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ट्विटर के सीईओ के खिलाफ केस पर जोधपुर हाईकोर्ट में 23 अक्टूबर को सुनवाई

ट्विटर के सीईओ की ओर से ब्राह्मण समाज के विरुद्ध किए गए विवादित ट्वीट पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में सुनवाई होनी थी. लेकिन समय अभाव के चलते सुनवाई नहीं हो सकी और अब इस मामले में 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी. पढे़ं विस्तार से...

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Published : Sep 25, 2019, 10:25 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:51 AM IST

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्यपीठ जोधपुर में ट्विटर के सीईओ की ओर से ब्राह्मण समाज के विरुद्ध किए गए विवादित ट्वीट पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने को लेकर टि्वटर के सीईओ जैक डॉर्सी की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में सुनवाई होनी थी.

लेकिन, कॉज लिस्ट में उक्त मामला 256 नंबर पर लिस्टिंग होने के कारण और समय अभाव के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. इसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की ओर से उक्त मामले में लंच टाइम के समय कोर्ट के समक्ष उक्त मामले को मेंशन करवाते हुए सुनवाई की तारीख मुकर्रर करवाई गई.

इसे भी पढ़ें:- आधार कार्ड से सोशल मीडिया प्रोफाइल लिंक करना प्राइवेसी के लिए खतरा, जानें विशेषज्ञों का राय

वहीं अब इस मामले पर 23 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी. इस मामले में सह आरोपी मिस अन्ना वेरीफाड की ओर से एफआईआर निरस्त करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर 482 नंबर की याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई. लेकिन समय का अभाव होने की वजह से इस याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने मामले का जांच सही से नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाया था. जिसके बाद इन सभी याचिकाओं पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने जानकारी दी...

इसे भी पढ़ें:- ट्विटर ने दुनियाभर में बंद किए हजारों फर्जी समाचार अकाउंट

गौरतलब है कि जैक डॉर्सी के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में महिला कार्यकर्ता के साथ ही अन्य महिलाओं ने डॉर्सी से मुलाकात करते हुए एक पोस्टर भेंट किया था. जिस पोस्टर पर उक्त विवादित बयान था कि 'ब्राह्मणवादी सत्ता' का नाश हो. इस बयान को लेकर ब्राह्मण समुदाय के पदाधिकारियों ने कोर्ट के माध्यम से बासनी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी.

दरअसल मामले में अब तक के जांच में यह सामने आया है कि विवादित टवीट 'मीस अन्ना' वैरिफाड के ट्विटर एकाउंट से हुआ है. इस ट्विटर एकाउंट का लिंक और ई-मेल एड्रेस जैक डॉर्सी ने उपलब्ध करवाया है.

हालांकि पुलिस साईबर सेल के माध्यम से अपराध का पता लगाने में जुटी हुई है.

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्यपीठ जोधपुर में ट्विटर के सीईओ की ओर से ब्राह्मण समाज के विरुद्ध किए गए विवादित ट्वीट पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने को लेकर टि्वटर के सीईओ जैक डॉर्सी की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में सुनवाई होनी थी.

लेकिन, कॉज लिस्ट में उक्त मामला 256 नंबर पर लिस्टिंग होने के कारण और समय अभाव के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. इसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की ओर से उक्त मामले में लंच टाइम के समय कोर्ट के समक्ष उक्त मामले को मेंशन करवाते हुए सुनवाई की तारीख मुकर्रर करवाई गई.

इसे भी पढ़ें:- आधार कार्ड से सोशल मीडिया प्रोफाइल लिंक करना प्राइवेसी के लिए खतरा, जानें विशेषज्ञों का राय

वहीं अब इस मामले पर 23 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी. इस मामले में सह आरोपी मिस अन्ना वेरीफाड की ओर से एफआईआर निरस्त करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर 482 नंबर की याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई. लेकिन समय का अभाव होने की वजह से इस याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने मामले का जांच सही से नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाया था. जिसके बाद इन सभी याचिकाओं पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने जानकारी दी...

इसे भी पढ़ें:- ट्विटर ने दुनियाभर में बंद किए हजारों फर्जी समाचार अकाउंट

गौरतलब है कि जैक डॉर्सी के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में महिला कार्यकर्ता के साथ ही अन्य महिलाओं ने डॉर्सी से मुलाकात करते हुए एक पोस्टर भेंट किया था. जिस पोस्टर पर उक्त विवादित बयान था कि 'ब्राह्मणवादी सत्ता' का नाश हो. इस बयान को लेकर ब्राह्मण समुदाय के पदाधिकारियों ने कोर्ट के माध्यम से बासनी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी.

दरअसल मामले में अब तक के जांच में यह सामने आया है कि विवादित टवीट 'मीस अन्ना' वैरिफाड के ट्विटर एकाउंट से हुआ है. इस ट्विटर एकाउंट का लिंक और ई-मेल एड्रेस जैक डॉर्सी ने उपलब्ध करवाया है.

हालांकि पुलिस साईबर सेल के माध्यम से अपराध का पता लगाने में जुटी हुई है.

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समयाभाव के चलते ट्विटर सीईओ की याचिका पर नही हुई सुनवाई

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट मुख्यपीठ जोधपुर में ट्विटर के सीईओ की ओर से ब्राह्मण समाज के विरुद्ध किए गए विवादित ट्वीट पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने को लेकर टि्वटर सीईओ जेक डोरसे की ओर से दायर याचिका पर आज जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में सुनवाई होनी थी लेकिन कॉज लिस्ट में उक्त मामला 256 नंबर पर लिस्टिंग होने के कारण व समय अभाव के चलते सुनवाई नहीं हो सकी।जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं द्वारा उक्त मामले में लंच टाइम के समय कोर्ट के समक्ष उक्त मामले को मेंशन करवाते हुए सुनवाई की तारीख मुकर्रर करवाई गई।अब इस मामले पर 23 अक्टूबर को वापिस सुनवाई होगी , वहीं इस मामले में सह आरोपी मिस अन्ना वेरीफाड की ओर से एफ आई आर निरस्त करने एवं गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर 482 की याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई । समय अभाव के कारण इस याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो सकी। याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने मामले का अनुसंधान सही नहीं करने होने को लेकर हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाया था इन सभी याचिकाओं पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी। । गौरतलब है कि जेक डोरसे के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में महिला कार्यकर्ता के साथ ही अन्य महिलाओं ने डोरसे से मुलाकात करते हुए एक पोस्टर भेट किया था। जिस पोस्टर पर उक्त विवादित बयान था कि ब्राह्मण वादी सत्ता का नाश हो। उक्त बयान को लेकर ब्राह्मण समुदाय के पदाधिकारियों द्वारा एफआईआर कोर्ट के माध्यम से बासनी थाने में दर्ज करवाई गई थी। मामले में अब तक के अनुसंधान में यह सामने आया है कि उक्त विवादित ट्विट मीस अन्ना वैरिफाड के ट्विटर एकाउंट से हुआ है। इस ट्विटर एकाउंट का लिंक व ई मेल एड्रेस जेके डोरसे द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। जिसमे पुलिस साईबर सेल के माध्यम से उक्त अपराध का पता लगाने में जुटी हुई है।

बाइट- हस्तीमल सारस्वत
एडवोकेट, याचिकाकर्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर।Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 12:51 AM IST
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