धनबाद : कोरोना काल में पीएम मोदी के आपदा को अवसर में बदलने के आह्वान पर झारखंड के एक युवा ने अपनी टीम के साथ सेना के शौर्य पर एक वीडियो गेम बनाया है. झारखंड के इस इंजीनियरिंग छात्र का दावा है कि यह वीडियो गेम भारतीय संस्कृति और सेना को समर्पित झारखंड का पहला वीडियो गेम है.
देश की कोयला राजधानी के नाम से मशहूर धनबाद जिले के पुटकी बलिहारी के रहने वाले बीटेक छात्र दीपेश गौरव ने अपनी 15 सदस्यीय टीम के साथ मिलकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक और कैप्टन अभिनंदन के साहसिक कारनामों को वीडियो गेम में तब्दील किया है, जिसकी चर्चा देश भर में हो रही है.
गेम बनाने वाले सभी छात्र-छात्रा झारखंड के रहने वाले
वीडियो गेम बनाने वाली टीम के प्रमुख बीटेक छात्र दीपेश गौरव ने बताया कि वे भुवनेश्वर में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे. इक बीच लॉकडाउन के कारण घर लौटना पड़ा. इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के लिए वोकल फॉर लोकल का नारा दिया. पीएम ने युवाओं से भारतीय संस्कृति और सेना को समर्पित वीडियो गेम बनाने की भी अपील की थी. पीएम की अपील पर उसने राज्य के ही अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले 15 बीटेक के छात्र-छात्राओं से संपर्क साधा और फिर अपने अभियान में जुट गया. इस क्रम में अड़चनें भी आईं पर देश-विदेश के विशेषज्ञों से सलाह लेकर उन्होंने वीडियो गेम बनाने में सफलता हासिल की.
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दावा-झारखंड के युवाओं का बनाया पहला वीडियो गेम
दीपेश गौरव का कहना है उनका वीडियो गेम झारखंडी युवाओं की ओर से बनाया जाने वाला पहला वीडियो गेम है. उन्होंने इसका नाम स्ट्राइक एंड एनकाउंटर फॉरमेशन बाय अभिनंदन अर्थात सेना दिया है. हालांकि वीडियो गेम में अभिनंदन की कहानी में थोड़ी तब्दीली की गई है. इसमें कैप्टन अभिनंदन पाकिस्तानी सेना के कब्जे में नहीं आते हैं, बल्कि उनके कैंप में घुसकर उनका सफाया करते हुए भारतीय दस्तावेज लेकर वापस लौटते हैं.
मदद की अपील
दीपेश के अनुसार फिलहाल अभी यह गेम खेल सकते हैं, लेकिन उनकी इच्छा है कि जल्द ही उनका यह गेम एंड्रायड पर आए, ताकि कई लोग इसका आनंद ले सकें. दीपेश ने सरकार से अपील की है कि स्टार्टअप की तरह ही प्रोत्साहन दें, जिससे वे सभी इसमें आगे भी काम कर सकें. उन्होंने बताया कि लॉन्च होने के बाद लोग इसे निःशुल्क गौरवगो टेक्नोलॉजीज वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे.
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पहले गेम खेलने पर नाराज होते थे दीपेश के पिता
दीपेश की इस कामयाबी से न सिर्फ उसके परिजन, बल्कि घर के आस-पास के लोग भी काफी उत्साहित है. दीपेश के पिता गोपाल प्रसाद के अनुसार पहले वे बेटे के दिन रात वीडियो गेम में लगे रहने से नाराज होते थे, लेकिन बेटे की इस उपलब्धि पर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि सरकार इन बच्चों की प्रतिभा के लिए मदद करें, ताकि यह लोग इस क्षेत्र में अपना और देश का नाम रोशन कर सकें.