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राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा कर्नाटक

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि कर्नाटक सरकार विशिष्ट लक्ष्यों और स्पष्ट एजेंडे के साथ इस संबंध में आगे बढ़ रही है. नीति के मसौदे के तुरंत बाद एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था और यह समिति पहले ही कई बैठकें कर चुकी है.

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण
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Published : Aug 24, 2020, 6:55 PM IST

बेंगलुरु : एक उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला कर्नाटक भारत का पहला राज्य होगा.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार प्रशासनिक सुधारों और कानूनों में संशोधन लाने की पूरी तैयारी कर रही है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आवश्यक है.

वे बेंगलुरु विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित "राष्ट्रीय शिक्षा नीति और उसके कार्यान्वयन" की मुख्य विशेषताएं नामक एक ऑनलाइन कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार विशिष्ट लक्ष्यों और स्पष्ट एजेंडे के साथ इस संबंध में आगे बढ़ रही है. नीति के मसौदे के तुरंत बाद एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था और यह समिति पहले ही कई बैठकें कर चुकी है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार (21 अगस्त) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक हृषिकेश सेनापति और स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अनीता करवाल के साथ राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए बैठक की.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर स्कूल के शिक्षकों और प्राचार्यों से सुझाव आमंत्रित किए हैं.

हाल ही में स्वीकृत नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है.

यह भी पढ़ें - अंतिम वर्ष परीक्षा : यूजीसी की गाइडलाइन पर आज आ सकता है फैसला

बेंगलुरु : एक उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला कर्नाटक भारत का पहला राज्य होगा.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार प्रशासनिक सुधारों और कानूनों में संशोधन लाने की पूरी तैयारी कर रही है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आवश्यक है.

वे बेंगलुरु विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित "राष्ट्रीय शिक्षा नीति और उसके कार्यान्वयन" की मुख्य विशेषताएं नामक एक ऑनलाइन कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार विशिष्ट लक्ष्यों और स्पष्ट एजेंडे के साथ इस संबंध में आगे बढ़ रही है. नीति के मसौदे के तुरंत बाद एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था और यह समिति पहले ही कई बैठकें कर चुकी है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार (21 अगस्त) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक हृषिकेश सेनापति और स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अनीता करवाल के साथ राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए बैठक की.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर स्कूल के शिक्षकों और प्राचार्यों से सुझाव आमंत्रित किए हैं.

हाल ही में स्वीकृत नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है.

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