नई दिल्ली: प. बंगाल में राजनीतिक हिंसा को लेकर स्थिति चिंतानजक होती जा रही है. आज राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. समझा जाता है कि उन्होंने राज्य के हालात को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है. क्या राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की तैयारी है, भाजपा महासचिव और पार्टी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इससे साफ इनकार किया है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि अभी वो राष्ट्रपति शासन का समर्थन नहीं करना चाहेंगे. लेकिन हालात नहीं सुधरे, तो सरकार को जल्द ही कोई बड़ा निर्णय लेना होगा.
भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में कश्मीर जैसे हालात पैदा होते जा रहे हैं. हर दिन यहां पर भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है और ये सब ममता बनर्जी के इशारों पर हो रहा है.
क्या कार्यकर्ता डरे हुए हैं, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता डटकर मुकाबला करने वाले हैं.
पढ़ें: बंगाल: टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, आठ लोगों की मौत
पढ़ें: बंगाल हिंसा पर BJP का सोमवार को 12 घंटे का बंद, काला दिवस मनाने का ऐलान
आपको बता दें कि केशरी नाथ त्रिपाठी ने गृह मंत्री से मुलाकात करने से पहले पीएम नरेन्द्र मोदी से भी भेंट की. त्रिपाठी के अनुसार यह शिष्टाचार भेंट है. इस पर कोई राजनीति करने की आवश्यकता नहीं है.
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र के एडवायजरी पर नाराजगी जाहिर की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा है कि यूपी में भी राजनीतिक हत्या हुई, क्या उन्हें एडवायजरी जारी की गई थी.
टीवी रिपोर्ट के मुताबिक ममता ने केन्द्र सरकार को चुनौती दी है कि वे राज्य में धारा 356 लागू कर दिखाएं. इस धारा के तहत किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है.
राज्य में लोकसभा चुनाव होने के बाद भी हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है. इसके लिए भाजपा और टीएमसी, दोनों पार्टियां एक दूसरे को दोषी ठहरा रही हैं.