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ओडिशा : कछुओं के लिए अच्छा रहा लॉकडाउन, संख्या में होगा इजाफा

लॉकडाउन के चलते मौसम की अनुकूल स्थिति के साथ इस बार भीड़ की अनुपस्थिति और लॉकडाउन के कारण शिकारियों के कम खतरे के साथ, जीवित रहने और समुद्र में लौटने वाले कछुओं की संख्या बढ़ने की उम्मीदें अधिक हैं. राज्य के वन विभाग ने भी कछुओं की सुरक्षा के लिए उपाय किए हैं.

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अच्छा रहा कछुओं के लिए लॉकडाउन
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Published : Jun 3, 2020, 5:42 PM IST

भुवनेश्वर : कोरोना वायरस के प्रकोप ने पूरी मानवजाति को तनाव में डाल दिया है लेकिन इस महामारी का वन्यजीवों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. ओडिशा वन विभाग उम्मीद कर रहा है कि इस साल अधिक संख्या में कछुए समुद्र में सुरक्षित लौट आएंगे.

गौरतलब है कि ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित गहिरमाथा अभयारण्य दुनियाभर में प्रसिद्ध है, हर साल ओलिव रिडले समुद्री कछुए प्रशांत महासागर से अंडे देने के लिए यहां आते हैं.

कछुओं पर लॉकडाउन का सकारात्मक असर

अनुमान के मुताबिक, इस साल 15 मार्च से 21 मार्च के बीच चार लाख से अधिक समुद्री कछुओं ने अपने अंडे दिए. इसके बाद, दो मई से शुरू हुई हैचिंग के एक महीने तक जारी रहने की उम्मीद है.

इस बार मौसम और पर्यावरण में बदलाव ने समुद्री कछुओं को अनुकूल वातावरण प्रदान किया है. उम्मीद है कि इस साल बड़ी संख्या में लाइव हैचिंग देखी जाएंगी.

पिछले साल की तुलना में अंडों की कुल संख्या कम होने के बावजूद, राज्य के वन विभाग को अनुकूल परिस्थितियों के कारण जीवित कछुओं की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है.

हर साल, मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और शिकारियों के कारण हजारों कछुए मारे जाते हैं.

हालांकि, लॉकडाउन के चलते कछुओं के लिए लोगों या शिकारीयों का कोई खतरा नहीं है. परिणामस्वरूप, पर्यावरणविदों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी.

अपनी ओर से वन विभाग ने कछुओं की सुरक्षा के लिए क्षेत्र के चारों ओर प्लास्टिक की बाड़ लगा दी है. इसके अलावा, अधिकारी तालाबंदी के दौरान कछुओं पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रहे हैं.

पढ़ें-केरल में मानव क्रूरता का शिकार हुई गर्भवती जंगली हथिनी की मौत

भुवनेश्वर : कोरोना वायरस के प्रकोप ने पूरी मानवजाति को तनाव में डाल दिया है लेकिन इस महामारी का वन्यजीवों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. ओडिशा वन विभाग उम्मीद कर रहा है कि इस साल अधिक संख्या में कछुए समुद्र में सुरक्षित लौट आएंगे.

गौरतलब है कि ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित गहिरमाथा अभयारण्य दुनियाभर में प्रसिद्ध है, हर साल ओलिव रिडले समुद्री कछुए प्रशांत महासागर से अंडे देने के लिए यहां आते हैं.

कछुओं पर लॉकडाउन का सकारात्मक असर

अनुमान के मुताबिक, इस साल 15 मार्च से 21 मार्च के बीच चार लाख से अधिक समुद्री कछुओं ने अपने अंडे दिए. इसके बाद, दो मई से शुरू हुई हैचिंग के एक महीने तक जारी रहने की उम्मीद है.

इस बार मौसम और पर्यावरण में बदलाव ने समुद्री कछुओं को अनुकूल वातावरण प्रदान किया है. उम्मीद है कि इस साल बड़ी संख्या में लाइव हैचिंग देखी जाएंगी.

पिछले साल की तुलना में अंडों की कुल संख्या कम होने के बावजूद, राज्य के वन विभाग को अनुकूल परिस्थितियों के कारण जीवित कछुओं की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है.

हर साल, मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और शिकारियों के कारण हजारों कछुए मारे जाते हैं.

हालांकि, लॉकडाउन के चलते कछुओं के लिए लोगों या शिकारीयों का कोई खतरा नहीं है. परिणामस्वरूप, पर्यावरणविदों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी.

अपनी ओर से वन विभाग ने कछुओं की सुरक्षा के लिए क्षेत्र के चारों ओर प्लास्टिक की बाड़ लगा दी है. इसके अलावा, अधिकारी तालाबंदी के दौरान कछुओं पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रहे हैं.

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