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केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर लोगों को लिए नया अनुभव, जवाबदेही तय होगी

जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान ने कहा है कि यह कश्मीर के लोगों के लिए नया अनुभव होगा. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद केंद्र सीधे लोगों के प्रति जवाबदेह होगा. जानें पूरा मामला

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Published : Aug 27, 2019, 10:46 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 12:56 PM IST

पीएम मोदी और अमित शाह ( फाइल फोटो)

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने के लिए तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. इसके अलावा 85 से अधिक केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की गई.

जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में हुई इस बैठक को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान से बात की. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सामान्य स्थिति में लौट रहा है. यह जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए नया अनुभव है. हालांकि पहले उनके पास प्रशासन था, लेकिन सरकारी योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में शायद ही लागू किया गया.

ईटीवी भारत से बात करते दीपक दीवान

उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर केंद्रीय शासन होगा. जहां सरकार लोगों के प्रति जवाब देह होगी. इससे पहले अनुच्छेद 370 के कारण सरकार की कोई जवाबदेही नहीं थी. यहां तक कि किसी को नहीं पता होता था कि सरकार पैसा कहां खर्च कर रही है.

बता दें कि मंगलवार को गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई.

बैठक में मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर में कई केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया गया. बैठक में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने के लिए प्रक्रियाओं और तौर-तरीकों पर भी चर्चा की गई.सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नौकरिया देने पर विचार कर रहा है.

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को शामिल करने के लिए व्यापक भर्ती अभियान शुरू होगा.

सरकार कथित तौर पर इस क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रारंभिक स्तर पर 50000 नौकरियां पैदा करने की योजना बना रही है.

पढ़ें- J-K पर शीर्ष अधिकारियों की बैठक, 85 केंद्रीय योजनाएं होंगी लागू

इसके अलावा अगले हफ्ते विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के संयुक्त सचिवों की एक उच्च स्तरीय टीम जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी. यह टीम दौरा करने के बात राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात करेगी.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को सरकार 31 अक्टूबर तक संघ शासित प्रदेशों को बनाने के लिए पूरी तरह तैयार से है.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने के लिए तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. इसके अलावा 85 से अधिक केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की गई.

जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में हुई इस बैठक को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान से बात की. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सामान्य स्थिति में लौट रहा है. यह जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए नया अनुभव है. हालांकि पहले उनके पास प्रशासन था, लेकिन सरकारी योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में शायद ही लागू किया गया.

ईटीवी भारत से बात करते दीपक दीवान

उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर केंद्रीय शासन होगा. जहां सरकार लोगों के प्रति जवाब देह होगी. इससे पहले अनुच्छेद 370 के कारण सरकार की कोई जवाबदेही नहीं थी. यहां तक कि किसी को नहीं पता होता था कि सरकार पैसा कहां खर्च कर रही है.

बता दें कि मंगलवार को गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई.

बैठक में मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर में कई केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया गया. बैठक में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने के लिए प्रक्रियाओं और तौर-तरीकों पर भी चर्चा की गई.सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नौकरिया देने पर विचार कर रहा है.

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को शामिल करने के लिए व्यापक भर्ती अभियान शुरू होगा.

सरकार कथित तौर पर इस क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रारंभिक स्तर पर 50000 नौकरियां पैदा करने की योजना बना रही है.

पढ़ें- J-K पर शीर्ष अधिकारियों की बैठक, 85 केंद्रीय योजनाएं होंगी लागू

इसके अलावा अगले हफ्ते विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के संयुक्त सचिवों की एक उच्च स्तरीय टीम जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी. यह टीम दौरा करने के बात राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात करेगी.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को सरकार 31 अक्टूबर तक संघ शासित प्रदेशों को बनाने के लिए पूरी तरह तैयार से है.

Intro:New Delhi: A crucial meeting on Jammu & Kashmir at the Home Ministry on Tuesday have highlighted on the implementations of as many as 85 central projects apart from modalities for implementing the J&K Reorganisation Act.


Body:Chaired by Home Secretary Ajay Bhalla, the meeting was attended by secretaries and joint secretaries of different other ministries.

"The meeting mainly emphasised on the implementations of several central projects in J&K. The meeting also highlighted on the procedures and modalities for implementing the Jammu and Kashmir Reorganisation Act," said an official privy to the meeting to ETV Bharat.

Sources said that Centre is concentrating on the creation of more jobs for the youths of J&K.

"Massive recruitment drive will start for inductions of J&K youths into the army and other paramilitary forces," said the official on condition of anonymity.

The government is reportedly planning to create 50000 jobs at the initial stage for the youths of the region.

A high level team comprising joint secretaries of different central ministries is likely to visit J&K next week.

"The team apart from doing the ground visit, will also talk with Governor Satyapal Mallik on the creation of Its," the official said.

In fact, government is all set to create the UTs by October 31.


Conclusion:Sources said that the deliberations in Tuesday's meeting likely to be reflected in the implementation of the J&K Reorganisation Act.

Meanwhile, talking to ETV Bharat senior journalist Deepak Diwan said, "Jammu and Kashmir is returning to normalcy...For the people of J&K its a different experience now. Though earlier they had administration, but the government schemes were hardly implemented in J&K."

He said that now it will be under central rule and "there will be accountability and system of governance is going to be reflected."

end.
Last Updated : Sep 28, 2019, 12:56 PM IST
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