श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने दावा किया कि उन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नजरबंद की गईं मां से बात तक नहीं करने दी गई. उन्होंने बताया कि इस कारण से उन्हें चिट्ठी रोटी के अंदर छिपाकर भेजनी पड़ती थी. जिससे उनका संदेश मां तक पहुंच जाए.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उनकी मां और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को उनके भड़काऊ बयानों को लेकर नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर पर केंद्र की अवैध कार्रवाई पर सवाल उठाने को लेकर हिरासत में लिया गया है.
बता दें कि पांच अगस्त को अपनी मां को हिरासत में लिये जाने के बाद से उनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर रही इल्तिजा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला और मुफ्ती को भड़काऊ बयानों को लेकर जेल में नही डाला गया है. उनका ‘गुनाह’ जम्मू कश्मीर पर केंद्र की अवैध कार्रवाई पर सवाल उठाना है. चूंकि भाजपा जानबूझकर भारत के साथ अपने आप को मिलाकर पेश करती है तो इसका मतलब थोड़े ही है कि वह भारत है. संदेश स्पष्ट है. भाजपा की आलोचना अपने जोखिम पर करें.
इल्तिजा ने एक दस्तावेज शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने संचार के लिए सोशल मीडिया पर न जाने क्या-क्या किया. यदि कोई और ऐसा करता है, तो उसे आरोप लागाकर हिरासत में लिया जाता. मैं अपनी मां से प्यार करती हूं मैं उन्हें याद कर रही थी, तभी मुझे मेरी दादी से एक सरल समाधान मिला. जिसके बैद मैंने अपने पत्रों को एक छोटे से वर्गाकार पत्र को सावधानी से मोड़कर, उसे चपाती के बीच में बंद कर अपना पत्र भेजा.
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ल और महबूबा मुफ्ती पर बृहस्पतिवार रात को जन सुरक्षा अधिनियम लगा दिया गया. महज कुछ घंटे बाद छह महीने की उनकी हिरासत खत्म होने वाली थी.
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उन्होंने कहा कि अगर आप भाजपा की बेवकूफाना हरकतों पर सवाल उठाते हैं तो आप राष्ट्र विरोधी हो जाते हैं. काफी हद तक मीडिया भी ऐसे विमर्श गढ़ने का दोषी है जो विद्यार्थियों, कश्मीरियों और मुसलमानों को टुकड़े टुकड़े गैंग कहकर उनकी आलोचना करता है.
ब्रिटिश शासन ने 1947 में भारत का विभाजन किया और आज एक ऐसी पार्टी, जो गोडसे को पूजती है, इतिहास दोहरा रही है.