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राजस्थान : टिड्डियों का आतंक, 50 हजार बीघे की फसल चट

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Published : Jan 7, 2020, 11:52 AM IST

Updated : Jan 7, 2020, 4:41 PM IST

जोधपुर जिले की लूणी तहसील के एक क्षेत्र में सोमवार रात टिड्डियों ने हमला कर दिया. इससे किसानों को भारी नुकसान हो गया और वे परिवार समेत खेतों में पहुंचकर उनको भगाने का जतन करते नजर आए. किसी ने थाली बजाकर तो किसी ने बाजा-बजाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश की.

loctus attack in luni area
डिजाइन फोटो

जयपुर : राजस्थान के जोधपुर जिले से पहले जैसलमेर से लगते इलाके में टिड्डियों का हमला हुआ था. इस बार जिले की लूणी तहसील के एक क्षेत्र में सोमवार रात से टिड्डियों की आंख मिचौनी चल रही है. कभी टिड्डियां हवा के साथ जोधपुर के लूणी में घुस जाती हैं तो कभी बाड़मेर के गांवों में.

लूणी के गांव के खेतों पर टिड्डी का हमला हुआ. इसके अलावा जगह-जगह अधमरी टिड्डियों के ढेर नजर आ रहे हैं. रातभर में टिड्डियों ने इलाके में बोई गई जीरे की फसल को भी चट कर दिया. बता दें कि जीरे की फसल महंगी होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

टिड्डियों के आतंक पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खास बात यह है कि सरकारी कीटनाशक भी पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. टिड्डियों से बचने के लिए किसान टायर जला कर धुआं कर रहे हैं. इसके अलावा खेतों में लाउड स्पीकर लगे हुए हैं. वहीं कई जगहों पर कनस्तर, थाली और बाजे बजाते पूरे परिवार नजर आ रहे हैं.

पढ़े-जमीन के खराब होने के कारण देश में खाद्य सुरक्षा को लेकर खतरा

टिड्डी की सूचना जोधपुर कलेक्टर को मिलने के बाद उन्होंने लूणी एसडीएम गोपाराम परिहार को सीमावर्ती इलाके में भेज दिया है. परिहार के साथ तहसीलदार, कृषि अधिकारी और टिड्डी नियंत्रण विभाग के कर्मचारी हैं, लेकिन उनके संसाधन सीमित हैं.

टिड्डी से प्रभावित इलाके के किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें मुआवजा दे.

इन फसलों को हुआ नुकसान...
इलाके में जीरा, इसबगोल और अरंडी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार बीघे से अधिक की फसल टिड्डियां चट कर चुकी हैं.

जयपुर : राजस्थान के जोधपुर जिले से पहले जैसलमेर से लगते इलाके में टिड्डियों का हमला हुआ था. इस बार जिले की लूणी तहसील के एक क्षेत्र में सोमवार रात से टिड्डियों की आंख मिचौनी चल रही है. कभी टिड्डियां हवा के साथ जोधपुर के लूणी में घुस जाती हैं तो कभी बाड़मेर के गांवों में.

लूणी के गांव के खेतों पर टिड्डी का हमला हुआ. इसके अलावा जगह-जगह अधमरी टिड्डियों के ढेर नजर आ रहे हैं. रातभर में टिड्डियों ने इलाके में बोई गई जीरे की फसल को भी चट कर दिया. बता दें कि जीरे की फसल महंगी होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

टिड्डियों के आतंक पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खास बात यह है कि सरकारी कीटनाशक भी पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. टिड्डियों से बचने के लिए किसान टायर जला कर धुआं कर रहे हैं. इसके अलावा खेतों में लाउड स्पीकर लगे हुए हैं. वहीं कई जगहों पर कनस्तर, थाली और बाजे बजाते पूरे परिवार नजर आ रहे हैं.

पढ़े-जमीन के खराब होने के कारण देश में खाद्य सुरक्षा को लेकर खतरा

टिड्डी की सूचना जोधपुर कलेक्टर को मिलने के बाद उन्होंने लूणी एसडीएम गोपाराम परिहार को सीमावर्ती इलाके में भेज दिया है. परिहार के साथ तहसीलदार, कृषि अधिकारी और टिड्डी नियंत्रण विभाग के कर्मचारी हैं, लेकिन उनके संसाधन सीमित हैं.

टिड्डी से प्रभावित इलाके के किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें मुआवजा दे.

इन फसलों को हुआ नुकसान...
इलाके में जीरा, इसबगोल और अरंडी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार बीघे से अधिक की फसल टिड्डियां चट कर चुकी हैं.

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Body:बाड़मेर के रास्ते भी टिड्डियों का जोधपुर के खेतों की फसल पर हमला -टिड्डियां भागने के लिए किसान खेतों में कर रहे है जतन जोधपुर। जोधपुर जिले में पहले जैसलमेर से लगते इलाके में टिड्डी का हमला हुआ था। अब जिले के बाड़मेर से लगती लूनी तहसील के लगते क्षेत्र में बीती रात से टिड्डी दल की आंख मिचौली चल रही है कभी टिड्डियां हवा के साथ जोधपुर के  लूनी घुस जाती है तो कभी बाड़मेर के गॉंवों में। लूनी के धुंधाड़ा भानवास के साथ बाड़मेर के अजीत गांव के खेतों पर टिड्डी मंडराती नजर आती है। इसके अलावा जगह जगह अधमरी टिड्डियां के ढेर नजर आते है। रातभर में टिड्डियों ने इलाके में बोई गई जीरे की फसल को चट कर दिया।।जीरे की सबसे मंहगी फसल होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खास बात यह है कि सरकारी कीटनाशक भी पूरी तरह से कारगर साबित नही हो रहा है। टिड्डियों से बचने के लिए किसान टायर जला कर धुंआ कर रहे है। इसके अलावा  खेतों में म्यूजिक सिस्टम की गूंज सुनाई देती है जो कि सामान्यतः जागरण में लगते है। इसके अलावा कनस्तर, थाली, बाजे बजाते पूरे परिवार नजर आते है। जिनकी पीड़ा है कि खेत चट हो रहे है कुछ बच जाए तो जीवन चल जाएगा। टिड्डी दल की सूचना जोधपुर कलेक्टर को मिलने के बाद उन्होंने लूनी एसडीएम गोपाराम परिहार को सीमावर्ती इलाके में भेज दिया। परिहार के साथ तहसीलदार, कृषि अधिकारी व टिड्डी नियंत्रण विभाग के कर्मचारी तैनात है लेकिन इनके संसाधन सीमित हैं टीवी से प्रभावित इलाके के किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें मुआवजा दें और जो खर्चा उन्होंने वीडियो से निपटने में किया है और जो लगातार उनकी फसल सेट हुई है उसके लिए गिरदावरी करवाएं इलाके में जीरे इसबगोल और अरंडी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है एक अनुमान के मुताबिक करीब जिले में 50,000 से अधिक बीघा की फसल टिड्डियां चट कर चुकी। बाईट 1 राजेश कुमार, किसान बाईट 2 श्रवण, किसान बाईट 3 राकेस बाईट 4 हीराराम, किसान बाईट 5 किसान बाईट 6 बाबूलाल किसान बाईट 7 गोपाराम परिहार, sdm लूनी


Conclusion:
Last Updated : Jan 7, 2020, 4:41 PM IST
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