भोपाल : मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू होगा. आज राज्य में सियासी पारा गर्म रहने के आसार हैं. राज्य में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को आज अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के अनुसार विधान सभा अध्यक्ष इस पर निर्णय करेंगे कि आज विश्वास मत पर चर्चा हो या नहीं.
राज्य में राजनीतिक घमासान के बीच कमलनाथ सरकार की अग्निपरीक्षा होनी है. राज्यपाल ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भी लिखा है. हालांकि विधानसभा में होने वाले कार्यों की सूची में शक्ति परीक्षण का जिक्र नहीं है. ऐसे में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट आज होगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है.
राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने पत्र भेजकर शनिवार मध्यरात्रि को कमलनाथ को यह निर्देश दिए.
सूत्रों के अनुसार 'मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा.'
इसके अलावा राज्यपाल ने निर्देश दि हैं कि विश्वासमत पर मतदान बटन दबाकर ही होगा. यह अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा है कि विश्वासमत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी स्वतंत्र व्यक्तियों से कराई जाएगी.
राज्यपाल ने कहा कि उपरोक्त संपूर्ण कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च 2020 को प्रारंभ होगी और यह स्थगित विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी.
राज्यपाल ने यह निर्देश संविधान के अनुच्छेद 174 सहपठित 175 (2) एवं अपनी अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिए हैं.
सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी लिखा है कि उन्हें सूचना मिली है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों ने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किए हैं. उन्हें भी इन विधायकों ने पृथक-पृथक त्यागपत्र 10 मार्च को भेजे हैं. 22 में से छह विधायक, जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को स्वीकार कर लिया.
राज्यपाल ने कहा, 'मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है. यह स्थिति अत्यंत गंभीर है. इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें.'
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए थे. उनके साथ ही मध्य प्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश उनके कट्टर समर्थक हैं.
इन 22 विधायकों में से 19 बेंगलुरू के एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार देर रात राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की.
राजभवन से देर रात करीब 12 बज कर 20 मिनट पर बाहर आते हुए कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल ने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था.
उन्होंने कहा, 'राज्यपाल ने मुझसे कहा कि विधानसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से संचालित की जाए. इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं सोमवार सुबह इस बारे में स्पीकर से बात करूंगा.'
राज्यपाल के निर्देशानुसार सदन में शक्ति परीक्षण सोमवार को कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में स्पीकर कोई फैसला लेंगे.
उन्होंने बताया कि वह पहले ही राज्यपाल को लिखित में दे चुके हैं कि उनकी सरकार सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन 'बंधक' बनाए गए विधायकों को पहले छोड़ा जाना चाहिए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उसके 22 विधायकों को भाजपा ने बंधक बना कर रखा है. इन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था.
स्पीकर एनपी प्रजापति ने इनमें से छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.