जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्यपीठ जोधपुर में ट्विटर के सीईओ की ओर से ब्राह्मण समाज के विरुद्ध किए गए विवादित ट्वीट पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने को लेकर टि्वटर के सीईओ जैक डॉर्सी की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में सुनवाई होनी थी.
लेकिन, कॉज लिस्ट में उक्त मामला 256 नंबर पर लिस्टिंग होने के कारण और समय अभाव के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. इसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की ओर से उक्त मामले में लंच टाइम के समय कोर्ट के समक्ष उक्त मामले को मेंशन करवाते हुए सुनवाई की तारीख मुकर्रर करवाई गई.
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वहीं अब इस मामले पर 23 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी. इस मामले में सह आरोपी मिस अन्ना वेरीफाड की ओर से एफआईआर निरस्त करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर 482 नंबर की याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई. लेकिन समय का अभाव होने की वजह से इस याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने मामले का जांच सही से नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाया था. जिसके बाद इन सभी याचिकाओं पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
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गौरतलब है कि जैक डॉर्सी के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में महिला कार्यकर्ता के साथ ही अन्य महिलाओं ने डॉर्सी से मुलाकात करते हुए एक पोस्टर भेंट किया था. जिस पोस्टर पर उक्त विवादित बयान था कि 'ब्राह्मणवादी सत्ता' का नाश हो. इस बयान को लेकर ब्राह्मण समुदाय के पदाधिकारियों ने कोर्ट के माध्यम से बासनी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी.
दरअसल मामले में अब तक के जांच में यह सामने आया है कि विवादित टवीट 'मीस अन्ना' वैरिफाड के ट्विटर एकाउंट से हुआ है. इस ट्विटर एकाउंट का लिंक और ई-मेल एड्रेस जैक डॉर्सी ने उपलब्ध करवाया है.
हालांकि पुलिस साईबर सेल के माध्यम से अपराध का पता लगाने में जुटी हुई है.