श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू जिले में विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा, 'सभी लंबित आवेदनों पर 15 दिनों के भीतर अधिवास प्रमाण पत्र जारी किया जाए, इसके लिए 10 सितंबर की समय-सीमा तय की जाती है, इस अवधि के बाद लंबित आवेदन पर कोई बहाना नहीं चलेगा और प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'
रविवार को उपराज्यपाल के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उपराज्यपाल ने अधिवास के लिए आए 90 प्रतिशत ऑनलाइन आवेदन के लंबित होने पर संज्ञान लिया और अधिकारियों को ऑनलाइन प्रक्रिया में गति प्रदान करने का निर्देश दिया. उन्होंने इसके साथ ही निर्देश दिया कि स्थायी निवास प्रमाणपत्र (पीआरसी) धारकों को बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के निर्बाध तरीके से अधिवास प्रमाण पत्र निर्गत करना सुनिश्चित किया जाए.
उपराज्यपाल ने जनसेवाओं को सुचारु तरीके से उपलब्ध कराने और केंद्र प्रायोजित योजनाओं का लाभ यथाशीघ्र पहुंचाने पर जोर दिया. उन्होंने 30 सितंबर तक जिले में शत प्रतिशत आधार कार्ड बनाने की समयसीमा तय की ताकि बिना बाधा के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये पूरी तरह से लाभ सुनिश्चित किया जा सके.
आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकरण को लेकर सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को कहा कि वे त्रृटियों को दूर कर सभी योग्य परिवारों को इसका लाभ पहुंचाएं.
उपराज्यपाल ने मनरेगा के तहत मजदूरों के 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा.
उपराज्यपाल ने सीमावर्ती जिलों की समस्याओं पर चर्चा की और संभागीय आयुक्त को नागरिकों के लिए बनाए जा रहे बंकरों की खराब गुणवत्ता की शिकायत की पुष्टि करने का निर्देश दिया. सिन्हा ने बिजली आपूर्ति के दौरान राष्ट्रीय औसत पांच प्रतिशत के मुकाबले 36 प्रतिशत क्षति पर भी नाराजगी जताई और इसे राष्ट्रीय औसत पर लाने का निर्देश अधिकारियों को दिया.