श्रीनगर: आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच जम्मू- कश्मीर में हालात संशय से भरे हुए हैं. प्रशासन ने घाटी समेत कई इलाकों में धारा 144 भी लगाई है. कई नेताओं को नजरबंद किया गया है.
रविवार को महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई गई. मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर भी आंशिक रोक लगाई गई है. पुलिस ने कहा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये एहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं.
अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं.
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अधिकारियों ने बताया कि यहां पूरे शहर तथा कश्मीर घाटी के अन्य खतरा संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. बता दें कि सुरक्षाबल पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं.
अधिकारियों के मुताबिक शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे, केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं.
कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जम्मू क्षेत्र में भी सुरक्षा बढ़ाई दी गयी है. सीमावर्ती पुंछ और राजौरी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि आतंकी हमलों की धमकी के मद्देनजर कार्रवाई की जा रही है. बीते दो दिनों में अलग-अलग जिलों में आरएएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ समेत विभिन्न केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कई कंपनियों को तैनात किया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में तैनात आरएएफ की टुकड़ियों ने सुरक्षा अभ्यास के तहत स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के साथ एक इलाके में गश्त की.
जम्मू क्षेत्र में हालात कमोबेश सामान्य रहे हैं, लेकिन राजौरी और पुंछ, डोडा, किश्तवाड़ समेत विभिन्न जिलों से आ रहीं रिपोर्टों के मुताबिक भारी संख्या में बलों की तैनाती से लोगों में घबराहट है.
इससे पहले दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की.
रविवार को दिल्ली में घंटे भर चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. शाह और डोवाल की बैठक ऐसे समय में हुई है जब नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच ताजा झड़प हुई.
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इससे पहले शनिवार को सेना ने केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर 'बैट' के हमले को विफल कर दिया और पांच-सात घुसपैठियों को मार गिराया. बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) में आम तौर पर पाकिस्तान सेना के विशेष सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी होते हैं.
क्या है सरकारी सुझाव, क्यों कश्मीर से लौट रहे हैं लोग
गौरतलब है कि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने का फैसला लिया था. राज्य के प्रधान गृह सचिव ने तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से जल्द से जल्द घाटी छोड़ने का सुझाव दिया. इसके बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर आए. विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने भी विद्यार्थियों को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया है. एनआईटी जैसी संस्थाओं के छात्रों को रेलवे और अन्य साधनों से अपने घर जाते देखा गया.
खिलाड़ियों पर भी आंच !
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम के मार्गदर्शक और भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान किशोर खिलाड़ियों के साथ श्रीनगर से रवाना हो गए हैं. वह अंडर-16 (विजय मर्चेंट ट्राफी) और अंडर-19 (कूचबेहार ट्राफी) के ट्रायल्स को देखने और संभावित खिलाड़ियों की सूची तैयार करने के लिए श्रीनगर में थे.
पठान ने कहा, 'हमने जूनियर टीम ट्रायल्स के दूसरे चरण को फिलहाल स्थगित कर दिया है.... चूंकि सरकारी परामर्श जारी किया गया है... मेरी जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ बैठक हुई ... उसमें तय हुआ कि लड़कों को वापस भेज दिया जाए.'
(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)