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जम्मू-कश्मीर में संशय के हालात, कई इलाकों में धारा 144 लागू, नेता नजरबंद

जम्मू कश्मीर में संभावित कार्रवाई को लेकर हालात पर संशय बना हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है. धारा 144 जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Aug 5, 2019, 5:45 AM IST

Updated : Aug 5, 2019, 6:35 AM IST

श्रीनगर: आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच जम्मू- कश्मीर में हालात संशय से भरे हुए हैं. प्रशासन ने घाटी समेत कई इलाकों में धारा 144 भी लगाई है. कई नेताओं को नजरबंद किया गया है.

रविवार को महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई गई. मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर भी आंशिक रोक लगाई गई है. पुलिस ने कहा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये एहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं.

अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: कई जिलों में बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज, अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती

अधिकारियों ने बताया कि यहां पूरे शहर तथा कश्मीर घाटी के अन्य खतरा संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. बता दें कि सुरक्षाबल पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं.

अधिकारियों के मुताबिक शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे, केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं.

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जम्मू क्षेत्र में भी सुरक्षा बढ़ाई दी गयी है. सीमावर्ती पुंछ और राजौरी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है.

अधिकारियों ने कहा कि आतंकी हमलों की धमकी के मद्देनजर कार्रवाई की जा रही है. बीते दो दिनों में अलग-अलग जिलों में आरएएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ समेत विभिन्न केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कई कंपनियों को तैनात किया गया है.

अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में तैनात आरएएफ की टुकड़ियों ने सुरक्षा अभ्यास के तहत स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के साथ एक इलाके में गश्त की.

जम्मू क्षेत्र में हालात कमोबेश सामान्य रहे हैं, लेकिन राजौरी और पुंछ, डोडा, किश्तवाड़ समेत विभिन्न जिलों से आ रहीं रिपोर्टों के मुताबिक भारी संख्या में बलों की तैनाती से लोगों में घबराहट है.

इससे पहले दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की.

रविवार को दिल्ली में घंटे भर चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. शाह और डोवाल की बैठक ऐसे समय में हुई है जब नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच ताजा झड़प हुई.

ये भी पढ़ें: भारतीय सेना ने PAK सेना की घुसपैठ को किया नाकाम, 5-7 आतंकी मार गिराये

इससे पहले शनिवार को सेना ने केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर 'बैट' के हमले को विफल कर दिया और पांच-सात घुसपैठियों को मार गिराया. बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) में आम तौर पर पाकिस्तान सेना के विशेष सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी होते हैं.

क्या है सरकारी सुझाव, क्यों कश्मीर से लौट रहे हैं लोग
गौरतलब है कि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने का फैसला लिया था. राज्य के प्रधान गृह सचिव ने तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से जल्द से जल्द घाटी छोड़ने का सुझाव दिया. इसके बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर आए. विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने भी विद्यार्थियों को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया है. एनआईटी जैसी संस्थाओं के छात्रों को रेलवे और अन्य साधनों से अपने घर जाते देखा गया.

खिलाड़ियों पर भी आंच !
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम के मार्गदर्शक और भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान किशोर खिलाड़ियों के साथ श्रीनगर से रवाना हो गए हैं. वह अंडर-16 (विजय मर्चेंट ट्राफी) और अंडर-19 (कूचबेहार ट्राफी) के ट्रायल्स को देखने और संभावित खिलाड़ियों की सूची तैयार करने के लिए श्रीनगर में थे.

पठान ने कहा, 'हमने जूनियर टीम ट्रायल्स के दूसरे चरण को फिलहाल स्थगित कर दिया है.... चूंकि सरकारी परामर्श जारी किया गया है... मेरी जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ बैठक हुई ... उसमें तय हुआ कि लड़कों को वापस भेज दिया जाए.'

(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)

श्रीनगर: आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच जम्मू- कश्मीर में हालात संशय से भरे हुए हैं. प्रशासन ने घाटी समेत कई इलाकों में धारा 144 भी लगाई है. कई नेताओं को नजरबंद किया गया है.

