चंडीगढ़ : लॉकडाउन के दौरान जब उद्योग धंधे बंद हो गए थे तब चंडीगढ़ से बड़ी संख्या में प्रवासियों ने पलायन शुरू कर दिया था. अब तक हजारों प्रवासी चंडीगढ़ छोड़कर अपने गृह राज्य जा चुके हैं, लेकिन अब चंडीगढ़ में फैक्ट्रियां धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं और काम पटरी पर लौट रहा है, जिस वजह से प्रवासियों का पलायन भी कम हो गया है.
ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में कुछ फैक्ट्रियों का जायजा लिया. इस दौरान बिहार के रहने वाले समीउल्लाह अंसारी ने बताया कि पिछले काफी दिनों से फैक्ट्रियां बंद थी लेकिन अब वो शुरू हो गई हैं. जिससे मजदूर भी काम पर लौटने लगे हैं. उन्हें दोबारा रोजगार मिल रहा है, इसलिए अब वो चंडीगढ़ में ही रहना चाहते हैं.
अब घर नहीं जाना चाहते प्रवासी!
वहीं उत्तर प्रदेश के रहने वाले शिव कुमार मिश्रा ने कहा कि चंडीगढ़ में अब काम मिलने लगा है, जिससे उन्हें अब यहां रहने में कोई परेशानी नहीं आ रही है. उन्हें उम्मीद है कि जो लोग अपने गांव चले गए हैं. वो भी धीरे-धीरे चंडीगढ़ वापस आ जाएंगे.
पलायन कर चुके प्रवासी करेंगे वापसी?
फैक्ट्री में काम करने वाले मनीष कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हालात काफी विपरीत थे और उनका यहां पर रहना काफी मुश्किल हो रहा था, लेकिन अब धीरे-धीरे काम मिलने लगा है और पैसे भी मिलने लगे हैं. अब उनका वापस जाने का कोई इरादा नहीं है. फिलहाल वो यहीं पर रह कर काम करना चाहते हैं. उनके दोस्त जो यहां पर काम कर रहे थे और अपने गांव चले गए थे. वो उन्हें भी जल्द ही लौट आएंगे.
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साथ फैक्ट्री मालिक विकास भारद्वाज ने कहा कि चंडीगढ़ से बहुत से लोग पलायन कर चुके हैं, जिस वजह से फिलहाल फैक्ट्रियों में लेबर की कमी हो गई है. पहले फैक्ट्रियों में जितना काम होता था वो अब नहीं हो पा रहा है. उनकी फैक्ट्री में इस वक्त 50 फीसदी तक लेबर की कमी है. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों का काम सामान्य होने के कोई ज्यादा आसार नहीं नजर आ रहे हैं. इसमें 2 महीने से 1 साल तक का वक्त भी लग सकता है.