नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) देश के निवासियों का रजिस्टर है. यह नागरिकता संशोधन कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों के पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान कार्ड जारी) करने के नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय स्तर पर (गांव/उप शहर), उप जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा.
एनपीआर का मकसद देश के स्वभाविक निवासियों की समग्र पहचान का डाटाबेस तैयार करना है. इसमें भौगोलिक और बायोमेट्रिक जानकारी उपलब्ध होगी.
एनपीआर के आंकड़े पिछली बार 2010 में घर की सूची तैयार करते समय लिये गये थे, जो 2011 की जनगणना से जुड़े थे. 2015 में घर-घर जाकर इन आंकड़ों का उन्नयन किया गया था.
दरअसल, NPR देश के नागरिकों की एक लिस्ट है, जिसके तहत नागरिक के मौजूदा पते की जानकारी अपडेट होनी है. कई राज्य NPR का भी विरोध कर रहे हैं, हालांकि सरकार जनसंख्या की गिनती के साथ-साथ NPR भी करने जा रही है. किसी भी भारतीय नागरिक के लिए NPR में रजिस्टर करना जरूरी होता है.
जनगणना 2021 दो चरणों में होगी. इसमें पहले चरण में घर की सूची या घर संबंधी गणना होगी जो अप्रैल से सितंबर 2020 तक होगी. इसका दूसरा चरण नौ फरवरी से 28 फरवरी 2021 में होगा. इसकी संबद्धता तिथि 1 मार्च 2021 होगी.
बर्फ से प्रभावित जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में संबद्धता तिथि 1 अक्तूबर 2020 होगी.
इसे भी पढ़ें- NPR पर शाह ने दी सफाई, यहां देख सकते हैं पूरा इंटरव्यू
बिंदुवार तरीके से जानें एनपीआर के बारे में:-
- एनपीआर का उद्देश्य देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना है. इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी.देश के आम निवासियों का रजिस्टर है एनपीआर. इसे नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत बनाया जाएगा.
- नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रीकरण एवं राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी किया जाना) नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गांव/उपनगर), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है NPR.भारत के प्रत्येक आम निवासी के लिए एनपीआर के तहत पंजीकृत होना जरूरी है.
- एनपीआर के उद्देश्यों के लिए आम निवासी की परिभाषा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में की गई है, जो किसी स्थानीय क्षेत्र में विगत छह महीने तक या अधिक समय तक रहा हो या जो उस क्षेत्र में अगले छह महीने या अधिक समय तक रहने का इरादा रखता हो.