रविवार को महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई गई. मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर भी आंशिक रोक लगाई गई है. पुलिस ने कहा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये एहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं.

अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि यहां पूरे शहर तथा कश्मीर घाटी के अन्य खतरा संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. बता दें कि सुरक्षाबल पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं.

अधिकारियों के मुताबिक शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे, केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं.

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जम्मू क्षेत्र में भी सुरक्षा बढ़ाई दी गयी है. सीमावर्ती पुंछ और राजौरी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है.

अधिकारियों ने कहा कि आतंकी हमलों की धमकी के मद्देनजर कार्रवाई की जा रही है. बीते दो दिनों में अलग-अलग जिलों में आरएएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ समेत विभिन्न केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कई कंपनियों को तैनात किया गया है.

अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में तैनात आरएएफ की टुकड़ियों ने सुरक्षा अभ्यास के तहत स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के साथ एक इलाके में गश्त की.

जम्मू क्षेत्र में हालात कमोबेश सामान्य रहे हैं, लेकिन राजौरी और पुंछ, डोडा, किश्तवाड़ समेत विभिन्न जिलों से आ रहीं रिपोर्टों के मुताबिक भारी संख्या में बलों की तैनाती से लोगों में घबराहट है.

इससे पहले दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की.

रविवार को दिल्ली में घंटे भर चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. शाह और डोवाल की बैठक ऐसे समय में हुई है जब नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच ताजा झड़प हुई.

ये भी पढ़ें: भारतीय सेना ने PAK सेना की घुसपैठ को किया नाकाम, 5-7 आतंकी मार गिराये

इससे पहले शनिवार को सेना ने केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर 'बैट' के हमले को विफल कर दिया और पांच-सात घुसपैठियों को मार गिराया. बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) में आम तौर पर पाकिस्तान सेना के विशेष सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी होते हैं.

क्या है सरकारी सुझाव, क्यों कश्मीर से लौट रहे हैं लोग
गौरतलब है कि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने का फैसला लिया था. राज्य के प्रधान गृह सचिव ने तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से जल्द से जल्द घाटी छोड़ने का सुझाव दिया. इसके बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर आए. विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने भी विद्यार्थियों को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया है. एनआईटी जैसी संस्थाओं के छात्रों को रेलवे और अन्य साधनों से अपने घर जाते देखा गया.

खिलाड़ियों पर भी आंच !
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम के मार्गदर्शक और भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान किशोर खिलाड़ियों के साथ श्रीनगर से रवाना हो गए हैं. वह अंडर-16 (विजय मर्चेंट ट्राफी) और अंडर-19 (कूचबेहार ट्राफी) के ट्रायल्स को देखने और संभावित खिलाड़ियों की सूची तैयार करने के लिए श्रीनगर में थे.

पठान ने कहा, 'हमने जूनियर टीम ट्रायल्स के दूसरे चरण को फिलहाल स्थगित कर दिया है.... चूंकि सरकारी परामर्श जारी किया गया है... मेरी जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ बैठक हुई ... उसमें तय हुआ कि लड़कों को वापस भेज दिया जाए.'

(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)

