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गौतम नवलखा को मुंबई लाकर न्यायिक हिरासत में भेजा गया - नागरिक अधिकार

एल्गार परिषद-कथित माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को आज यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने 22 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पढ़ें पूरी खबर...

judicial custody for gautam navlakha in bhima koregaon case
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा
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Published : May 26, 2020, 11:33 PM IST

मुंबई : एल्गार परिषद-कथित माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को आज यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने 22 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

नवलखा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पिछले महीने आत्मसमर्पण कर दिया था. उन्हें जांच एजेंसी दिन में शहर में लेकर आई और उन्हें अदालत में पेश किया.

इससे पहले वह 22 जून तक दिल्ली में न्यायिक हिरासत में थे. यहां की अदालत ने उनकी हिरासत को जारी रखा. उन्होंने उच्चतम न्यायालय से कोई राहत नहीं मिलने पर 14 अप्रैल को एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया था.

विशेष एनआईए अदालत ने नवलखा को 22 जून तक के लिए मुंबई के पास स्थित तलोजा जेल भेज दिया है.

बता दें, नवलखा पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. विशेष सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने बताया कि उन्हें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते पहले मुंबई नहीं लाया जा सका था.

गौरतलब है, माओवादियों से कथित तौर पर संबंध रखने एवं सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने को लेकर नवलखा और 10 अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पुणे पुलिस ने जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास जातीय हिंसा होने के बाद शुरूआत में एक मामला दर्ज किया था.

पुलिस के मुताबिक, पुणे में 31 दिसंबर 2017 को हुई एल्गार परिषद में भड़काऊ और उकसाने वाले बयान देने के चलते अगले दिन हिंसा भड़क गई थी. उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने इसका आयोजन किया था, उनमें से कुछ के माओवादियों से संबंध थे.

जांच के दौरान पुलिस ने वरवर राव और सुधा भारद्वाज सहित कई वामपंथी लेखकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. बाद में केंद्र सरकार ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया.

मुंबई : एल्गार परिषद-कथित माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को आज यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने 22 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

नवलखा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पिछले महीने आत्मसमर्पण कर दिया था. उन्हें जांच एजेंसी दिन में शहर में लेकर आई और उन्हें अदालत में पेश किया.

इससे पहले वह 22 जून तक दिल्ली में न्यायिक हिरासत में थे. यहां की अदालत ने उनकी हिरासत को जारी रखा. उन्होंने उच्चतम न्यायालय से कोई राहत नहीं मिलने पर 14 अप्रैल को एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया था.

विशेष एनआईए अदालत ने नवलखा को 22 जून तक के लिए मुंबई के पास स्थित तलोजा जेल भेज दिया है.

बता दें, नवलखा पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. विशेष सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने बताया कि उन्हें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते पहले मुंबई नहीं लाया जा सका था.

गौरतलब है, माओवादियों से कथित तौर पर संबंध रखने एवं सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने को लेकर नवलखा और 10 अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पुणे पुलिस ने जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास जातीय हिंसा होने के बाद शुरूआत में एक मामला दर्ज किया था.

पुलिस के मुताबिक, पुणे में 31 दिसंबर 2017 को हुई एल्गार परिषद में भड़काऊ और उकसाने वाले बयान देने के चलते अगले दिन हिंसा भड़क गई थी. उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने इसका आयोजन किया था, उनमें से कुछ के माओवादियों से संबंध थे.

जांच के दौरान पुलिस ने वरवर राव और सुधा भारद्वाज सहित कई वामपंथी लेखकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. बाद में केंद्र सरकार ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया.

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