नई दिल्ली: समझौता एक्सप्रेस मामले में फैसला आने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा कि 68 लोगों की हत्या किसने की, नहीं जानता. एक दिन पहले अदालत ने समझौता ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, ‘2007 में समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ. 68 लोग मारे गए, एनआईए ने आठ लोगों को आरोपी बनाया. फैसला कोई नहीं जानता कि 68 लोगों को किसने मारा. हमें अपनी फौजदारी न्याय व्यवस्था पर गर्व करना होगा.’
बता दें, वर्ष 2007 में समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. बुधवार को विशेष अदालत ने इस मामले में स्वामी असीमानंद और तीन अन्य को बरी कर दिया.
हरियाणा में पानीपत के निकट 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस में उस समय विस्फोट हुआ था, जब ट्रेन अमृतसर में अटारी की ओर जा रही थी.
कांग्रेस नेता से पहले AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसीने भी ट्वीट कर सभी को बरी किए जाने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ’68 की मौत हुई और कोई जिम्मेदारी नहीं, कहने के लिए कुछ भी नहीं कि न्याय किया गया है.’ उन्होंने इसके पीछे जानबूझकर घटिया मुकदमा चलाने की बात कही.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस फैसले के बाद आरएसएस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सबूतों को नुकसान पहुंचाने के बावजूद आरएसएस के एक पूर्व सदस्य को बरी कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि अगर वे कश्मीरी/मुसलमान होते, तो उन्हें दोषी ठहराया जाता और बिना निष्पक्ष मुकदमे के जेल भी होती. मुफ्ती ने सवाल किया कि भगवा आतंक के प्रति ऐसे दोहरे मापदंड और उदारता क्यों?