नई दिल्ली: अयोध्या विवाद मामले में आज से नियमित सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो गई है. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी इस मामले में नियमित सुनवाई हुई और मध्यस्थता के कई प्रयास भी हुए, लेकिन एक स्पष्ट और सर्वमान्य नतीजा कभी नहीं निकल सका.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई से जुड़े रहे जस्टिस भंवर सिंह ने कहा कि मध्यस्थता के कई प्रयासों को किसी न किसी पक्ष ने खारिज किया है. अब जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा, और वह सर्वमान्य होगा.
जस्टिस भंवर सिंह से ईटीवी भारत ने बातचीत के दौरान कई दशकों से लंबित इस मामले पर अपने कई अनुभव साझा किये. भंवर सिंह कहते हैं कि अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता की संभावना हमेशा थी, लेकिन एक नतीजे पर कभी वकील तो कभी हिन्दू या मुस्लिम पक्ष के लोग सहमत नहीं हुए. साथ ही उन्होंने ये भी माना कि राजनीति ने भी इस मामले को न सुलझने देने में मुख्य भूमिका निभाई है.
पढ़ें: अयोध्या केस : CJI ने स्थिति साफ करने को कहा, अक्टूबर तक हो सकती है सुनवाई
हालांकि, अब जस्टिस भंवर सिंह को पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द निर्णय देगी और वो निर्णय सर्वमान्य होगा. बता दें, जस्टिस भंवर सिंह साल 2000 से 2007 के बीच उस विशेष बेंच का हिस्सा रहे, जिसने इस मामले पर नियमित सुनवाई की थी.