पश्चिम बंगाल : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के कार्यक्रम में भाषण देने से पहले राज्य की सीएम ममता बनर्जी नाराज हो गईं. ममता ने कार्यक्रम को संबोधित करने से मना कर दिया. इस पर भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. बीजेपी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस राम के नाम पर राजनीति कर रही है. इस पूरे मामले पर बीजेपी के सीनियर लीडर और बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने हमला बोला है.
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जय श्रीराम के नारे से किसी का अपमान कैसे हो सकता है? बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री के सामने ही नारों से आपत्ति क्यों हुई. हमारे पर्यटक मंत्री पहलाद पटेल के सामने भी नारे लगे, उन्हें तो कोई आपत्ति नहीं हुई. ममताजी को ही क्यों आपत्ति हुई. विजयवर्गीय ने आगे कहा कि ममताजी का पहले ही एजेंडा था. उन्होंने मंच का दुरुपयोग करते हुए 30 फीसदी लोगों को खुश करने के लिए ऐसा किया.
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ममताजी ने आज बहुत ही पवित्र मंच पर 'जय श्रीराम' के नारे पर राजनैतिक एजेंडा सेट किया। हम इसकी निंदा करते है, नेताजी की 125वीं जयंती के मंच जहाँ प्रधानमंत्री उपस्थित हो। वहाँ चुनाव को देखते हुए राजनैतिक एजेंडा सेट करना।
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अल्पसंख्यक लोगों को खुश करने की तुष्टिकरण की नीति है।
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— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 23, 2021
अल्पसंख्यक लोगों को खुश करने की तुष्टिकरण की नीति है।ममताजी ने आज बहुत ही पवित्र मंच पर 'जय श्रीराम' के नारे पर राजनैतिक एजेंडा सेट किया। हम इसकी निंदा करते है, नेताजी की 125वीं जयंती के मंच जहाँ प्रधानमंत्री उपस्थित हो। वहाँ चुनाव को देखते हुए राजनैतिक एजेंडा सेट करना।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 23, 2021
अल्पसंख्यक लोगों को खुश करने की तुष्टिकरण की नीति है।
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कैलाश वीजयवर्गीय ने कहा कि जय श्रीराम जप पर गुस्सा करना ममता बनर्जी का राजनीतिक एजेंडा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ममता ने 30 प्रतिशत वोट देने के लिए नेताजी सुभास चंद्र बोस का अपमान किया.