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जयंती विशेष : भारतीय अर्थव्यवस्था की धुरी थे जेआरडी टाटा

जमशेदपुर शहर को बसाने वाले और देश की अर्थव्यवस्था में अहम भागीदारी निभाने वाले जेआरडी टाटा की आज 116वीं जयंती है. इस अवसर पर जमशेदपुरवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. आइए जानते हैं जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा की कुछ खास बातें.

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Published : Jul 29, 2020, 1:50 PM IST

रांची : देश की अर्थव्यवस्था में टाटा ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह में से एक टाटा की कई कंपनिया हैं, इसमें टाटा एंड संस, टाटा स्टील, टाटा मेमारियल सेंटर, एशिया का पहला कैंसर अस्पताल और टाटा वायु उद्यान जैसी कंपनी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है. 1968 में टाटा कम्प्यूटर सेंटर के रूप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की स्थापना की गई और 1979 में टाटा स्टील ने एक नया अभ्यास शुरू किया.

जमशेदपुर को यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट सिटी के रूप में चुना गया, क्योंकि जीवन की गुणवत्ता, स्वच्छता, सड़कों और कल्याण की स्थिति टाटा स्टील ने पेशकश की थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जमशेदपुर शहर को बसाने वाले और देश की अर्थव्यवस्था में भागीदारी निभाने वाले जेआरडी के नाम से इतिहास में प्रसिद्ध जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा की 29 जुलाई को 116वीं जयंती है. टाटा स्टील हर साल उनकी जयंती को समारोह के तौर पर आयोजित करता है. इस अवसर पर टाटा स्टील कई तरह के खेल-कूद के कार्यक्रम भी आयोजित करता है, लेकिन कोरोना के प्रकोप ने इस अवसर पर भी पानी फेर दिया, जिसकी वजह से सभी प्रतियोगिताएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी.

औद्योगिक घरानों की शुरुआत करने वाले जेआरडी
देश के मजदूरों की सोच आगे बढ़ाने वाले और देश में औद्योगिक घरानों की शुरुआत करने वाले रतनजी दादाभाई टाटा का जन्म 29 जुलाई 1904 को पेरिस में हुआ था. इनके पिता पारसी और माता क्रिश्चन थी, जिन्होंने बाद में पारसी धर्म को अपनाया था. बचपन फ्रांस में बीतने के कारण जेआरडी की पहली भाषा फ्रेंच थी. भारत लौटने के बाद इन्होंने मुंबई के कैथेडरल और जॉन कोनोन स्कूल में शुरुआती पढ़ाई पूरी की.

टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टेल्को समेत कई कम्पनियां
जेआरडी टाटा 19 साल की उम्र में टाटा कंपनी में इंटर्न के तौर पर पहली बार जुड़े. 21 की उम्र में जेआरडी ने टाटा मोटर्स, टेल्को, टिस्को, टाटा ग्लोबल बेवरेजिस और टाइटन जैसी कंपनियों की शुरुआत की. वहीं, मजदूरों के हक के लिए टाटा यूनियन, लेबर कानून की शुरुआत में इनका अहम योगदान रहा था. 21 वर्ष की आयु में देश में सबसे पहले पायलट लाइसेंस प्राप्त करने वाले जेआरडी टाटा ने देश की पहली वाणिज्य एयर लाइंस की स्थापना की, जो 1946 में एयर इंडिया बनी. जेआरडी को बड़ी उपलब्धि के लिए पद्म भूषण, विमान क्षेत्र के लिए गुग्रेनियम मेडल और निस्वार्थ मानवीय प्रयासों के कारण भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया.

अमेरिका की तरह डिबेट कर चुनाव चाहते थे जेआरडी
जेआरडी टाटा केंद्र की सत्ता की जी-हुजूरी करने वाले कारोबारी में से नहीं थे. वह संसदीय लोक प्रणाली से अलग अमेरिका की सत्ता की तरह राष्ट्रपति डिबेट की तरह चुनाव कराने की बात करते थे. टाटा का मानना था कि प्रधानमंत्री नेहरू के बाद देश में स्थिर सरकार बदल जाएगी, जिसके बाद देश की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी. इसके लिए अमेरिका की तरह भारत में सत्ता की जरूरत होगी.

जमशेदपुर शहर बसाने वाले जेआरडी
जेआरडी टाटा पिता रतनजी दादाभाई टाटा और माता सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे. रतनजी टाटा देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक थे और वह जमशेदजी टाटा के चचेरे भाई थे. जमशेदजी टाटा ने जमशेदपुर शहर की नींव 1907 में रखी थी. जमशेद जी टाटा के नाम पर जमशेदपुर शहर की स्थापना की गई.

देश की अर्थव्यवस्था में टाटा का योगदान
टाटा कंपनी और टाटा संस देश की अर्थव्यवस्था में 75 फीसदी भूमिका निभाती है. टीसीएस कंपनी ने टाटा समूह के लाभ में लगभग 32 हजार 340 करोड़ रुपये का योगदान दिया है.

जेआरडी टाटा की खास बातें
जेआरडी टाटा के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने बताया कि रिगर ग्राउंड(गोपाल मैदान) में जेआरडी टाटा अपनी पत्नी के साथ खेलकूद की प्रतियोगिता में पुरस्कार वितरित करने के लिए आते थे. साथ ही उन्होंने बताया कि जेआरडी की खास बात यह थी कि वह स्वंय भी प्रतियोगिता में भाग लेते थे. जेआरडी टाटा के जाने के बाद हुए बदलाव के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि उनके समय लोग काफी खुश थे, लेकिन उनके जाने के बाद मजदूरों के भी कामों में कटौती हुई है और सुविधाएं भी कम हो गई हैं.

