चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में डीएमके के पूर्व विधायक राज कुमार को बरी कर दिया है. पीड़ित लड़की पूर्व विधायक के घर पर घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी.
राज कुमार ने जून 2012 में पेरम्बलुर जिले में स्थित अपने आवास पर घरेलू कार्य के लिए लड़की को काम पर रखा था. लड़की केरला की रहने वाली थी.
नौकरी शुरू करने के कुछ दिनों बाद लड़की को अपने फैसले पर पछतावा हुआ और उसे काम की जगह पसंद नहीं आई और वहां वापस जाने के लिए अपने परिवार से बात की.
जून 2012 के अंतिम सप्ताह में, लड़की के पिता को जानकारी दी गई कि उनकी 12 वर्षीय बेटी को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था क्योंकि वह अस्वस्थ थी. लड़की के माता-पिता अस्पताल पहुंचे और फिर उसे थेनी के गवर्नमेंट सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन 4 जुलाई को लड़की का निधन हो गया.
मौत पर संदेह जताते हुए लड़की परिजनों ने पेरम्बलुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद ऑटोप्सी रिपोर्ट में पता चला कि पहले नाबालिग का यौन शोषण किया गया और फिर उसकी हत्या की गई.
इसके बाद पुलिस ने अपहरण, यौन उत्पीड़न, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और पॉक्सो एक्ट के तहत राज कुमार और उनके दोस्तों के खिलाफ केस दर्ज किया.
28 दिसंबर, 2018 में एमएलए-एमपी विशेष कोर्ट ने राज कुमार को दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराया और 10 साल के लिए कारावास की सजा सुनाई. साथ ही राज कुमार पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया.
वहीं, राज कुमार के दोस्त जयशंकर को भी दोषी ठहराते हुए अदालत ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी और 12,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
इसके बाद दोनों दोषियों ने निचली अदालत के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया.