त्रिवेंद्रम : कोझिकोड अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किये गये मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) के दो छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाएं बुधवार को खारिज कर दीं.
गौरतलब है कि गत दो नवम्बर को माकपा के छात्र कार्यकर्ताओं ताहा फजल और अलान सुहैब को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था. इन पर कथित रूप से माओवादियों से सहानुभूति रखने और उनके कुछ पर्चे तथा सामग्री वितरित करने के आरोप लगे हैं. छात्रों की आयु लगभग 20 वर्ष है.
छात्रों के वकील ने पत्रकारों को बताया कि प्रधान सत्र अदालत ने जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. उन्होंने बताया कि आदेश की प्रति मिलने के बाद ही जमानत याचिका खारिज करने के कारण का पता चल पाएगा.
अदालत ने हालांकि वकीलों को आरोपियों से शाम को एक घंटा मिलने की अनुमति दे दी है.
याचिकाकर्ता अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने और जमानत की मांग को लेकर उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं. अभी दोनों आरोपी 15 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में हैं.
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ताहा फजल के भाई और उसकी एक रिश्तेदार ने कहा कि उन्हें कानून पर विश्वास है और पुलिस ने 'झूठे सबूत' पेश किये हैं.