नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद भी तृणमूल से भाजपा में पलायन का सिलसिला जारी है. सोमवार शाम से ही लगातार ये खबरें आ रही थी कि तीन विधायक और लगभग 60 काउंसलर मंगलवार को भाजपा में शामिल होंगे.
पश्चिम बंगाल के नेताओं के बीजेपी से जुड़ने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि ये पहला चरण है. ममता जी की दादागिरी से लोग परेशान हैं. उन्होंने हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में भाजपा नेता मुकुल रॉय ने पूरी संख्या की तो पुष्टि नहीं कि लेकिन ये जरूर कहा कि भारी संख्या में लोग तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं. सभी तृणमूल नेता मुकुल रॉय के दिल्ली स्थित आवास पर इकट्ठे हुए जहां से भाजपा मुख्यालय जा कर विधिवत रूप से भाजपा में आज शामिल हो रहे हैं.
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के लिए सीधे तौर पर TMC को दोषी ठहराते हुए अपने कार्यकर्ताओं पर हमले करवाने का आरोप लगाया है. भाजपा ने ये भी कहा है कि TMC के कई नेता भाजपा के संम्पर्क में है और वो पार्टी की दमनकारी नीति से परेशान होकर पार्टी छोड़ना चाहते हैं.
आपको बता दें कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में बंगाल में 18 सीट मिलने के बाद भाजपा अब पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव में सरकार बनाने के भी दावा कर रही है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि TMC के कई नेता पार्टी के संपर्क में है, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अब पार्टी क्या करेगी, ये उन्हें पता नही, मगर ये जरूर मालूम है कि TMC बनर्जी की दमनकारी नीति से परेशान हैं और इसी परेशानी से तंग आकर वह ममता बनर्जी का साथ छोड़ना चाहते हैं.
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साथ ही उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में भाजपा को मिली सीटों से बौखला गई है और TMC के कार्यकर्ता अपनी हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. भाजपा ने यह दावा किया कि आने वाले दिनों में राज्य के चुनावो में bjp सरकार बनाने की स्थिति में आ चुकी है
भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम ने कहा कई पार्टियां हैं जो चुनाव से पहले लगातार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे थे . उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे पर बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी अध्यक्ष चुने जाएं या फिर अध्यक्ष पर बने रहें इससे जनता को कोई खास फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि कांग्रेस का जनाधार खत्म हो चुका है और अब वह दोबारा सत्ता में आने वाली नहीं है इसलिए कांग्रेस में कौन अध्यक्ष है या कौन बनेगा इससे कोई फर्क नही पड़ता ये उनका आंतरिक मामला है.