नई दिल्ली : केरल साहित्य उत्सव में शनिवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि किसी भी राज्य का नागरिकता कानून (सीएए) को लागू करने से मना करना असंवैधानिक है. हालांकि, आज इस बयान से पलटते हुए उन्होंने कहा है कि मेरा मानना है सीएए असंवैधानिक है.
दरअसल, पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल का केरल साहित्य उत्सव में दिया गया बयान उनकी पार्टी के स्टैंड के खिलाफ था. आज इस बयान पर सिब्बल ने सफाई देते हुए ट्वीट किए और कहा, 'मेरा मानना है कि सीएए असंवैधानिक है. प्रत्येक राज्य विधानसभा को प्रस्ताव पारित करने और इसे वापस लेने की मांग संवैधानिक अधिकार है और जब कानून को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संवैधानिक घोषित किया जाता है फिर इसका विरोध करना समस्याग्रस्त होगा. लड़ाई जारी रहेगी!'
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आपको बता दें कि पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री ने केरल साहित्य उत्सव में शनिवार को कहा था कि जब सीएए पारित हो चुका है, तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि वह उसे लागू नहीं करेगा.
उन्होंने कहा था कि यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है. सिब्बल ने कहा कि आप इसका विरोध कर सकते हैं. विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से (कानून) वापस लेने की मांग कर सकते हैं लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि कोई इसे लागू नहीं करेगा अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है.