नई दिल्ली: गृह मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने के लिए तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. इसके अलावा 85 से अधिक केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की गई.
जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में हुई इस बैठक को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान से बात की. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सामान्य स्थिति में लौट रहा है. यह जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए नया अनुभव है. हालांकि पहले उनके पास प्रशासन था, लेकिन सरकारी योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में शायद ही लागू किया गया.
उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर केंद्रीय शासन होगा. जहां सरकार लोगों के प्रति जवाब देह होगी. इससे पहले अनुच्छेद 370 के कारण सरकार की कोई जवाबदेही नहीं थी. यहां तक कि किसी को नहीं पता होता था कि सरकार पैसा कहां खर्च कर रही है.
बता दें कि मंगलवार को गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई.
बैठक में मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर में कई केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया गया. बैठक में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने के लिए प्रक्रियाओं और तौर-तरीकों पर भी चर्चा की गई.सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नौकरिया देने पर विचार कर रहा है.
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को शामिल करने के लिए व्यापक भर्ती अभियान शुरू होगा.
सरकार कथित तौर पर इस क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रारंभिक स्तर पर 50000 नौकरियां पैदा करने की योजना बना रही है.
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इसके अलावा अगले हफ्ते विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के संयुक्त सचिवों की एक उच्च स्तरीय टीम जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी. यह टीम दौरा करने के बात राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात करेगी.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को सरकार 31 अक्टूबर तक संघ शासित प्रदेशों को बनाने के लिए पूरी तरह तैयार से है.