कासगंज : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस विभाग को खुली छूट दे रखी है, लेकिन जिस तरह से कांसगंज में शराब माफियाओं ने पुलिस टीम को निशाना बनाया है, उससे बिकरू कांड की याद ताजा हो गई. छापेमारी करने गए सिपाही और दारोगा पर शराब माफियाओं ने हमला करके बंधक बना लिया. दरिंदों ने बेरहमी से सिपाही और एक दारोगा की पिटाई की, जिसमें सिपाही देवेंद्र सिंह की मौत हो गई.
जानिए, क्या है पूरा मामला
दरअसल, ये सनसनीखेज वारदात जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के नगला धीमर गांव की है. कासगंज जिला मुख्यालय से करीब 44 किलोमीटर दूर गंगा की कटरी स्थित नगला धीमर गांव में दारोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र सिंह शराब माफिया मोतीराम की कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे. इसी दौरान गांव में शराब माफियाओं ने दोनों पुलिसकर्मियों को घेर लिया और एक पेड़ से बांधकर जमकर पीटा था. शराब माफिया के हमले में सिढ़पुरा थाना में तैनात दारोगा गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि सिपाही देवेंद्र की मौत हो गई. सिपाही की मौत के बाद पुलिस विभाग से लेकर प्रशासनिक विभागों में हड़कंप मच गया. आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद आनन-फानन में देररात घटनास्थल पहुंचे, और उसके बाद ही टीम गठित कर अपराधियों की तलाश शुरू हो गई. और आखिर में शराब माफिया एलकार को पुलिस टीम ने मार गिराया. वहीं, एडीजी ने बताया कि मुख्य माफिया मोतीराम जो एलकार का भाई है, अभी फरार है, जिस पर 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
भाला गोदकर सिपाही को उतारा था मौत के घाट
नगला धीमर गांव में भारी मात्रा में अवैध कच्ची शराब का कारोबार किया जाता है. एडीजी अजय आनंद ने बताया दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र रूटीन गश्त के दौरान ही शराब माफिया को पकड़ने गए थे. तभी शराब के कारोबार में लिप्त वांछित अपराधी मोती, उसका भाई एलकार और उसके साथियों ने मिलकर दारोगा अशोक कुमार और सिपाही को बंधक बना लिया. शराब माफियाओं ने उनकी बर्बरतापूर्वक पिटाई करने के बाद शरीर को भाले से गोद दिया, जिससे दारोगा अशोक कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और सिपाही देवेंद्र की मौत हो गयी. एडीजी के अनुसार वारदात को 6 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है.
रक्तरंजित मिला था सिपाही का शव
पुलिस के अनुसार वारदात के बाद दारोगा अशोक कुमार जंगल की तरफ घायल अवस्था में एक गड्ढे में पड़े मिले, जिन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया था. वहीं, थोड़ी दूर गेहूं के खेत में रक्त रंजित हालत में सिपाही देवेंद्र पड़े मिले, जिनको तत्काल सिढ़पुरा पीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
वारदात के बाद से गुम है दारोगा की रिवॉल्वर
हमले में घायल दारोगा अशोक कुमार मैनपुरी जनपद के ग्राम गवे थाना किसनी के रहने वाले हैं, जबकि मृतक सिपाही देवेंद्र आगरा जनपद के ग्राम नगला बिंदु थाना डौकी के रहने वाले थे. एडीजी अजय आनंद ने बताया कि फरार शराब माफिया मोतीराम पर 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उस पर कुर्की की कार्रवाई भी हो चुकी है. एडीजी ने बताया कि अन्य जनपदों की फोर्स गांव में तैनात की गयी है. गांव की घेराबंदी कर लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जल्द ही फरार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. एडीजी के अनुसार दारोगा की रिवाल्वर गुम हो गयी है.
पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी
कासगंज की घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया. उन्होंने घटना में शामिल गुनाहगारों पर एनएसए के तहत कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसकर्मी के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए 50 लाख की आर्थिक सहायता और आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है. कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का समझौता न करते हुए सम्बन्धित दोषियों के विरुद्ध अविलम्ब व सख्त कार्रवाई की जाए.
घर का था अकेला चिराग
मृतक सिपाही देवेंद्र अपने परिवार में इकलौता चिराग था. सिपाही की मौत के बाद परिवार का चिराग बुझ गया. घटना के बाद हर किसी की आंखें नम हैं. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. रोते रोते हुए मां-बाप लगातार बेहोश हो जा रहे हैं.
10 दिन पहले आया था छुट्टी पर
सिपाही के परिजनों ने बताया कि देवेंद्र करीब 10 दिन पूर्व छुट्टी पर गांव आया था. छुट्टी समाप्त होने के बाद वापस चला गया था. सोमवार को फोन पर देवेंद्र की परिजनों से बात हुई थी.
शहीद सिपाही की हैं दो बेटियां
सिपाही देवेंद्र सिंह की शादी 2017 में तहसील फतेहाबाद के ब्लॉक शमसाबाद क्षेत्र के गांव नगलाशादी निवासी चंचल के साथ हुई थी. उनकी दो बेटियों में बड़ी बेटी वैष्णवी उम्र 3 साल, छोटी बेटी गुड़िया उम्र 1 माह है. परिजनों को जब घटनाक्रम की सूचना मिली तो परिजन कासगंज के लिए रवाना हो गए. घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है.
बचपन से ही मिलनसार थे देवेंद्र
ग्रामवासियों ने बताया कि सिपाही देवेंद्र जब भी गांव आता था, सबसे मिल-जुलकर बातें करता था. एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल होता था. वह बचपन से ही मिलनसार था. घटना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है. सिपाही के साथ बिताए हुए लम्हों को यादकर गांववासियों की आंखों में आंसू आ आ रहे हैं.
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शहीद जवान को दी गई अंतिम सलामी
घटना के बाद से शहीद सिपाही के घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. रोते-बिलखते पिता को कासगंज जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने गले लगाया. वहीं, आज शहीद सिपाही देवेंद्र को अंतिम सलामी दी गई. पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने सिपाही को कंधा दिया. हत्यारों ने जिस तरह से इस दर्दनाक घटना को अंजाम दिया है, एक बार फिर से बिकरू कांड याद ताजा हो गई.