रांची : देश की अर्थव्यवस्था में टाटा ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह में से एक टाटा की कई कंपनिया हैं, इसमें टाटा एंड संस, टाटा स्टील, टाटा मेमारियल सेंटर, एशिया का पहला कैंसर अस्पताल और टाटा वायु उद्यान जैसी कंपनी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है. 1968 में टाटा कम्प्यूटर सेंटर के रूप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की स्थापना की गई और 1979 में टाटा स्टील ने एक नया अभ्यास शुरू किया.

जमशेदपुर को यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट सिटी के रूप में चुना गया, क्योंकि जीवन की गुणवत्ता, स्वच्छता, सड़कों और कल्याण की स्थिति टाटा स्टील ने पेशकश की थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जमशेदपुर शहर को बसाने वाले और देश की अर्थव्यवस्था में भागीदारी निभाने वाले जेआरडी के नाम से इतिहास में प्रसिद्ध जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा की 29 जुलाई को 116वीं जयंती है. टाटा स्टील हर साल उनकी जयंती को समारोह के तौर पर आयोजित करता है. इस अवसर पर टाटा स्टील कई तरह के खेल-कूद के कार्यक्रम भी आयोजित करता है, लेकिन कोरोना के प्रकोप ने इस अवसर पर भी पानी फेर दिया, जिसकी वजह से सभी प्रतियोगिताएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी.

औद्योगिक घरानों की शुरुआत करने वाले जेआरडी
देश के मजदूरों की सोच आगे बढ़ाने वाले और देश में औद्योगिक घरानों की शुरुआत करने वाले रतनजी दादाभाई टाटा का जन्म 29 जुलाई 1904 को पेरिस में हुआ था. इनके पिता पारसी और माता क्रिश्चन थी, जिन्होंने बाद में पारसी धर्म को अपनाया था. बचपन फ्रांस में बीतने के कारण जेआरडी की पहली भाषा फ्रेंच थी. भारत लौटने के बाद इन्होंने मुंबई के कैथेडरल और जॉन कोनोन स्कूल में शुरुआती पढ़ाई पूरी की.

टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टेल्को समेत कई कम्पनियां
जेआरडी टाटा 19 साल की उम्र में टाटा कंपनी में इंटर्न के तौर पर पहली बार जुड़े. 21 की उम्र में जेआरडी ने टाटा मोटर्स, टेल्को, टिस्को, टाटा ग्लोबल बेवरेजिस और टाइटन जैसी कंपनियों की शुरुआत की. वहीं, मजदूरों के हक के लिए टाटा यूनियन, लेबर कानून की शुरुआत में इनका अहम योगदान रहा था. 21 वर्ष की आयु में देश में सबसे पहले पायलट लाइसेंस प्राप्त करने वाले जेआरडी टाटा ने देश की पहली वाणिज्य एयर लाइंस की स्थापना की, जो 1946 में एयर इंडिया बनी. जेआरडी को बड़ी उपलब्धि के लिए पद्म भूषण, विमान क्षेत्र के लिए गुग्रेनियम मेडल और निस्वार्थ मानवीय प्रयासों के कारण भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया.

अमेरिका की तरह डिबेट कर चुनाव चाहते थे जेआरडी
जेआरडी टाटा केंद्र की सत्ता की जी-हुजूरी करने वाले कारोबारी में से नहीं थे. वह संसदीय लोक प्रणाली से अलग अमेरिका की सत्ता की तरह राष्ट्रपति डिबेट की तरह चुनाव कराने की बात करते थे. टाटा का मानना था कि प्रधानमंत्री नेहरू के बाद देश में स्थिर सरकार बदल जाएगी, जिसके बाद देश की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी. इसके लिए अमेरिका की तरह भारत में सत्ता की जरूरत होगी.

जमशेदपुर शहर बसाने वाले जेआरडी
जेआरडी टाटा पिता रतनजी दादाभाई टाटा और माता सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे. रतनजी टाटा देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक थे और वह जमशेदजी टाटा के चचेरे भाई थे. जमशेदजी टाटा ने जमशेदपुर शहर की नींव 1907 में रखी थी. जमशेद जी टाटा के नाम पर जमशेदपुर शहर की स्थापना की गई.

देश की अर्थव्यवस्था में टाटा का योगदान
टाटा कंपनी और टाटा संस देश की अर्थव्यवस्था में 75 फीसदी भूमिका निभाती है. टीसीएस कंपनी ने टाटा समूह के लाभ में लगभग 32 हजार 340 करोड़ रुपये का योगदान दिया है.

जेआरडी टाटा की खास बातें
जेआरडी टाटा के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने बताया कि रिगर ग्राउंड(गोपाल मैदान) में जेआरडी टाटा अपनी पत्नी के साथ खेलकूद की प्रतियोगिता में पुरस्कार वितरित करने के लिए आते थे. साथ ही उन्होंने बताया कि जेआरडी की खास बात यह थी कि वह स्वंय भी प्रतियोगिता में भाग लेते थे. जेआरडी टाटा के जाने के बाद हुए बदलाव के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि उनके समय लोग काफी खुश थे, लेकिन उनके जाने के बाद मजदूरों के भी कामों में कटौती हुई है और सुविधाएं भी कम हो गई हैं.

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