ी में मंगलवार की देर रात करीब 11:30 बजे अचानक एक एंबुलेंस अनशन स्थल पर पहुंची. सिविल ड्रेस में पहुंचे कुछ जवानों ने पहले महंत परमहंस दास से स्वयं उठकर एंबुलेंस में बैठ जाने को कहा, लेकिन जब उन्होंने साथ जाने से इनकार किया तब जबरिया उन्हें उठाकर एंबुलेंस में बैठा दिया गया और किसी अनजान जगह पर ले जाया गया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगातार महंत परमहंस दास का स्वास्थ्य खराब होने के कारण जिला प्रशासन के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है. हालांकि महंत परमहंस दास कहां ले जाए गए हैं, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि महंत परमहंस दास को चिकित्सीय परीक्षण के बाद किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा.
महंत परमहंस दास के समर्थकों ने जताई नाराजगी
वहीं अनशन स्थल पर मौजूद उनके समर्थकों ने जबरिया महंत परमहंस दास को उठाए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महंत परमहंस दास की शिष्या अर्चना ने आरोप लगाया कि स्वामी जी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे थे. लगातार देश में अल्पसंख्यकों द्वारा बहुसंख्यकों के ऊपर हो रहे हमलों को देखते हुए यह जरूरी था कि अब भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए, लेकिन जिला प्रशासन ने जबरिया उन्हें अनशन स्थल से उठा दिया, जबकि उनकी मांगों के संबंध में अभी तक कोई विचार नहीं किया गया.
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तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास पहली बार आमरण अनशन पर नहीं बैठे हैं, इससे पहले भी राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर वह नौ दिनों तक आमरण अनशन कर चुके हैं. जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद उनका अनशन समाप्त कराया गया था. वहीं एक बार फिर से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर परमहंस दास ने आठ दिनों तक अनवरत बिना कुछ खाए पिए आमरण अनशन किया है.