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उत्तर प्रदेश के रामपुर से अमर सिंह का था गहरा नाता

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Published : Aug 1, 2020, 11:05 PM IST

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह का निधन हो गया. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे. अमर सिंह का रामपुर से गहरा नाता रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने जयाप्रदा के पक्ष में यहां कई रैलियां की थीं, जिसमें उन्होंने आजम खां पर जमकर निशाना साधा था.

उत्तर प्रदेश के रामपुर से अमर सिंह का था गहरा नाता
उत्तर प्रदेश के रामपुर से अमर सिंह का था गहरा नाता

रामपुर : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद अमर सिंह का शनिवार को निधन हो गया. उनका पिछले 6 महीने से सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. अमर सिंह का हाल के दिनों में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह कई दिनों से बीमार चल रहे थे. बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ महीने से अमर सिंह आईसीयू में ही भर्ती थे.

सपा से एक वक्त था बेहद लगाव
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अमर सिंह का खास योगदान रहा है. साल 2010 में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया था. अमर सिंह 1995 में मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए और कुछ ही समय में दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए.

जानकारी देते संवाददाता.

जब दूरियों में बदल गईं नजदीकियां
राज्यसभा सांसद अमर सिंह का रामपुर से भी गहरा नाता रहा है. एक समय था जब अमर सिंह, मुलायम सिंह और आजम खां तीनों एक जिस्म, एक जान हुआ करते थे और एक-दूसरे के हर सुख-दु:ख में खड़े रहते थे, लेकिन वक्त ने करवट बदली तो अमर सिंह और आजम खां में तल्खियों और टिप्पणियों का दौर शुरू हो गया. सूत्रों की मानें तो इसकी वजह पूर्व सांसद जयाप्रदा थीं.

इस वजह से आजम खां और अमर सिंह में हुआ मनमुटाव
जब पहली बार रामपुर के सांसद के चुनाव के लिए जयाप्रदा रामपुर में उतरीं और उन्होंने चुनाव जीता तो आजम खां ने भी काफी मेहनत की थी. इसके बाद से जयाप्रदा को ही लेकर अमर सिंह और आजम खां में मनमुटाव हो गया. दोनों एक-दूसरे के ऊपर टिप्पणी करने का मौका ढूंढते रहते थे. यहां तक कि एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से भी बाज नहीं आते थे.

2010 में अमर सिंह ने छोड़ा सपा का दामन
अमर सिंह 1995 में मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए. इसके बाद वे मुलायम सिंह के काफी करीबी हो गए. मुलायम सिंह, अमर सिंह और आजम खां काफी दिनों तक साथ रहे, लेकिन जब रामपुर से पहली बार पूर्व सांसद जयप्रदा ने रामपुर से चुनाव लड़ा, उसके कुछ महीनों बाद ही अमर सिंह और आजम खां में मनमुटाव शुरू हो गया. इस मनमुटाव को मुलायम सिंह ने काफी हद तक खत्म करने की कोशिश की, लेकिन वे आजम और अमर सिंह को मनाने में नाकामयाब रहे. इसके बाद साल 2010 में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया.

...जब आजम खां पर किया था पलटवार
अभी कुछ महीने पहले जब अमर सिंह दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज करा रहे थे, तो उस पर आजम खां ने टिप्पणी की थी, जिस पर अमर सिंह ठीक होने के बाद रामपुर पहुंचे और एक होटल में प्रेस वार्ता कर आजम खां पर काफी गंभीर व्यक्तिगत टिप्पणियां की. उन्होंने आजम खां की जाति पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा आजम खां, खान कहलाता है. वह नहटौर का नाई है. उसके बाद आजम खां ने सांसद के चुनाव के दौरान अपनी स्पीच में जयाप्रदा के वस्त्र पर भी टिप्पणी की थी, जिस पर अमर सिंह ने रामपुर में एक चुनाव की स्पीच के दौरान आजम खां को काफी खरी-खोटी सुनाई थी.

ये भी पढ़ें: अमर सिंह के निधन पर पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया शोक

ठाकुर अमर सिंह के निधन पर रामपुर जिले में भी शोक की लहर देखने को मिल रही है. लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से दुआ कर रहे हैं.

रामपुर : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद अमर सिंह का शनिवार को निधन हो गया. उनका पिछले 6 महीने से सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. अमर सिंह का हाल के दिनों में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह कई दिनों से बीमार चल रहे थे. बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ महीने से अमर सिंह आईसीयू में ही भर्ती थे.

सपा से एक वक्त था बेहद लगाव
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अमर सिंह का खास योगदान रहा है. साल 2010 में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया था. अमर सिंह 1995 में मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए और कुछ ही समय में दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए.

जानकारी देते संवाददाता.

जब दूरियों में बदल गईं नजदीकियां
राज्यसभा सांसद अमर सिंह का रामपुर से भी गहरा नाता रहा है. एक समय था जब अमर सिंह, मुलायम सिंह और आजम खां तीनों एक जिस्म, एक जान हुआ करते थे और एक-दूसरे के हर सुख-दु:ख में खड़े रहते थे, लेकिन वक्त ने करवट बदली तो अमर सिंह और आजम खां में तल्खियों और टिप्पणियों का दौर शुरू हो गया. सूत्रों की मानें तो इसकी वजह पूर्व सांसद जयाप्रदा थीं.

इस वजह से आजम खां और अमर सिंह में हुआ मनमुटाव
जब पहली बार रामपुर के सांसद के चुनाव के लिए जयाप्रदा रामपुर में उतरीं और उन्होंने चुनाव जीता तो आजम खां ने भी काफी मेहनत की थी. इसके बाद से जयाप्रदा को ही लेकर अमर सिंह और आजम खां में मनमुटाव हो गया. दोनों एक-दूसरे के ऊपर टिप्पणी करने का मौका ढूंढते रहते थे. यहां तक कि एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से भी बाज नहीं आते थे.

2010 में अमर सिंह ने छोड़ा सपा का दामन
अमर सिंह 1995 में मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए. इसके बाद वे मुलायम सिंह के काफी करीबी हो गए. मुलायम सिंह, अमर सिंह और आजम खां काफी दिनों तक साथ रहे, लेकिन जब रामपुर से पहली बार पूर्व सांसद जयप्रदा ने रामपुर से चुनाव लड़ा, उसके कुछ महीनों बाद ही अमर सिंह और आजम खां में मनमुटाव शुरू हो गया. इस मनमुटाव को मुलायम सिंह ने काफी हद तक खत्म करने की कोशिश की, लेकिन वे आजम और अमर सिंह को मनाने में नाकामयाब रहे. इसके बाद साल 2010 में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया.

...जब आजम खां पर किया था पलटवार
अभी कुछ महीने पहले जब अमर सिंह दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज करा रहे थे, तो उस पर आजम खां ने टिप्पणी की थी, जिस पर अमर सिंह ठीक होने के बाद रामपुर पहुंचे और एक होटल में प्रेस वार्ता कर आजम खां पर काफी गंभीर व्यक्तिगत टिप्पणियां की. उन्होंने आजम खां की जाति पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा आजम खां, खान कहलाता है. वह नहटौर का नाई है. उसके बाद आजम खां ने सांसद के चुनाव के दौरान अपनी स्पीच में जयाप्रदा के वस्त्र पर भी टिप्पणी की थी, जिस पर अमर सिंह ने रामपुर में एक चुनाव की स्पीच के दौरान आजम खां को काफी खरी-खोटी सुनाई थी.

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ठाकुर अमर सिंह के निधन पर रामपुर जिले में भी शोक की लहर देखने को मिल रही है. लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से दुआ कर रहे हैं.

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