नई दिल्ली : जेएनयू में चरणबद्ध तरीके से उन छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है, जिन्हें इस साल के अंत तक अपनी पीएचडी जमा करनी है. इसी कड़ी में चौथे चरण के अंतर्गत 21 दिसंबर से यूनिवर्सिटी को खोला जा रहा है. वहीं दिव्यांग छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश दिए जाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा-
छात्रों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. इसी के चलते एक साथ छात्रों को प्रवेश देने के बजाय चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय छात्रों के लिए खोला जा रहा है. मेरी अपील की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें, जिससे परिसर में कोविड-19 फैलने की संभावनाएं ना के बराबर हो.
बता दें कि जेएनयू में शोधकर्ता छात्रों को प्रवेश देने की चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत चौथे चरण में दिव्यांग छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं इसको लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं-
- छात्रों को एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा.
- परिसर में छात्र एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकेंगे.
- मीटिंग्स ऑनलाइन ही आयोजित की जाएंगी.
- कैंटीन और ढाबे को बंद रखा जाएगा.
- जो छात्र दिल्ली के बाहर से आ रहे हैं, उन्हें 7 दिनों तक सेल्फ क्वारंटीन रहना होगा.
- अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा
'गाइडलाइंस का करें पालन'
छात्रों को निर्देश दिया गया है कि लैब में काम करने के दौरान सभी छात्र हाथों में दस्ताने और चेहरे पर मास्क लगाकर रखेंगे. साथ ही कहा गया है कि कमरों में एसी-कूलर चलाने के बजाय प्राकृतिक हवा को प्राथमिकता दी जाए. कमरे की खिड़कियां और दरवाजे खुले रहें, जिससे ताजी हवा अंदर आ सके.
इसके अलावा छात्रों को बार-बार हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. वहीं परिसर में मौजूद स्टाफ और छात्रों को सलाह दी गई है कि वो सरकार द्वारा जारी सभी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करें.
छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में चरणबद्ध तरीके से प्रवेश दिए जाने को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा-
विश्वविद्यालय द्वारा एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है, जो कोविड-19 की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. छात्रों को एक साथ विश्वविद्यालय बुलाने पर कोविड-19 के फैलने का खतरा है. ऐसे में छात्रों को चरणबद्ध तरीके से ही प्रवेश दिया जा रहा है. जैसे-जैसे कोविड-19 की स्थिति में सुधार होगा, ज्यादा से ज्यादा छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.