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JK-LDALL SITUATION
Kashmir on edge: Security beefed up, restrictions imposed, Internet services suspended, many leaders 'detained or arrested'
          Srinagar, Aug 4 (PTI) Kashmir remained on edge as the authorities stepped up security at vital installations and in sensitive areas, suspended mobile internet services and either "arrested" or "detained" several leaders in fast-paced developments on Sunday night.
          Officials said restrictions on movement of people would come into force in Kashmir Valley at the crack of dawn.
          The officials said former chief ministers Omar Abdullah and Mehbooba Mufti would not be allowed to move out of their respective house in view of the restrictions, while Congress leader Usman Majid and CPI(M) MLA M Y Tarigami claimed to have been arrested around midnight.
          However, no official confirmation of the arrests was immediately available.
          "I believe I'm being placed under house arrest from midnight tonight & the process has already started for other mainstream leaders. No way of knowing if this is true but if it is then I'll see all of you on the other side of whatever is in store," National Conference leader Abdullah tweeted.
          "To the people of Kashmir, we don't know what is in store for us but I am a firm believer that what ever Almighty Allah has planned it is always for the better, we may not see it now but we must never doubt his ways. Good luck to everyone, stay safe & above all PLEASE STAY CALM," he said in another tweet.
          Reacting to the development, Peoples Democratic Party president Mehbooba said, "How ironic that elected representatives like us who fought for peace are under house arrest. The world watches as people & their voices are being muzzled in J&K. The same Kashmir that chose a secular democratic India is facing oppression of unimaginable magnitude. Wake up India."
          Responding to Abdullah's tweet, Congress leader Shashi Tharoor said, "You are not alone @OmarAbdullah. Every Indian democrat will stand with the decent mainstream leaders in Kashmir as you face up to whatever the government has in store for our country. Parliament is still in session & our voices will not be stilled."
          "What is going on in J&K? Why would leaders be arrested overnight while having done no wrong? If Kashmiris are our citizens &their leaders our partners, surely the mainstream ones must be kept on board while we act against terrorists & separatists? If we alienate them, who's left?" he said in another tweet.
          Mobile Internet services have been suspended in Kashmir Valley, the officials said, adding that satellite phones were being provided to police officials and district magistrates.
          The government imposed restrictions under Section 144 CrPC in Srinagar district with effect from midnight.
          As per the order, there will be no movement of public and all educational institutions shall also remain closed.
          There will be a complete bar on holding any kind of public meetings or rallies during the period of operation of this order.
          After the Jammu and Kashmir administration curtailed the Amarnath Yatra and asked pilgrims and tourists to leave the valley at the earliest on Friday, anxious residents continue to throng markets to stock on essentials and serpentine queues have been visible outside shops and fuel stations.
          The Anantnag district administration, in view of "panic stocking",ordered all fuel station dealers not to sell petrol or diesel without permission from the district magistrate or an authorised officer.
          Various educational institutions in Kashmir Valley also directed their students to vacate hostels.
          The authorities in Jammu and Udhampur district also ordered closure of schools and colleges as precautionary measures.
          The University of Jammu will remain closed on Monday and all scheduled examinations have been postponed.
          The authorities have imposed night curfew in Kishtwar, Rajouri districts and Banihal area of Ramban district.
          Additional paramilitary forces, which arrived in Kashmir in the past few days, have been deployed across the city and in other vulnerable areas of the valley, the officials said.
         The strength of the security personnel has been increased around vital installations such as the civil secretariat, police headquarters, airport and various central government establishments in the city, they said.
         Barricades have been erected on many arterial roads, including the entry and exit points to Srinagar, the summer capital of the state.
         Riot control vehicles have also been kept on standby in some areas where apprehension of law and order disturbances is more, the officials added.
         In Delhi, Union Home Minister Amit Shah held a meeting with top security officials on Sunday and is believed to have discussed the prevailing situation in Jammu and Kashmir, officials said.
         The hour-long meeting was attended by National Security Advisor Ajit Doval, Union Home Secretary Rajiv Gauba and other senior officials.
         Political parties in J-K had expressed apprehensions about such action after the Centre deployed additional troops and curtailed the Amarnath Yatra.
          Jammu and Kashmir Governor S P Malik had earlier dismissed speculations that the Centre might be planning to do away with Article 35A of the Constitution, which gives exclusive rights to the state's residents in government jobs and land.
          The parties on Sunday unanimously resolved to fight any attempt to abrogate the constitutional provisions that guarantee it special status or any move to trifurcate the state or "unconstitutional delimitation", NC leader Farooq Abdullah said.
          The meeting was also attended by Mehbooba, Omar Abdullah, Taj Mohiuddin (Congress), Muzaffar Beig (PDP), Sajad Lone and Imran Ansari (Peoples Conference), Shah Faesal (J&K Peoples Movement) and M Y Tarigami (CPI-M). PTI SSB MIJ SMN CK
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08050103
NNNN
Last Updated : Aug 5, 2019, 6:35 AM IST
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