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NRC से बाहर हुए लोगों के लिए भारत में सबसे बड़ा हिरासत केंद्र

NRC से बाहर हुए लोगों के लिए भारत में सबसे बड़ा हिरासत केंद्र बनाया जा रहा है. इसमें लगभग तीन हजार लोगों को आश्रय दिया जाएगा.

भारत में सबसे बड़ा हिरासत केंद्र
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Published : Sep 18, 2019, 12:02 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 12:37 AM IST

नई दिल्ली: असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर हुए लोगों के लिए भारत में सबसे बड़ा हिरासत केंद्र बनाया जा रहा है. ये केंद्र असम के गोलपारा जिले के मटिया क्षेत्र में बनाया जाएगा.

खबरों के मुताबिक, इस हिरासत केंद्र का निर्माण दिसंबर 2019 तक पूरा किया जाएगा. इसमें लगभग तीन हजार लोगों को आश्रय दिया जाएगा.

भारत में बनाया जा रहा है सबसे बड़ा हिरासत केंद्र

आपको बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हिरासत केंद्र के लिए फंड जारी किया रहा है और इसमें करीब 46.5 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है. हालांकि, असम में पहले से भी कई हिरासत केंद्र हैं लेकिन यह देश का सबसे बड़ा हिरासत केंद्र होगा.

इस केंद्र को गुवाहाटी से लगभग 150 किलोमीटर दूर पश्चिमी मटिया की 20 बीघा (करीब 28,800 वर्ग फुट या 2.5 हेक्टेयर) भूमि पर बनाया जा रहा है.

गौरतलब है, पूरा क्षेत्र लगभग सात फुटबॉल मैदानों के बराबर है. साथ ही इस शिविर में सम्मेलन हॉल, 180 वाशरूम, 15 चार मंजिला इमारतें, स्कूल और अस्पताल का भी निर्माण कराया जाएगा. अहम बात है कि इस केंद्र का निर्माण कर रहे कुछ श्रमिकों ने बताया कि वह असम की नागरिकता सूची में शामिल नहीं हैं. अब विडंबना ये देखिये कि श्रमिक जिस केंद्र को बना रहे हैं, अंत में उन्हें उसी केंद्र में रहना होगा.

बता दें, कोकराझार, गोलपारा, जोरहाट, तेजपुर, डिब्रूगढ़ और सिलचर जिलों की जेलों में स्थित छह अस्थायी हिरासत शिविरों में 1136 लोगों को रखा गया है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, नौ बंदियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. ये लोग बीते तीन वर्षों से हिरासत में थे. इसके अलावा हिरासत में रह रहे 25 अन्य लोगों की स्वास्थ्य की खराबी के कारण मौत हो गई थी.

पढ़ें- भोपाल: हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी रखने की उठी मांग

आपको बता दें, असम में 31 अगस्त को प्रकाशित की गई अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की सूची से लगभग 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया है. हालांकि, रजिस्टर से बाहर किये गए लोगों को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए 120 दिनों का समय दिया गया है. इसके लिए लोग विदेशी ट्रिब्यूनल में अपनी अपील दाखिल कर सकते हैं.

गौरतलब है कि NRC से बाहर हुए लोगों को तब तक हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी ट्रिब्यूनल उन्हें विदेशी नहीं घोषित कर देता. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में हिरासत केंद्र में और अधिक लोगों को भेजा जाएगा.

नई दिल्ली: असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर हुए लोगों के लिए भारत में सबसे बड़ा हिरासत केंद्र बनाया जा रहा है. ये केंद्र असम के गोलपारा जिले के मटिया क्षेत्र में बनाया जाएगा.

खबरों के मुताबिक, इस हिरासत केंद्र का निर्माण दिसंबर 2019 तक पूरा किया जाएगा. इसमें लगभग तीन हजार लोगों को आश्रय दिया जाएगा.

भारत में बनाया जा रहा है सबसे बड़ा हिरासत केंद्र

आपको बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हिरासत केंद्र के लिए फंड जारी किया रहा है और इसमें करीब 46.5 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है. हालांकि, असम में पहले से भी कई हिरासत केंद्र हैं लेकिन यह देश का सबसे बड़ा हिरासत केंद्र होगा.

इस केंद्र को गुवाहाटी से लगभग 150 किलोमीटर दूर पश्चिमी मटिया की 20 बीघा (करीब 28,800 वर्ग फुट या 2.5 हेक्टेयर) भूमि पर बनाया जा रहा है.

गौरतलब है, पूरा क्षेत्र लगभग सात फुटबॉल मैदानों के बराबर है. साथ ही इस शिविर में सम्मेलन हॉल, 180 वाशरूम, 15 चार मंजिला इमारतें, स्कूल और अस्पताल का भी निर्माण कराया जाएगा. अहम बात है कि इस केंद्र का निर्माण कर रहे कुछ श्रमिकों ने बताया कि वह असम की नागरिकता सूची में शामिल नहीं हैं. अब विडंबना ये देखिये कि श्रमिक जिस केंद्र को बना रहे हैं, अंत में उन्हें उसी केंद्र में रहना होगा.

बता दें, कोकराझार, गोलपारा, जोरहाट, तेजपुर, डिब्रूगढ़ और सिलचर जिलों की जेलों में स्थित छह अस्थायी हिरासत शिविरों में 1136 लोगों को रखा गया है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, नौ बंदियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. ये लोग बीते तीन वर्षों से हिरासत में थे. इसके अलावा हिरासत में रह रहे 25 अन्य लोगों की स्वास्थ्य की खराबी के कारण मौत हो गई थी.

पढ़ें- भोपाल: हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी रखने की उठी मांग

आपको बता दें, असम में 31 अगस्त को प्रकाशित की गई अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की सूची से लगभग 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया है. हालांकि, रजिस्टर से बाहर किये गए लोगों को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए 120 दिनों का समय दिया गया है. इसके लिए लोग विदेशी ट्रिब्यूनल में अपनी अपील दाखिल कर सकते हैं.

गौरतलब है कि NRC से बाहर हुए लोगों को तब तक हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी ट्रिब्यूनल उन्हें विदेशी नहीं घोषित कर देता. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में हिरासत केंद्र में और अधिक लोगों को भेजा जाएगा.

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India's largest detention Center coming up in Assam's Goalpara district's Matia, will be Completed within December this Year. 



The Center, Funded by the Union Home Ministry in June Last Year at a cost of 46.5 Crore. The Largest detention Center is being constructed on 20 Bighas (28,800 sq ft or 2.5 Hectare) of Land at Matiya, about 150 KM west of Guwahati.



The Entire Area equivalent to about 7 Football Fields, is intended for at least 3,000 detainees. The Camp will consists a Huge Conference Hall, 180 Washrooms, 15 four Storied Building, Schools and Hospital for the detainees. 



Some of the workers building the camp said they were not on a citizenship list Assam released last week as part of a drive to detect illegal immigrants. That means the workers could themselves end up in detention.



There are, 1,136 detainees in the Six temporary detention Camps located in the District Jails of Kokrajhar, Goalpara, Jorhat, Tezpur, Dibrugarh and Silchar. Last Month, 9 Detainees, who completed 3 Years in detention, were released on bail as per SC guidelines. Further, 25 other have died in detention due to health issues. 



Around 1.9m people in Assam were excluded from the state’s final National Register of Citizens (NRC) list which was published on August 31. Those excluded from the register will have to appeal to prove that they are citizens of India and for that they have given 120 Days to appeal it before the Foreigners Tribunal. 


Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 12:37 AM IST
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