श्रीनगर: आतंकवादी हमले की आशंका और LOC (पाक अधिकृत कश्मीर) पर तनातनी बढ़ने के बीच जम्मू-कश्मीर में हालात संशय से भरे हुए हैं, जिसके चलते मुस्लिम समेत कश्मीरी पंडितों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच ईटीवी भारत ने कश्मीरी पंडितों से बातचीत की और उनका हाल जानना चाहा...
ईटीवी भारत ने कश्मीर पंडित रतन लाला कोटा से बातचीत की. रतन लाल ने कहा पिछले हफ्ते एडवाइजरी जारी होने के बाद से राज्य में अराजकता का माहौल है.
उन्होंने कहा, हमें विभिन्न सरकारी आदेशों के कारण घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.
इस संबंध में कॉलोनी के अध्यक्ष सनी रीना ने भी बातचीत की और कहा, हमने फैसला लिया है कि इस बार हम घाटी नहीं छोड़ेंगे.
कॉलोनी के अध्यक्ष, सनी रीना ने कहा, 'हमने फैसला किया है कि इस बार हम घाटी नहीं छोड़ेंगे.'
उन्होंने कहा हमने तय किया है कि कश्मीर घाटी नहीं छोड़ेंगे.
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कश्मीरी पंडित कॉलोनी काजी गुंड वसु से बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें 1990 के दशक की याद है. उन्होंने कहा, 'अभी तक कुलगाम जिला विकास आयुक्त की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, जिसने हमें घाटी छोड़ने का निर्देश दिया है.'
उन्होंने कहा कि घाटी में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जो न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पंडितों के लिए भी चिंता पैदा कर रहा है.
उन्होंने कहा कि एसएसपी कोलगाम गोविंदर पाल सिंह ने खुद पंडित कॉलोनी के लोगों के साथ चर्चा की और उन्हें आश्वासन दिया कि कुलगाम पुलिस उनका हरसंभव सहयोग करेगी.